
रक्ताल्पता के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार Publish Date : 20/09/2025
रक्ताल्पता के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
जब खून में हीमोग्लोबिन अर्थात रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है तो इस स्थिति को रक्ताल्पता या एनीमिया कहते हैं। इस रोग में शरीर के ब्लड सेल्स लेवल सामान्य से कम हो जाता है। महिलाओं में एनीमिया की शिकायत अधिक पाई जाती है। इसका मुख्य कारण महिलाओं में होने वाला मासिक धर्म होता है। क्या आप जानते हैं कि एनीमिया क्या है, और एनीमिया के लक्षण क्या है, एनीमिया होने के कारण क्या-क्या हो सकते हैं, और एनीमिया का लिए घरेलू उपचार कैसे किया जा सकता है।
हालांकि पुरुष भी एनीमिया के शिकार हो सकते हैं। आमतौर पर पुरुषों में 13.5 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन और महिलाओं में 12 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन हो तो इस स्थिति को एनीमिया कहते हैं। आप एनीमिया से ग्रस्त होने पर घरेलू उपचार से अपने को स्वस्थ बना सकते हैं।
एनीमिया क्या होता है?
रस-रक्तादि धातुओं में पित्त प्रधान त्रिदोष के कारण धातुओं के पोषण क्रम में शिथिलता उत्पन्न हो जाती है। दोषों के कारण बल, वर्ण और ओज के गुणों का क्षय होने लगता है। परिणाम स्वरूप अल्परक्तता उत्पन्न हो जाती है। फलस्वरूप एनीमिया रोग उत्पन्न हो जाता है।
एनीमिया होने के कारण?
एनीमिया पोषण के कमी के अलावा अन्य बहुत सारे कारण होते हैं जिनमें से प्रमुख हैं-
-एनीमिया के वंशानुगत रुप है और शिशु जन्म लेने के बाद ही स्थिति से पीड़ित हो सकते हैं।
-कुछ चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी एनीमिया हो सकता है जैसे पोषक तत्वों से रहित आहार भी एक प्रमुख कारक है।
-एनीमिया का सबसे मुख्य रुप लोहे की कमी एनीमिया है जिसे आसानी से आहार में बदलाव और आयरन की खुराक प्रदान करने के साथ इलाज किया जा सकता है।
-एनीमिया का सबसे बढ़ा कारण आर.बी.सी के असामान्य उत्पादन से होता है।
-लाल रक्त कोशिकाओं की कमी रक्तस्राव के कारण हो सकती है, जो अक्सर समय के साथ इस प्रकार का गंभीर रक्तस्राव निम्नलिखित कारणों की वजह से हो सकता है।
- जठरात्र से संबंधित समस्याएं जैसे- अल्सर, बवासीर, जठर-शोथ और कैंसर।
- महिलाओं में मासिक धर्म और प्रसव, खास तौर से जब मासिक धर्म में अत्यधिक खून बह रहा हो और कई बार गर्भावस्था हुई हो।
- यदि आप गर्भवती हों और फोलिक एसिड के साथ मल्टी विटामिन न लेती हो तो आपको एनीमिया होने का जोखिम हो सकता है।
- जिन लोगों की उम्र 65 वर्ष से अधिक होती है, उन्हें एनीमिया होने का जोखिम होता है।
महिलाओं में अक्सर एनीमिया की कमी होती है जिसका मूल कारण हैं-
-पुरुषों की तुलना में महिलाएं एनीमिया की अधिक शिकार बनती हैं। वर्तमान युग में लड़कियों में डाइटिंग का ट्रेन्ड चला है, जिससे यह लड़कियां एनीमिया की शिकार बनती जा रही हैं।
-दूध पिलाने वाली महिलाओं को भी एनीमिया हेने का खतरा बना रहता है।
-मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्त निकलने से एनीमिया हो सकता है।
-गर्भाशय का ट्यूमर होने से भी एनीमिया हो सकता है।
-दूध पिलाने वाली महिलाओं को भी एनीमिया होने का खतरा बना रहता है।
-हेल्दी महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का नार्मल लेवल 11 हउ/कस होता है।
एनीमिया के लक्षण
एनीमिया होने में शरीर में रक्त की कमी होने के साथ-साथ यह लक्षण मूल रूप से दिखाई देते हैं-
-काम करते समय जल्दी थक जाना।
-सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलना।
-दिनभर कमजोरी महसूस होना।
-अधिकतर समय सांस लेने में कमजोरी होती है।
-आंखों के सामने अंधेरा छाना।
-चक्कर आना।
-सीने और सिर में दर्द होना।
-पैरों के तलवों और हथेलियों का ठंडा होना।
-आँखों का पीलापन, एनीमिया दर्शाने का सर्वोत्तम तरीका है।
-एनीमिया की वजह से आपके बाल भी झड़ सकते हैं।
एनीमिया से कैसे बचें?
आमतौर पर असंतुलित भोजन भी एनीमिया का एक अहम कारण होता है। एनीमिया के कुछ प्रकारों से तो बचा नहीं जा सकता, क्योंकि यह अनुवांशिक होते हैं। लेकिन मूल रूप से डायट में थोड़ा बदलाव करने की आवश्यकता होती है। एनीमिया से बचाव के लिए आपको अपनी जीवन शैली में थोड़ा परिवर्तन करना पड़ेगा। एनीमिया मुख्यत शरीर में खून की कमी से होता है। एनीमिया से बचाव के लिए ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़े जैसे चुकंदर, गाजर, पालक, बथुआ और अन्य हरी सब्जियां आदि।
काले चने और गुड़ भी आयरन का एक भरपूर स्रोत होते है। अतः आपको सब्जी बनाने के लिए लोहे की कड़ाही का उपयोग करना चाहिए। इसके अकितरिक्त कुछ अन्य उपाय भी अपनाए जा सकते हैं जैसे-
-एनीमिया के रोगी को भरपूर मात्रा में दूध का सेवन करना चाहिए।
-केला, सेब आदि ताजे फलों का सेवन करना चाहिए।
-सब्जियों में हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, शकरकंद और साबुत अनाज को अपने खाने में शामिल करें।
-विटामिन-बी और फॉलिक एसिड को डाईट में शामिल करें।
-किशमिश और सूखे आलू बुखारे भी अपनी डाईट में शामिल करें।
-विटामिन-सी आयरन को शरीर से कम नहीं होने देता। इसके लिए आंवला, संतरा, मौसमी जैसी चीजों को सेवन अधिक करना चाहिए।
-मूंगफली का मक्खन आयरन युक्त होता है। यदि आपको मूंगफली का मक्खन पसंद ना हो तो आप भुनी हुई मूंगफलियां भी खा सकते हैं।
-साबुत अनाज की रोटी आयरन से युक्त होती है। यह आयरन की कमी को पूरा करने में प्रभावशाली होती है।
-मछली आयरन युक्त होती है और एनीमिया रोग में उपयोगी होती है।
-खजूर आयरन से युक्त होते हैं और एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक होता है।
-चाय और कॉफी का सेवन कम करना चाहिए।
-विटामिन-सी का सेवन ज्यादा करना चाहिए।
-अधिक पानी पीना चाहिए।
एनीमिय रोग में प्रभावी जीवनशैली-
-प्रतिदिन योगाभ्यास करने से एनीमिया जैसी बीमारी दूर की जा सकती है। सूर्य नमस्कार, सर्वांगासन, श्वासन और पश्चिमोत्तासन करने से पूरे शरीर में रक्त का फ्लो बढ़ जाता है।
-दिन में दो बार ठंडे पानी से स्नान करें।
-सुबह के समय सूरज की रोशनी में अवश्य बैठें।
एनीमिया के उपचार के लिए कुछ घरेलू उपाय
आमतौर पर एनीमिया की समस्या को कम करने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्खे आजमाते हैं। ऐसे में जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो एनीमिया कम करने में सहायता कर सकते हैं-
अंजीर का सेवन एनीमिया के उपचार में लाभकारीः
एनीमिया की शिकायत होने पर अंजीर का सेवन इस तरह से करें। 10 मुनक्के और 5 अंजीर को एक ग्लास दूध में उबाल लें और फिर सेवन करें।
बादाम का सेवन एनीमिया का उपचार
एनीमिया में बादाम का सेवन करना चाहिए, इससे खून की कमी दूर करने में सहायता प्राप्त होती है। यह शरीर को भी स्वस्थ बनाए रखता है।
मेथी का सेवन से एनीमिया का उपचार
आप मेथी से एनीमिया का उपचार कर सकते हैं। मेथी का सेवन करने से खून बढ़ता है। कच्ची मेथी खाने से भी शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलता है।
एनीमिया के इलाज की आयुर्वेदिक दर्वा है पालक
पालक आसानी से मिलने वाली एक शाक है। खून की कमी को दूर करने के लिए पालक का सेवन करना बहुत जरूरी है। पालक में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है।
एनीमिया के उपचार में सोयाबीन के लाभ
आप भी यह जानते होंगे कि सोयाबीन शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसके सेवन से शरीर में खून की वृद्धि होती है। खून की कमी दूर करने के लिए सोयाबीन का महत्वपूर्ण स्थान है।
सेब के रस से एनीमिया का इलाज
सेब के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से खून की कमी दूर होती है।
खून की कमी, करें तुसली
तुलसी का नियमित रूप से सेवन करने से खून की कमी की समस्या दूर होती है।
खून की कमी होने पर करें चुकंदर का सेवन
चुकंदर में आयरन बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। इसे आप सलाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। एनीमिया की समस्या में इसका रस दिन में दो बार सेवन करें।
खून की कमी होने पर अंगूर का प्रभाव
अंगूर में आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है, इसलिए एनीमिया से ग्रस्त व्यक्ति को अंगूर का सेवन अवश्य करना चाहिए।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।