विटामिन B-12 की पूर्ती के लिए आयुर्वेदिक उपाय      Publish Date : 19/09/2025

            विटामिन B-12 की पूर्ती के लिए आयुर्वेदिक उपाय

                                                                                                                                                                              डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

हममें से अधिकतर लोग यह जानते हैं कि विटामिन B-12 शरीर के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विटामिन होता है। इस विटामिन की कमी से थकान, चक्कर आना, श्वास लेने में कठिनाई, छाले बनना, मानसिक परिवर्तन और शरीर में ठंडक महसूस हो सकती है।

इस विटामिन की कमी की पूर्ती करने के लिए आप संतुलित आहार खाएं, ध्यानपूर्वक भोजन करें, त्रिफला, अदरक और नींबू, अश्वगंधा और शतावरी आदि का सेवन करें, नियमित व्यायाम करें और धूप में बैठें। आयुर्वेदिक तरीकों से विटामिन बी12 की कमी को पूरा किया जाना बहुत आसन और हानिरहित तरीका हो सकता है।

विटामिन बी12 एक पानी में घुलनशील विटामिन है जो शरीर के भीतर विभिन्न शारीरिक क्रियाओं को पूर्ण करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विटामिन डीएनए बनाने वाली तंत्रिका की कोशिकाओं के बेहतर कामकाज के लिए बहुत आवश्यक होता है। विटामिन बी12 लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने के लिए भी आवश्यक होता है। यह दिमागी कामकाज, खून की कमी पूरी करने, शरीर में ऊर्जा के उत्पादन करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने, हड्डियों और मसल्स को ताकत देने का महत्वपूर्ण काम भी करता है।

                                                                  

विटामिन ठ12 की कमी से प्रभावित व्यक्ति को अधिक थकान महसूस हो सकती है,। इसकी कमी से चक्कर आने की समस्या हो सकती है, आपको श्वास लगाने में भी कठिनाई हो सकती है, शरीर में छाले आ सकते हैं, मानसिक स्थिति में परिवर्तन हो सकता है, जैसे कि भ्रम और उदासी। इतना ही नहीं इसकी कमी से हाथ-पैरों में ठंडक महसूस हो सकती है और उनमें झनझनाहट भी हो सकती है।

ऐसा माना जाता है कि नॉन-वेज फूड्स खाने से विटामिन B-12 की कमी पूरी हो जाती है। हालांकि इसके लिए आप कुछ आयुर्वेदिक तरीके भी अपना सकते हैं। मेरठ के कंकर खेड़ा में आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे डॉ0 सुशील शर्मा के अनुसार, आयुर्वेद सीधे तौर पर विटामिन बी12 की कमी को संबोधित नहीं करता है, लेकिन यह उन प्रथाओं को बढ़ावा देता है जो समग्र स्वास्थ्य में योगदान करते हैं।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।