सफेद मूसली का सेवन करने के लाभ हानि एवं इसके उपयोग      Publish Date : 06/09/2025

       सफेद मूसली का सेवन करने के लाभ हानि एवं इसके उपयोग

                                                                                                                                                                       ज्ञॅ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

सफेद मूसली आयुर्वेद की एक ऐसी शक्तिवर्धक जड़ी-बूटी है जिसका मुख्य रूप से उपयोग सेक्स पावर बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन सफेद मूसली के लाभ केवल सेक्स क्षमता बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह गठिया, डायबिटीज, यूटीआई आदि अन्य बीमारियों को दूर करने में भी उपयोग किया जाता है। सफेद मूसली का उपयोग आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में प्रमुखता से किया जाता है।

सफेद मूसली आमतौर पर बरसात के मौसम में जंगलों में अपने आप उग आती है लेकिन इसकी उपयोगिता को देखते हुए अब पूरे देश में सफेद मूसली की खेती भी की जाने लगी है। वर्तमान में इसके औषधीय गुणों को देखते हुए बाज़ार में सफेद मूसली के पाउडर और कैप्सूल भी मिलने लगे हैं। सेक्स संबंधी समस्याओं में यह बहुत अधिक लाभकारी है और कुछ जगहों पर इसे “हर्बल वियाग्रा”  के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि अभी भी सफेद मूसली के लाभ और हानि से जुड़े पर्याप्त चिकित्सकीय प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

सफेद मूसली में पाए जाने वाले पोषक तत्वः

                                                                      

आयुर्वेद के अनुसार सफेद मूसली की जड़ें सबसे अधिक गुणकारी होती हैं। इसकी जड़ें विटामिन और खनिजों का भंडार होती हैं। सफेद मूसली की जड़ों के अलावा इसके बीज का उपयोग भी प्रमुखता से किया जाता है। इन जड़ों में कार्बाेहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, सैपोनिंस जैसे पोषक तत्व और कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि खनिज प्रमुखता से पाए जाते हैं।

सफेद मूसली के औषधीय गुणः

सफेद मूसली की गांठ वाली जड़ें और बीजों का उपयोग औषधि के रुप में सबसे अधिक किया जाता है। आमतौर पर सफेद मूसली का उपयोग सेक्स संबंधी समस्याओं के लिए अधिक अधिक यिा जाता है, लेकिन इसके अलावा सफेद मूसली का उपयोग आर्थराइटिस, कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज) और नपुंसकता आदि रोगों के इलाज में और शारीरिक कमजोरी दूर करने में भी प्रमुखता से किया जाता है। कमजोरी दूर करने की यह सबसे प्रचलित आयुर्वेदिक औषधि है। जानवरों पर किये एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं साथ ही यह सेक्स संबंधी गतिविधि को बढ़ाती है और टेस्टोस्टेरोन जैसे प्रभाव वाले सेक्स हार्माेन का स्तर बढ़ाती है।

सफेद मूसली के सेवन करने की विधिः

सफेद मूसली के लाभों के बारे में जानकारियां तो आसानी से उपलब्ध हैं लेकिन सफेद मूसली खाने की विधि के बारे में ज्यादा जानकारी इंटरनेट पर मौजूद नहीं है। अधिकांश लोग यह जानना चाहते हैं कि सफेद मूसली कैसे खाएं?

इस बात का ध्यान रखें कि सेवन से पहले सफेद मूसली की खुराक के बारे में जानना ज़रुरी है, क्योंकि गलत या ज्यादा खुराक का सेवन नुकसानदायक हो सकती है। बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही सफेद मूसली का सेवन करें। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सफेद मूसली के सेवन के लिए मुख्य रुप से मूसली चूर्ण या मूसली पाउडर और मूसली पाक का उपयोग किया जाता है। सामान्य रुप से सफेद मूसली को दूध के साथ खाने की सलाह दी जाती है।

आमतौर पर सफेद मूसली की सामान्य खुराक निम्नलिखित हैः

सफेद मूसली चूर्णः 1-2 ग्राम दिन में दो बार।

सफेद मूसली कैप्सूलः 1-2 कैप्सूल दिन में दो बार।

मूसली पाकः आधा-आधा चम्मच दिन में दो बार।

हालांकि इसकी खुराक व्यक्ति की उम्र, लिंग और रोग के आधार पर तय की जाती है इसलिए चिकित्सक द्वारा निर्धारित खुराक के अनुसार ही सेवन करना चाहिए। हमारे प्रस्तुत लेख में आयुर्वेदिक चिकित्सक ‘डॉ0 सुशील शर्मा सफेद मूसली के लाभ, हानि और खुराक के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

सफेद मूसली के लाभः

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार सफेद मूसली मुख्य रुप से पित्तशामक और वातशामक है लेकिन यह कफ दोष को बढ़ाती है। इसी वजह से कफ संबंधी समस्याओं में इससे परहेज करना चाहिए। सफेद मूसली में कामोत्तेजक गुण होते हैं और यह शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी बीमारियों में बहुत उपयोगी साबित होती है। डॉ0 शर्मा बता रहें हैं कि यौन विकारों समेत सफेद मूसली और किन किन समस्याओं में उपयोगी है और कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए।

सेक्स पावर बढ़ाने में उपयोगीः

आप किसी से भी सफेद मूसली के फायदे से प्रापत् ल्ज्ञीज्ञज्ञै। के बारे में बात करेंगे तो वळ आपको झट से यही बतायेगा कि सफेद मूसली यौन शक्ति बढ़ाती है वहीं कुछ लोग तो इसका इस्तेमाल हर्बल वियाग्रा के तौर पर भी करते हैं। जानवरों पर किये एक शोध में पाया गया कि सफेद मूसली पाउडर में ऐसे गुण होते हैं जो कामोत्तेजना बढ़ाने के साथ साथ टेस्टोस्टेरोन जैसे सेक्स प्रभाव वाले हार्माेन का स्तर बढ़ा सकती हैं। इसलिए सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिए सफ़ेद मूसली का उपयोग करना सही है।

खुराक और सेवन की विधिः यौन शक्ति बढ़ाने के लिए आधा चम्मच मूसली पाउडर को गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार खाना खाने के बाद लें।

शीघ्रपतन रोकने में उपयोगीः

खराब जीवनशैली और खानपान के चलते अधिकांश लोग शीघ्रपतन की समस्या से ग्रसित रहते हैं। कई लोग संकोच के कारण डॉक्टर के पास भी नहीं जाते हैं और इंटरनेट पर शीघ्रपतन रोकने के उपाय खोजते रहते हैं। ऐसे लोगों के लिए सफेद मूसली एक कारगर औषधि है। इसे आप शीघ्रपतन की दवा के रुप में उपयोग कर सकते हैं।  

खुराक और सेवन की विधिः आधा चम्मच सफेद मूसली पाउडर में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर दूध के साथ दिन में दो बार सेवन करें।

इरेक्टाइल डिसफंक्शनः

सेक्स के दौरान लिंग में उत्तेजना या तनाव की कमी होना इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या कहलाती है। स्ट्रेस, डिप्रेशन या किसी दीर्घकालिक बीमारी के कारण यह समस्या किसी को भी हो सकती है। सफेद मूसली सेक्स की इच्छा को बढ़ाती है साथ ही यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को भी ठीक करने में मदद करती है। अक्सर डायबिटीज या अन्य किसी बीमारी के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में सफ़ेद मूसली के सेवन से आप इस खतरे को प्रभावी तरीके से रोक सकते हैं।

खुराक और सेवन की विधिः सफेद मूसली के कैप्सूल आज कल बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हैं। 1-1 कैप्सूल सुबह शाम पानी या दूध के साथ सेवन करें।

नपुंसकता से बचावः

एक शोध के अनुसार सफेद मूसली वीर्य का उत्पादन बढ़ाती है और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करती है। ऐसा माना जाता है कि इसके नियमित सेवन से नपुंसकता के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कौंच के बीज के साथ सफेद मूसली का सेवन नपुंसकता के इलाज में काफी उपयोगी माना जाता है। 

खुराक और सेवन की विधिः नपुंसकता दूर करने के लिए एक से डेढ़ चम्मच मूसली पाक को गाय के दूध के साथ दिन में दो बार सेवन करें।

स्पर्म क्वालिटी में सुधारः

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि सफेद मूसली शुक्राणुओं की संख्या (स्पर्म काउंट) बढ़ाने में मदद करती है, हालांकि इसके वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलते हैं। लेकिन यह बात पूरी तरह सच है कि सफेद मूसली के सेवन से स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार होता है और इससे शुक्राणुओं की गतिशीलता भी बढ़ती है जिससे शुक्राणु पूरी तरह स्वस्थ रहते हैं।

खुराक और सेवन की विधिः स्पर्म की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए आधा चम्मच मूसली पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करें।

स्वप्नदोष की समस्या में सहायकः

स्वप्नदोष एक आम समस्या है और इसके होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अगर आप ‘स्वप्नदोष की आयुर्वेदिक दवा’ खोज रहे हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सफेद मूसली के सेवन से स्वप्नदोष की समस्या पर तो अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन यह स्वपनदोष के बाद होने वाली शारीरिक कमजोरी को दूर करने में बहुत ही लाभकारी है। अगर आप भी बार बार स्वप्नदोष होने की वजह से कमजोरी महसूस कर रहे हैं तो सफेद मूसली का सेवन ज़रुर करें।

खुराक और सेवन की विधिः आधा चम्मच सफेद मूसली पाउडर को गुनगुने दूध के साथ मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद लें। इससे स्वप्नदोष के बाद होने वाली कमजोरी जल्दी दूर होती है।

बॉडी बिल्डिंगः

सेक्स क्षमता बढ़ाने के अलावा शरीर की ताकत बढ़ाना, सफेद मूसली के प्रमुख लाभों में शामिल है। यही कारण है कि आज के समय में अधिकांश जिम जाने वाले लड़के बॉडी बिल्डिंग के लिए सफेद मूसली को सप्लीमेंट की तरह उपयोग करते हैं। अगर आप भी शारीरिक रुप से कमजोर हैं या थोड़ी सी मेहनत करने के बाद थक जाते हैं तो सफेद मूसली आपके लिए बहुत फायदेमंद है।

खुराक और सेवन की विधिः सफेद मूसली के 1-1 कैप्सूल का सेवन सुबह और शाम को दूध या पानी के साथ करें।

इम्युनिटी बढ़ाने में सहायकः

सफेद मूसली शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है जिससे सर्दी-जुकाम समेत कई तरह की संक्रामक बीमारियों से आपका बचाव होता है। अगर आप बार बार सर्दी-जुकाम या फ्लू के शिकार हो रहे हैं तो ऐसे में इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए सफेद मूसली का सेवन कर स्वस्थ रह सकते हैं।

खुराक और सेवन की विधिः आधा चम्मच मूसली पाक को एक चम्मच शहद या एक गिलास दूध के साथ सुबह शाम सेवन करें।

वजन को कम करने में सहायकः

यह सच है कि सफेद मूसली शारीरिक शक्ति को बढ़ाती है और ताकत बढ़ाने वाली कोई भी आयुर्वेदिक औषधि शरीर के वजन को भी बढ़ाती है। यही कारण है कि सफेद मूसली का दूध के साथ सेवन आपके वजन को बढ़ा सकता है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यदि आप इसका सेवन गर्म पानी के साथ करें तो यह वजन कम करने में मदद करती है। इसलिए अगर आप मोटापे या बढ़ते वजन से परेशान हैं तो गर्म पानी के साथ सफेद मूसली का सेवन करें।

खुराक और सेवन की विधिः आधा चम्मच मूसली पाउडर को गर्म पानी के साथ वर्कआउट करने के कुछ देर बाद लें। ध्यान रखें कि अगर आप वजन घटाने के लिए सफेद मूसली का सेवन कर रहे हैं तो दूध के साथ इसके सेवन से परहेज करें क्योंकि उससे वजन बढ़ सकता है।

मूत्र संबंधी रोगों को दूर करने में सहायकः

पेशाब करते समय तेज जलन होना या बार बार पेशाब होने जैसी समस्याओं से आराम दिलाने में भी सफेद मूसली कारगर है। इसके अलावा जिन महिलाओं को ल्यूकोरिया या सफेद पानी की समस्या है उनके लिए भी सफेद मूसली बहुत फायदेमंद है। यह ल्यूकोरिया की समस्या को कुछ ही दिनों में ठीक कर देती है।

खुराक और सेवन की विधिः मूत्र संबंधी रोगों से आराम पाने के लिए आधा चम्मच सफेद मूसली पाउडर को गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार करें।

आर्थराइटिस में भी असरकारीः

उम्र बढ़ने के साथ साथ हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना एक आम समस्या है। अपने देश में अधिकांश बुजुर्ग आर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित रहते हैं। सफेद मूसली के सेवन से आर्थराइटिस में होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन से आराम मिलता है।

खुराक और सेवन की विधिः आधा चम्मच मूसली पाउडर दूध या पानी के साथ दिन में दो बार खाने के बाद लें।

कैंसर से बचाव में सहायकः

बहुत से विशेषज्ञों का दावा है कि सफेद मूसली के सेवन से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावी तरीके से मजबूत करती है जिससे कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने का खतरा कम होता है और कैंसर से बचाव होता है।

खुराक और सेवन की विधिः कैंसर से बचाव के लिए आधा चम्मच मूसली पाउडर को दूध या पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करें।

सफेद मूसली के नुकसान और सावधानियां:

यह सच है कि सफेद मूसली के लाभ बहुत अधिक हैं लेकिन अगर आप ज़रुरत से ज्यादा मात्रा में या गलत तरीके से इसका सेवन कर रहे हैं तो आपको सफेद मूसली के नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। हालांकि सफेद मूसली के नुकसान से संबंधित ज्यादा वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं लेकिन फिर भी कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञ इससे जुड़े नुकसानों के बारे में बताते हैं जैसेः

भूख में कमीः

अगर आप ज़रुरत से अधिक मात्रा में सफेद मूसली का सेवन कर रहे हैं तो यह आपकी भूख को कम कर सकती है। इसलिए डॉक्टर द्वारा बताई खुराक के अनुसार ही सेवन करें। अगर इसके सेवन के दौरान भूख में कमी महसूस हो तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें।

कफ में बढ़ोतरीः

सफेद मूसली की तासीर ठंडी होती है और यह शरीर में कफ को बढ़ाती है। इसलिए अगर आप कफ से जुड़ी समस्याओं से पहले से ही पीड़ित हैं तो सफेद मूसली के सेवन से परहेज करें या चिकित्सक की देखरेख में ही सफेद मूसली सेवन करें।

गर्भावस्था एवं स्तनपान की दशा में:

इस बात के पर्याप्त प्रमाण मौजूद नहीं है कि सफेद मूसली का गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान सेवन सुरक्षित है या नहीं, इसलिए इस दौरान सफेद मूसली के सेवन से परहेज करें। अगर आप इसका सेवन करना चाहती हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार करें।

पाचन तंत्र पर प्रभावः

अगर आपकी पाचन क्षमता कमजोर है तो सफेद मूसली की कम मात्रा का सेवन करें क्योंकि यह देरी से पचती है जिसके कारण आपको पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप दिन में एक बार सिर्फ आधा चम्मच सफेद मूसली चूर्ण का ही सेवन करें।

अब आप सफेद मूसली के फायदे और नुकसान से भलीभांति परिचित हो चुके हैं। अपनी ज़रुरत और रोग के हिसाब से इसका सेवन शुरु कर दें और स्वस्थ रहें। अगर सेवन के दौरान किसी तरह की समस्या होती है तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।