
हाजमे को सही रखकर डायबिटीज से बचें Publish Date : 01/09/2025
हाजमे को सही रखकर डायबिटीज से बचें
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
यदि आपका पाचन तंत्र सही रहता है, तो आप काफी हद तक मधुमेह (डायबिटीज) से बच सकते हैं। जो लोग पहले से ही इस रोग से ग्रसित हैं, वे भी अपने हाजमे को दुरुस्त रखकर ब्लड शुगर को प्रभावी तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं।
डायबिटीज के मामले दुनिया भर में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन भारत में डायबिटीज के रोगियों की संख्या दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक तेजी से बढ़ रही है।
कारणः डायबिटीज की समस्या इंसुलिन हार्माेन के कम उत्पादन अथवा इसका उत्पादन नही होने के चलते होती है। इंसुलिन का निर्माण अग्नाशय (पैन्क्रियाज) में होता है। आयुर्वेद के अनुसार पाचन क्रिया हमारे आमाशय और आंतों तक ही सीमित नहीं रहती है बल्कि इसमें आहार ग्रहण करने से लेकर धातु निर्माण तक की समस्त प्रक्रियाएं शामिल होती हैं।
सच तो यह है कि पाचन एक लंबी प्रक्रिया है और आहार से उत्पन्न हुए रस से रक्त आदि धातुओं का यथोचित निर्माण होने तक में तेरह प्रकार की अग्नियों की आवश्यकता पड़ती है। इसमें 1 जठराग्नि, 5 भूताग्नि और 7 धातुग्नि। यदि किसी कारण से इन अग्नियों में किसी प्रकार की कोई मंदता या तीक्ष्णता आ जाए तो शरीर की चयापचय क्रिया (मेटाबॉलिज्म) प्रभावित हो जाती है और डायबिटीज जैसे रोग उत्पन्न हो जाते हैं। यह भी निश्चित हो चुका है कि आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य के सामंजस्य का बिगड़ना ही डायबिटीज होने का प्रमुख कारण है।
आहारः समय पर भोजन न करना, बहुत कम या बहुत अधिक खाना और अपनी प्रकृति के विरुद्ध भोजन करने से हमारी अग्नियां असंतुलित हो जाती हैं। इन अग्नियों में जठराग्नि प्रमुख है जो खाए हुए आहार को पचाती है। जठराग्नि के असंतुलित या विषम होने से पूरी पाचन क्रिया ही बिगड़ जाती है। इसीलिए डायबिटीज के रोगियों को अपनी प्रकृति के अनुकूल समय पर सम्यक आहार ग्रहण करना बहुत आवश्यक है ताकि उनकी पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलती रहे।
निद्राः पाचन क्रिया को सुचारु रखने के लिए दूसरा प्रमुख आधार है निद्रा। अक्सर ऐसा देखा गया है कि जो लोग रात को देर तक जागते हैं या जिनको ठीक से नहीं आती या फिर बहुत कम सोने को मिलता है या बहुत देर तक सोते रहते हैं, उनका पेट ठीक से साफ नहीं होता। पेट में गैस बनने लगती है। इन सब कारणों से डायबिटीज से ग्रस्त लोगों का ब्लड शुगर अनियंत्रित हो जाता है।
नींद ब्रह्मचर्यः मौजूदा संदर्भ में ब्रह्मचर्य का अर्थ अलग है। यहां इसका अर्थ शारीरिक संबंध स्थापित करने से बचना नहीं बल्कि शारीरिक संबंध को नियंत्रित रखना है। असमय और अधिक शारीरिक संपर्क करने से हमारी अग्नियां प्रभावित होती हैं। इसके परिणामस्वरूप हमारा पाचन तंत्र बिगड़ जाता है और ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि हो जाती है।
ऐसे पाएं राहत
मानसिक तनांव से ग्रस्त लोगों की अग्नियां मंद पड़ जाती हैं। इस कारण तनाव ग्रस्त लोगों का पाचन तंत्र बिगड़ा हुआ रहता है। ऐसी स्थिति में कालांतर में डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है और अगर पहले से व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त है तो उसकी ब्लड शुगर अनियंत्रित हो जाती है। इसलिए पाचन क्रिया को बिगड़ने न दें तभी डायबिटीज से बचा जा सकता है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।