
प्रतिरोधक क्षमता को बनाए मजबूत ग्रीन लहसुन Publish Date : 27/08/2025
प्रतिरोधक क्षमता को बनाए मजबूत ग्रीन लहसुन
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
घर-घर उपयोग किये जाने वाले लहसुन से तो अमूमन हर कोई परिचित होता है। लेकिन सर्दी के मौसम में आने वाले ग्रीन लहसुन यानी उसके पत्ते और कच्चे बल्ब भी खासा प्रचलन में रहते हैं। लहसुन जहां खाने में लगने वाले तड़के की जान है, वहीं थोड़ा कम तीखे स्वाद वाला ग्रीन लहसुन खाने के स्वाद को दोगुना कर देता है। चाहे किसी भी रूप में सेवन किया जाए, खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ अपने औषधीय गुणों के कारण स्वास्थ्य की रखवाली भी करता है।
ग्रीन लहसुन में विटामिन-सी और बी, मैंगनीज, फॉस्फोरस, सेलेनियम, मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों के साथ कई एंटीऑक्सिडेंट, एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल और माइक्रोबियल गुण भी पाए जाते हैं।
करे इम्यून सिस्टम को बूस्ट
ग्रीन लहसुन में मौजूद सल्फ्यूरिक और ऑर्गेनिक एसिड युक्त एलिसिन कंपाउंड हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर करने के साथ-साथ कई बीमारियों से भी बचाव करता है। किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव करने, सूजन, दर्द और बदलते मौसम में होने वाली एलर्जी को कम करने में सुरक्षागार्ड का काम करता है।
अगर आप सर्दी-जुकाम या किसी भी प्रकार के फंगल संक्रमण से जूझ रहे हैं, तो नियमित रूप से सलाद या खाने में ग्रीन लहसुन को शामिल करना फायदेमंद साबित होगा।
पाचन तंत्र रहे दुरुस्त
एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ग्रीन लहसुन का नियमित सेवन पेट में किसी भी तरह की सूजन, जलन और दर्द को शांत करने में सहायक है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट तत्व पेट में बैक्टीरियल बैलेंस को बनाए रखते हैं, जो पेट की गड़बड़ियों को दूर कर पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं। यानी आपके पेट की सेहत काफी हद तक दुरुसत रहती है।
आयरन के अवशोषण में मददगार
एनीमिया या रेड ब्लड सेल्स, की कमी वाले व्यक्तियों के लिए नियमित दिंनचर्या में ग्रीन लहसुन का सेवन फायदेमंद है। इसकी सहायता से बढ़ने वाला एक तरह का प्रोटीन फेरोपोर्टिन ब्लड सेल्स में आयरन के अवशोषण और रिलीज या चयापचय में मदद करता है। शरीर में आयरन के स्तर में बढ़ोतरी होने से ब्लड काउंट में सुधार होता है, जिसका काफी अच्छा असर आपकी सेहत पर पड़ता है।
जोड़ों के दर्द में दे आराम
विटामिन-सी, मिनरल्स और एंटी ऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर लहसुन के नियमित सेवन से शरीर के सभी ऑर्गन्स में रक्तसंचार बेहतर होता है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में ज्यादा वायु या गैस बनने से रक्तसंचार कम होता है, हाथ-पैरों में दर्द रहता है। लहसुन में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सिडेंट तत्व शरीर से वायु दोष के निवारण में मदद करते हैं, जिससे सभी ऑर्गन्स में रक्तसंचार बेहतर होता है। हाथ-पैरों में दर्द और सूजन कम हो जाती है।
दिल का दोस्त
ग्रीन लहसुन में मौजूद पॉली सल्फाइड कंपाउंड हृदय की धमनियां खोलने और खून के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे हृदय कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रहता हैं। इसमें मौजूद मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे खनिज शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के स्तर को बृढ़ाते हैं, वहीं एलिसिनं सल्फर कंपाउंड बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के स्तर को कम करने में मदद करता है। ग्रीन लहसुन के नियमित सेवन से बीपी को भी नियंत्रित रखना आसान हो जाता है, जो हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का एक बड़ा कारण है।
शरीर को करे डिटॉक्सीफाई
मूत्रवर्धक प्रकृति का होने के कारण ग्रीन लहसुन का नियमित सेवन शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकाल कर हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। खासकर यह किडनी, लिवर और ब्लड प्यूरिफायर का काम करता है। मोटे शरीर वाले लोगों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। इसका सेवन करने से पहले बेहतर होगा कि आप किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से इसके सेवन के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।