आयुर्वेद के साथ स्वस्थ जीवन जीने के तरीकें      Publish Date : 23/08/2025

                          आयुर्वेद के साथ स्वस्थ जीवन जीने के तरीकें

                                                                                                                                     डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

आयुर्वेद केवल भारत ही नहीं अपितु दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धिति है। वेद पुराणों आदि सब में आयुर्वेद का विवरण प्राप्त होता है। आयुर्वेद का अर्थ है स्वस्थ जीवन जीने की एक वैज्ञानिक पद्धिति। आयुर्वेद के माध्यम से केवल रोगों का उपचार ही नहीं किया जाता है, बल्कि यह हमें स्वस्थ जीवन के तरीके भी बताया जाता है। आयुर्वेद में जड़ी बूटि के साथ ही दूसरी कई प्राकृतिक चीजों का उपयोग हमारी डेली लाइफ को अच्छा बनाने के लिए किया जाता है, जिससे कि हम जीवन सुखी, तनाव मुक्त और रोग मुक्त एक जीवन जी सकें। आयुर्वेद रोगों को शरीर से खत्म करने की पद्वति पर काम करता है।

आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में सारी बीमारियों की जड़ तीन दोष वात, पित्त और कफ हैं। आपके शरीर में इसमें से कौन सा दोष है इसकी पहचान करना बहुत आवश्यक है। इसीके अनुसार यदि आप अपना खान-पान रखें तो आप एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

आयुर्वेदिक में छुपा है हमारी सेहत का राज

1. यदि आपको आयुर्वेद के नजरिए से अपने आपको स्वस्थ रखना है तो सबसे पहले अपने दोष को समझना बेहद जरूरी है। आयुर्वेद के अन तीन दोषों में वात, पित्त और कफ शामिल हैं। हर किसी के शरीर में इनमें से कोई न कोई एक दोष अधिक होता है। अतः स्वस्थ रहने के लिए आप उस दोष के अनुसार ही अपना लाइफस्टाइल और खान-पान चुनें।

2. आयुर्वेद इस बात पर जोर देता है कि आप क्या खाते हैं और कैसे खाते हैं। आपको शांत वातावरण में भोजन को अच्छी तरह से चबाकर और मन लगाकर ही करना चाहिए। इसके लिए आपको भोजन करते समय टीवी या फोन आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

3. अपने शीर के दोष के ही आपको अपनी दैनिक दिनचर्या का हनर्धारण करना चाहिए। जिसमें जल्दी उठना, योग या ध्यान का अभ्यास करना और खाना खाने का नियमित समय करने के जैसी बुनियादी चीजें शामिल करना चाहिए।

4. आयुर्वेद में फिट रहने के लिए नियमित फिजिकल एक्टिविटी करने की बात भी प्रमुखता से कही गई है। इससे आप शरीर में होने वाले दोषों को काफी हद तक संतुलित कर सकते हैं। इसलिए आपको एक ऐसा व्यायाम करना चाहिए जिससे आपका दोष शांत हो सके।

5. आपको ध्यान और माइंडफुलनेस चीजों को अपनी डेली लाइफ में शामिल करना चाहिए। इससे आपका मन शांत रहेगा और आपको तनाव का स्तर कम करने में जरूरी सहायता प्राप्त होगी। 

6. आयुर्वेद में स्वस्थ शरीर के लिए बॉडी को डिटॉक्स करना जरूरी है। इससे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके लिए आयुर्वेद में पंचकर्म, उपवास, या अपने खाने में कुछ जड़ी-बूटियों को जरूर शामिल करना चाहिए।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।