
शारीरिक स्वास्थ्य, ताकत और स्टैमिना बढ़ाने में सहायक कुछ जड़ी बूटियां Publish Date : 17/08/2025
शारीरिक स्वास्थ्य, ताकत और स्टैमिना बढ़ाने में सहायक कुछ जड़ी बूटियां
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
आयुर्वेद के अनुसार यह जड़ी-बूटियां सदियों से स्वास्थ्य, शारीरिक ताकत, स्टैमिना और सेहत से जुड़े अनेक लाभ प्राप्त करने के लिए उपयोग की जाती रही हैं। यह आयुर्वेदिक हर्बस ऊर्जा, मांसपेशियों की ताकत, और इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी सहायता प्रदान करती हैं।
गोखरू: आयुर्वेद में गोखरू को एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी माना जाता है, जिसका उपयोग मूत्र और किडनी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन लेवल को सपोर्ट करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही यह शारीरिक सहनशक्ति बढ़ाने में भी सहायता करता है।
शिलाजीतः आयुर्वेद में शिलाजीत को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में माना जाता है, जो हिमालय के पहाड़ों से प्राप्त होता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने, शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ाने और विभिन्न रोगों से लड़ने में मदद करता है। यह थकान को कम करता है और शरीर की शक्ति को रिचार्ज करता है।
कौंच बीजः हार्माेनल बैलेंस, यौन स्वास्थ्य, और मूड को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए जाने जाते है। यह डोपामाइन के लेवल को भी बढ़ा सकता है।
सफेद मूसलीः शारीरिक कमजोरी को दूर करने और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है। यह पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है।
अश्वगंधाः यह तनाव को कम करने, नींद की गुणवत्ता सुधारने, और मांसपेशियों की रिकवरी में मदद करता है। यह एक शक्तिशाली एडाप्टोजेन है।
बाजार में भी ऐसे कई सारे सप्लीमेंट मौजूद हैं, जो इन जड़ी-बूटियों का मिश्रण प्रदान करते हैं। हालांकि किसी भी तरह के आयुर्वेदिक सप्लीमेंट को शुरू करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य लें, विशेष रूप से यदि आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और अच्छी नींद को अपनी दिनचर्या में शामिल करने पर सप्लीमेंट यूज करने का आपको पूर्ण लाभ मिलेगा। आयुर्वेदिक दवाएं धीरे-धीरे असर दिखाती हैं, इसलिए नियमित रूप से और सही तरीके से इनका उपयोग करें।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।