शरबत के लाभ      Publish Date : 15/07/2025

                           शरबत के लाभ

                                                                                                                                                     डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

शरबत में भारी मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं, जो न केवल आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, बल्कि आपके शरीर को हाइड्रेट रखने में भी मदद करते हैं।

गर्मी चरम पर है और ऐसे में खुद को हाइड्रेटेड रखने की जरूरत है। इन दिनों में लोग तरबूज से लेकर कस्तूरी तरबूज, आम और ककड़ी से लेकर लौकी का सेवन करना पसंद करते हैं। ये सभी ऐसे पोषक तत्वों से भरे होते हैं, जिनकी गर्मी के मौसम में शरीर को बहुत आवश्यकता होती है।

लेकिन हम आमतौर पर गर्मी से राहत के लिए ठंडे पेय पदार्थों का सहारा लेते हैं। शरीर के तापमान को कम करने के लिए सबसे अच्छा उपाय घर का बना शरबत, आम पन्ना और कई दूसरे तरह के शरबत है। ये शरबत निर्जलीकरण और गर्मी से लड़ने से हमारी मदद करते हैं।

                                                  

ये आयरन, मैंगनीज और विटामिन बी-6 के बेहतरीन स्रोत हैं। इनमें मौजूद आयरन शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और मैगनीज की मौजूदगी रक्तचाप के स्तर को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके अलावा ये शरबत हाइयुरेटिक भी होते हैं, जिसमें शीतलन गुण होते हैं। ये इलेक्ट्रोलाइट्स के समृद्ध स्रोत है, जो आंखों की समस्याओं को दूर रखने में मदद करते हैं।

भीषण गर्मी में शरबत का एक ठंडा गिलास बहुत कारगर होता है। इसके पोषण मूल्य को बढ़ाने के लिए इसमें नींबू का रस मिलाना बेहतर रहता है। शरबत के मामले में यह जानना दिलचस्प है कि इनमें भारी मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेंट्स मौजूद होते हैं, जो न केवल प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं, बल्कि अंगों और ऊतकों को फ्री रेडिकल नुकसान से भी बचाते है। साल के इस भीषण गर्मी के समय में खुद को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। नियमित अंतराल में विभिन्न प्रकार के शरबत पीने से खुद को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है।

प्रेग्नेंसी के दौरान कलरिंग एजेंट, प्रिजर्वेटिव, स्वीटनर और पलेवर सेहत के लिए हानिकारक होते है। चीनी का सेवन आपके वजन को बढ़ा सकता है, गर्भावस्था में जटिलताएं हो सकती है और बच्चे के विकास को भी प्रभावित कर सकता है। बाजार के शरबतों में रंग के लिए जो रसायन या पदार्थ डाले जाते हैं, उनसे बच्चों में एलर्जी हो सकती है। शरबतों में प्रतिबंधित सैकरीन की मौजूदगी बच्चों के यूरिन ब्लैडर में जमा हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि जब गर्भावस्था के दौरान कोई मां अधिक चीनी का सेवन करती है, विशेष रूप से मीठे पेय के जरिए तो उसके बच्चे में समस्या को सुलझाने की क्षमता और मौखिक स्मृति कम होती है।

                                                              

इसलिए ऐसे शरबत का सेवन कम करें, जिसमें चीनी की वजह से कैलोरी की मात्रा ज्यादा हो जाती है। ऐसे शरबत बच्चों के विकास के लिए कोई पोषण मूल्य नहीं रखते हैं। अतिरिक्त कैलोरी से बच्चों का वजन अत्यधिक बढ़ सकता है। पलेवरिंग में फॉस्फोरिक एसिड होता है. जिससे हड्डियों से कैल्शियम निकल जाता है। कैल्शियम की कमी हड्डियों को भंगुर बना देती है, जो घातक है, खासकर गर्भावस्था में। अत्यधिक ठंडा या बर्फ मिला ठंडा पेय पीने से कुछ लोगों में भूख कम हो सकती है, अपच या पेट में ऐंठन आदि की समस्याएं भी हो सकती है।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।