सुपाच्य और पौष्टिक गुणों से भरपूर मूंग      Publish Date : 10/07/2025

           सुपाच्य और पौष्टिक गुणों से भरपूर मूंग

                                                                                                                                            डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

मूंग एक बहुत महत्वपूर्ण दाल है। कई लोग इसके गुणों के कारण इसे दालों का राजा भी कहते हैं। यह हल्की, सुपाच्य और पौष्टिक गुणों से भरपूर होती है। आयुर्वेद में मूंग दाल को पित्त औ कफ संतुलित करने वाली) माना जाता है, जो इसे हर उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के लिए आदर्श बनाता है।

मूंग दाल प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड से भरपूर है जो शरीर को आवश्यक ऊर्जा और समग्र स्वास्थ्य प्रदान करती है। आयुर्वेद के अनुसार, मूंग दाल सुपाच्ण है, जिसके कारण यह बच्चों, बुजुर्ग और बीमार लोगों के लिए उत्तम है। यह अपच और गैस जैसी पाचन समस्याओं को दूर करने में सक्षम है और इसके सेवन से पेट से संबंधित समस्याएं भी दूर होती है।

                                                        

आयुर्वेद में ही दाल को ‘सर्वगुण संपन्न’ आहार माना गया है जो हमारी सेहत के लिए एक वरदान है। इसका कम स्लाइसेमिक इंडेक्स मधुमेह रोगियों के लिए ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद करता है। मूंग दाल में मौजूद फाइबर और प्रेटीन वजन घटाने में सहायक हैं, क्योंकि इससे लंबे समय तक पेट भरा रहने का अहसास होता है। इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल कम करने और बलड प्रेशर संतुलित रखने में भी लाभकारी है, जिसमे हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है।

एक रिसर्च के अनुसार, मूंग दाल प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। इसमें जियोटेंसिन एंजाइम पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में मददगार और फंगल इंफेक्शन को रोकने में भी उपयोगी होता है। वहीं पाचन को नियंत्रित करने में सहायक है। आयुर्वेदाचार्य डॉ0 सुशील शर्मा के अनुसार, मूंग दाल शरीर की डिटॉक्स करने में भी कारगर सिद्व होती है। यह त्वचा में निखार लाती है और इससे हमारा रक्त भी शुद्ध होता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत करते हैं, जबकि फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए लाभदायक रहता है।

                                                      

मूंग दाल का फेस पैक चेहरे की त्वचा को चमक देता है और बालों को मजबूती प्रदान करता है। मूंग दाल को कई तरह से खाया जा सकता है। अंकुरित मूंग सबसे पोष्टिक होता है, जो ताकत और ऊर्जा को एक बड़ा सोर्स है। मूंग की खिचड़ी, चीमार और कमजोर लोगों के लिए हल्का और पौष्टिक भोजन है। रातभर भिगोकर खाने से इसका पाचन और पोषण बढ़ता है जबकि सूप और दलिया में गर्मी और ऊर्जा प्रदान करते हैं।

हालांकि, अधिक मात्रा में मूंग दाल खाने से गैस की समस्या हो सकती है, इसलिए संतुलित मात्रा में इसका सेवन करना जरूरी होता है।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।