
बिना किसी खर्च आसानी से करें अपना वनज कम Publish Date : 15/06/2025
बिना किसी खर्च आसानी से करें अपना वनज कम
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
आजकल की लाइफस्टाइल के चलते इन दिनों पूरी दुनिया में लोग मोटापे से ग्रसित हो रहे हैं। हाल ही में हुए अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में देश में मोटापे से ग्रसित बच्चों की संख्या एक करोड़ 44 लाख है। यही नहीं, बच्चों के साथ ही हर उम्र के लोग मोटापे से बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। मोटापे से ग्रसित होने का मुख्य कारण है अधिक मात्रा में कैलोरी और फैट का उपभोग और शारीरिक सक्रियता की कमी है।
आपके किसान जागरण डॉट कॉम के द्वारा शुरू किए गए मोटापे के विरुद्ध विशेष अभियान के तहत बिना जिम जाए या बिना किसी अतिरिक्त खर्च के वजन घटाने के आसान तरीके बताए जा रहे हैं हमारे विशेषज्ञ बताते हैं कि मोटापे को कम करने के लिए दुनियाभर में केवल दो ही चीजें कारगर है। पहली है डाइट अर्थात आपका खानपान और दूसरा है एक्सरसाइज। एक्सरसाइज में वे सभी तरह की गतिविधियां शामिल है जिनमें शारीरिक सक्रियता बनी रहती है, जैसे तेज कदमों से टहलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी करना, कोई ऐसा खेल जिसमे हाथ-पैर बराबर रूप से सक्रिय हो और खूब पसीना निकले।
इन कामों के साथ ही वजन घटाया जा सकता है। हालांकि इन दिनों लोग अपना वजन कम करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं का भी सेवन कर रहे हैं, लेकिन बिना खानपान में परिवर्तन लाए और शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय हुए वजन को कम नहीं किया जा सकता है। मोटापा कम करने वाली दवाओं का लाभ भी तभी मिलेगा, जब आप खानपान में परिवर्तन लाएंगे और अधिक एसरसाइज भी करेंगे।
बहुत से लोग यह सोचते है कि वजन घटाने के लिए मुझे जिम ही जाना पड़ेगा या बगैर जिम जाए कोई फायदा नहीं होगा तो वह गलत सोच रहे है। अगर किसी के पास जिम जाने का समय नहीं है या जिम की सुविधा मौजूद नहीं है तो ऐसे लोग भी अपने खानपान में परिवर्तन लाकर और शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय होकर अपना वजन आसानी से कम कर सकते हैं।
सबसे पहली बात तो यह है कि यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो गेहूं से तैयार होने वाले किसी भी प्रकार की खाद्य सामारी का प्रयोग करना कम कर दें या फिर इसे बिलकुल ही बंद कर दें, जैसे आटा, दलिया, बेड, सुजी, मैदा, बिस्कुट और इससे बनने वाले विभिन्न प्रकार के अन्य सभी उत्पाद। इनके स्थान पर अपने खानपान में मोटे अनाज को शामिल करें, जैसे ज्वार, बाजरा, मक्क, रागी, कोदो, कुटकी, जौ और चना आदि।
रोटी बनाने के लिए अलग-अलग मोटे अनाज के आटे का प्रयोग किया जा सकता है या फिर कई प्रकार के मोटे अनाज को मिलाकर तैयार किए गए आटे की रोटी भी बनाई जा सकती हैं। इनसे शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व आसानी से प्राप्त हो जाते हैं।
दूसरे, इस पर ध्यान दें कि जमीन के अंदर पैदा होने वाली चीजों, जैसे आलू, गाजर, मूली, शलजम, प्याज, शकरकंद, चुकंदर, जिमीकंद आदि की सब्जी न खाएं। अगर इन्हें खाना ही है तो सलाद के रूप में थोड़ी सी मात्रा में इनका प्रयोग करना उचित है। इसके साथ ही महीन चावल का खाने में प्रयोग न करें। इसके स्थान पर मोटा चावल और ब्राउन राइस खा सकते हैं, लेकिन इसका मांड हर हाल में निकाल देना चाहिए, नहीं तो चावल भी आपको नुकसान ही करेगा।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।