आंवले जैसे गुणों वाला फल      Publish Date : 04/05/2025

                    आंवले जैसे गुणों वाला फल

                                                                                                           डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

यह आंवला नहीं, परन्तु आंवले कम भी नहीं, सेहत और स्वाद से भरपूर ‘‘स्टार गूजबेरी’’

आंवले जैसा दिखने वाला फल, जिसे देश के अलग-अलग हिस्सों में सरफरों, नेल्तिकई या साइकोमों आदि के नाम से भी जाना जाता है। इसका स्वाद अनोखा होने के साथ साथ ही यह गुणों में भी लाजवाब होता है। स्टार गूजवेरी का स्वाद तीता और हल्का मीठा होता है। इसे बच्चे से लेकर बड़े तक सभी खाना पसंद करते हैं। इसे नमक या चीनी छिड़क कर कच्चा भी खाया जा सकता है। कई लोग इसमें नींबू का रस, मिर्च या भुना हुआ मसाला मिलाकर इसका स्वाद और भी बढ़ा लेते हैं। स्लाइस काटकर इसे चीनी में लपेटकर कुछ दिन रखने से एक प्राकृतिक सिरप बनता है, जो स्वाद के साथ सेहत भी देता है।

पकने पर इसका रंग गहरा लाल हो जाता है, जो इसे मुरब्बा जेली, चटनी और अचार में प्रयोग के लिए इसे उपयुक्त बनाता है।

दक्षिण भारत में इसे इमली को जगह व्यंजनों में डाला जाता है। विशेषकर पारंपरिक नेल्लिकई साथम में नारियल और गाजर के साथ। दही, हरी मिर्च और अदरक के साथ मिलाकर बनाई गई इसकी चटनी चावल या नाश्ते के साथ अद्भुत लगती है। स्टार गुजवेरी सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि यह सेहत भी देता है। इसमें मौजूत कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है, फास्फोरस डीएनए और आरएनए निर्माण में सहायक होता है। जबकि, आयरन और राइबोफ्लेविन ऊर्जा और रक्त निर्माण के लिए आवश्यक हैं।

विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, पकने पर इसका रंग गहर लाल हो जाता है जो इससे चटनी और जेल, मुरब्बा, जेली और अचार में प्रयोग करने के साथ ही त्वचा के लिए बेहतर बनता है और सूजन कम करता है। इसमें मौजूद एंटीअॅसीडेंट्स शरीर को डिटॉक्स करते हैं और पाचन क्रिया में व्यापक सुधार करते हैं।

                                             

आयुर्वेद और पारंपरिक एशियाई चिकित्सा में स्टार गुजरी उपयोग गले की खराश, खांसी, अपच और पेट के समस्याओं में किया जाता है। इसका सिरप बच्चों और बड़ों दोनों के लिए लाभकारी माना जाता है। इसका तीता सेवन करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसलिए बिना धोए तुरंत खा लेना बेहतर है।

अगर स्टोर करना हो तो इसे सीलबंद कंटेनर में फ्रिज में रहें, जहाँ ये कुछ हफ्तों तक ताजा रह सकता है। चाहें तो इसे सुखाकर या पीस-छानकर लंबे समय तक भी रख सकते है।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।