
आयरन के स्रोत, लाभ और उसके सप्लीमेंट्स Publish Date : 24/04/2025
आयरन के स्रोत, लाभ और उसके सप्लीमेंट्स
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
आयरन (Iron) हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण मिनरल है। यह शरीर के विकास के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। आयरन से हीमोग्लोबिन बनता है और यह लाल रक्त कोशिकाओं के कार्य को आसान बनाता है, जो फेफड़ों से पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। आयरन से मायोग्लोबिन (myoglobin) बनता है जिसका काम शरीर की मांसपेशियों तक ऑक्सीजन पहुंचाना है। यह शरीर के अन्य हॉर्मोन एवं उत्तक (टिशू) को भी बनाने का काम करता है।
आयरन के स्रोत एवं भारत में आयरन से भरपूर फल एवं सब्जियां
आयरन शाकाहारी एवं मांसाहारी, दोनों खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। प्रायः डॉक्टर शरीर से जुड़ी कई परेशानियों के लिए लोगों को आयरन के सेवन की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं कि आयरन आपके शरीर के लिए कितना लाभदायक होता है।
आयरन का शरीर के लिए महत्व
आयरन गर्भस्थ शिशु एवं छोटे बच्चों के विकास तथा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत आवश्यक तत्व होता है। यह हमारे शरीर को न सिर्फ बेहतर बनाता है बल्कि अनेक रोगों से बचाने का भी काम करता है। इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। जब शरीर में निर्धारित मात्रा में आयरन मौजूद रहता है तो शरीर ऊर्जावान रहता है।
शरीर अच्छे तरीके से काम करे इसके लिए आयरन की जरूरत होती है। शरीर में आयरन का पर्याप्त मात्रा में होना अत्यंत आवश्यक है। यह अमिनो एडिस, कोलेजन, हार्माेन्स एवं न्यूरोट्रांसमीटर को भी बनाने का काम करता है। आयरन का अवशोषण पेट एवं पाचनतंत्र में होता है।
हमारे शरीर को आयरन दो तरीके (हेम और नॉन-हेम) से मिलता है। नॉन-हेम आयरन पौधों एवं अन्य खाद्य पदार्थों में मिलता है, जबकि मांस, मछलियां और पोल्ट्री आदि फूड्स में हेम एवं नॉन-हेम आयरन के दोनों प्रकार मौजूद होते है। हमारा शरीर उतना ही आयरन का अवशोषण करता है जितने की उसको जरूरत होती है। इससे अधिक आयरन का सेवन करने पर शरीर आयरन का अवशोषण करना कम कर देता है।
आयरन से शरीर में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबीन का स्तर उचित बना रहता है, शरीर को ताकत मिलती है। हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। वहीं आयरन की कमी से सांसों का उखड़ना, थोड़ा-सा काम करते ही शरीर का थक जाना, नाखूनों का खराब होना और हार्ट अटैक आदि बीमारियां हो सकती हैं।
प्रसव एवं मासिक धर्म वाली महिलाओं को हो सकती है आयरन की कमी
अधिकांश गर्भवती महिलाएं पर्याप्त मात्रा में आयरन का सेवन नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण उनको आयरन की कमी हो सकती है। शोध में यह भी कहा गया है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अधिक आयरन का सेवन करना चाहिए।
शरीर को कितनी मात्रा में आयरन की होती है जरूरत
शरीर को सही ढंग से काम करने के लिए कितनी मात्रा में आयरन की जरूरत होती है, यह व्यक्ति की उम्र, लिंग और उसके भोजन पर निर्भर करता है। राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अनुसार शाकाहारी एवं मांसाहारी लोगों के लिए आयरन की भिन्न-भिन्न मात्रा निर्धारित है। चिकित्सक भी लोगों की जरूरत के अनुसार उन्हें आयरन की अलग-अलग मात्रा के सेवन की सलाह देते हैं।
जन्म से 6 महीने तक - 0.27 MG
7 से 12 महीने तक - 11 MG
1 से 3 साल तक -7 MG
4 से 8 साल तक - 10 MG
9 से 13 वर्ष तक- 8 MG
14 से 18 साल के युवक एवं युवतियों के लिए - 11 MG और 15 MG
19 से 50 वर्ष के पुरुष एवं महिलाओं के लिए - 8 MG और 18 MG
51 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए - 8 MG
गर्भवती महिलाएं के लिए - 27 MG।
पुरुषों एवं महिलाओं के लिए आयरन की खुराक
इसी तरह वे पुरुष या महिला, जो बहुत अधिक मेहनत या थोड़ा मेहनत या फिर मेहनत का काम बिल्कुल नहीं करते हैं, राष्ट्रीय पोषण संस्थान द्वारा उनके लिए भी आयरन की खुराक निर्धारित की गई है।
भारी, मध्यम एवं हल्का काम करने वाले पुरुषों के लिए - रोजाना 17 MG
भारी, मध्यम एवं हल्का काम करने वाली महिलाओं के लिए - 21 MG
गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं में आयरन की जरूरतः
गर्भवती महिलाएं - 35 MG
स्तनपान कराने वाली महिलाएं - बच्चे के जन्म से एक साल तक 21 MG।
आयरन के भरपूर स्रोत:
मां के दूध में होता है प्रचुर आयरन
शोध के अनुसार मां के दूध में भी प्रचुर मात्रा में आयरन होता है। अगर शिशु की उम्र 4 से 6 महीने के बीच का हो तो ऐसे शिशुओं को मां के दूध से पर्याप्त आयरन नहीं मिलता है इसलिए इन माताओं को आयरन का सेवन करना चाहिए।
आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ/फूड्सः यह कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है जो बाजार में आसानी से मिल जाता है, जिनमें शामिल हैं-
मांसाहारी खाद्य पदार्थों में आयरन
इन मांसाहारी खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक आयरन होता है।
रेड मीट, मुर्गे-मुर्गियां, मछली, केंकड़ा-झींगा, घोंघा, अंडे, स्पलीन (बकरी, भेड़) आदि।
मांसाहारी खाद्य पदार्थों में आयरन की निम्न मात्रा होती है।
घोंघा (प्रति 100 ग्राम) - 28 MG आयरन
मांस (प्रति 100 ग्राम) - 2.7 MG आयरन
पोल्ट्री - 1.1 MG आयरन
शाकाहारी खाद्य पदार्थों में आयरन
शाकाहारी भोजन में आयरन की मात्रा के बारे में जानना चाहते हैं तो निम्न फलों में पर्याप्त मात्रा में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है।
फल जैसे- तरबूज, सेब, अंगूर, अनार, बादाम, किशमिश सूखा मेवा, खजूर में बहुत अधिक आयरन होता है। इनका सेवन करने से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है।
इसी तरह हरी पत्तेदार सब्जियां, मसूर की दाल, शलजम, चुकंदर, चना, राजमा, शकरकंद, सरसों का साग, मेथी, आटा, हरी बिन्स, मटर, पालक, ब्रोकली में बहुत मात्रा में आयरन होता है जो शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करता है।
शाकाहारी खाद्य पदार्थों के रूप में अगर आप निम्न खाद्य पदार्थों को 100 ग्राम की मात्रा में खाते हैं तो आपको आयरन की निम्न मात्रा मिलती है।
हल्दी पाउडर - 46.0 MG आयरन।
जीरा बीज - 20.5 MG आयरन।
सफेद तिल - 15.0 MG आयरन।
अमरैंथ बीज - 9.3 MG आयरन।
इमली, लुगदी - 9.1 MG आयरन।
मिंट पत्तियां - 8.5 MG आयरन।
पितवा, हरा (हिबिस्कस कैनबिनस) 7.6 MG आयरन।
क्विनोआ - 7.5 MG आयरन।
हर प्रकार का चना या चने की दाल - 6.7 MG आयरन।
बाजरा - 6.4 MG आयरन।
अमरैंथ पत्तियां, लाल और हरा - 5.2 MG आयरन।
आयरन के सप्लीमेंट्स
जब शरीर में आयरन की बहुत अधिक कमी हो जाती है और प्राकृतिक तरीके के सेवन से इसे पूरा नहीं किया जा सकता है, तो चिकित्सक प्रायः मरीज को सप्लीमेंट के सेवन की सलाह देते हैं। इससे शरीर में पर्याप्त मात्रा मिलता है और लोग स्वस्थ रहते हैं।
शरीर में आयरन की बहुत अधिक कमी हो जाने की स्थिति में आप निम्न सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं। जिनमें शामिल हैं- फेरस सल्फेट, फेरस ग्लुकोनेट, फेरिक साइट्रेट, या फेरिक सल्फेट से संबंधित खाद्य पदार्थ से आयरन की पूर्ति की जा सकती है।
बच्चों के लिए कितने हानिकारक होते हैं आयरन के सप्लीमेंट्स
वैसे सप्लीमेंट्स जिनमें आयरन होते हैं उनको बच्चों से दूर रखने की सलाह दी जाती है। दरअसल 6 साल से छोटे बच्चे अगर गलती से आयरन के सप्लीमेंट्स ले लें तो वह उसके लिए नुकसादायक हो सकता है। इसलिए चिकित्सक इन सप्लीमेट्स को बच्चों से दूर रखने की सलाह देते हैं। आयरन के सप्लीमेंट्स में यह चेतावनी लिखी होती है।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।