संतरे के सेवन से प्राप्त स्वास्थ लाभ      Publish Date : 14/04/2025

                 संतरे के सेवन से प्राप्त स्वास्थ लाभ

                                                                                                              डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

संतरे के फल को तो अधिकतर लोग खाते है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि संतरे का यह फल कितना गुणकारी होता है। हमारे देश में जिन फलों को रासायनिक महत्व दिया जाता है उनमें संतरा अपना एक विशेष महत्व रखता है। हालांकि संतरे का जन्म चीन में हुआ है, लेकिन अपने गुणों के कारण वर्तमान में यह सारे संसार में प्रसिद्ध हो चुका है। हमारे देश का नागपुर संतरे के लिए काफी प्रसिद्ध शहर है। इसका प्रमुख कारण नागपुर में सतरा काफी मात्रा में पैदा होना है तथा नागपुर में इसकी किस्में भी उत्तम होती है। संतरे के सबसे अधिक संतरे के बाग मध्य प्रदेश मे है। नागपुर का संतरा सबसे अच्छी किस्म का होता है जिसका श्रेय नागपुर की जलवायु को जाता है।

                  

संतरे का वैज्ञानिक नाम साइट्रिस क्लौरिस है और हिन्दी में इसको संतरा कहते है। संतरा ही एकमात्र ऐसा फल होता है जिसमें कि नर और मादा दो अलग-अलग किस्में होती है। इसमें नर संतरे की किस्म का आकार थोड़ा बड़ा होता है जबकि मादा किस्म के संतरे का आकार छोटा होता है। आज पपीता, केला आदि फलों को पेड़ से कच्चा तोड़ने के बाद  कृत्रिम ढंग से पकाया जाता है, किन्तु संतरा एक ऐसा फल है जो पूरी तरह वृक्ष पर ही पकने के बाद तोड़ा जाता है। संतरे का रस पहले ही पका होता है, जो शरीर में पहुंच कर शीघ्र ही पोषण कार्य करने लगता है। संतरा कमजोर व्यक्ति के लिए ताजगी पैदा करने वाला फल है।

                                                  

संतरे में प्रोटीन एवं एल्यूमिन की मात्रा बहुत ही कम होती है और इसके अतिरिक्त संतरे में 23 स्वास्थ्य वर्धक गुण विद्यमान होते है। जब मरीज कोई भी खाद्य पदार्थ ग्रहण नहीं कर पाता है तो उस मरीज को संतरे का रस आसानी से दिया जा सकता है। बुखार के होने की दशा में संतरे का रस पीने से बार-बार लगने वाली प्यास शांत हो जाती है। संतरे का रस बुखार में बहुत ही लाभकारी सिद्व होता है। संतरे में विटामिन ए, बी, एवं सी आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहते है।

आयुर्वेद में संतरे को भोजन में रुचि पैदा करने वाला बताया गया है। संतरे से वायु विकार दूर होते है तथा हृदय मजबूत होता है। यदि भोजन के साथ प्रतिदिन दो संतरे खा लिये जाये तो शरीर में कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है, जो लोग ज्यादा काम बैठकर करते है तथा चलते-फिरते बहुत कम ही उनकों संतरा रोज खाना चाहिए। पेट की अपच को दूर करने के लिए संतरा रामबाण की तरह काम करता है। संतरा खाने रक्त का शुद्धिकरण होता है। इसलिए जो लोग संतरे का नित्य सेवन करते है। उनकी त्वचा बहुत कांतिमय हो जाती है पेट की गर्मी, खून की गरमी अथवा गले की खुश्की को दूर करने के लिए संतरे का नित्य सेवन करना चाहिए।

                 

संतरा कई बीमारियों के बहुत लाभदायक होता है। जैसे कि अम्लता एक बहुत ही भयानक उदर रोग है। इस रोग में पीड़ित के गले व छाती में बहुत ही जलन होती है। ऐसी हालत में यदि संतरे के रस में थोड़ा भुना हुआ जीरा व सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें तो बहुत ही शीघ्र आराम पहुंचता है। पेट दर्द में सतरे के रस में भुनी हुई हींग मिलाकर पीना चाहिए। इसके सेवन से पेट की कब्ज मी दूर हो जाती है। यदि किसी की पाचन शक्ति कमजोर है तो उसे सतरे का अवश्य सेवन करना चाहिए। संतरे में विटामिन ए की मात्रा अन्य सभी फलों से अधिक होती है। इसलिए इसका सेवन आंखों के लिए काफी लाभप्रद रहता है। यदि कोई मरीज हिस्टीरिया की समस्या से पीड़ित है तो उसको तुरत ही संतरा खिलाना चाहिए, ऐसा करने से मरीज को तुरंत ही आराम मिल जाता है।

संतरे का रासायनिक विषलेषण करने पर पता चलता है कि संतरा पोषक तत्वों का भी एक धनी स्रोत होता है जैसे कि संतरे में 879 प्रतिशत जल, 0.9 प्रतिशत प्रोटीन, वसा 0.3 प्रतिशत/कैल्शियम 0.05 प्रतिशत होता है। इसके अलावा 100 ग्राम संतरे में विटामिन ‘ए’ 350 आ. श. ईकाई, विटामिन ‘बी’ 40 आ. श. ईकाई और विटामिन ‘सी’-68 आ.श. ईकाई उपलब्ध होता है। संतरे के रस से कैलारी भी काफी मात्रा में उपलब्ध होती है। संतरे के रस या करीब 100 ग्राम संतरे से कैलोरी ऊर्जा मिलती है। उपर्युक्त तथ्यों को देखने से पता लगता है कि संतरा सचमुच एक बहुत ही गुणकारी फल है। संतरे के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि ये फल बहुत मंहगा भी नहीं होता है, जिससे एक गरीब आदमी भी इसका अच्छी तरह से सेवन कर सकता है। यह उत्तम स्वास्थ के लिए उत्तम प्रकार का फल है।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।