झाइयों (पिगमेंटेशन) के लक्षण, कारण, परहेज और उपचार      Publish Date : 08/04/2025

झाइयों (पिगमेंटेशन) के लक्षण, कारण, परहेज और उपचार

                                                                                                                   डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

हममें से प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसकी त्वचा खूबसूरत बनी रहे, परन्तु त्वचा संबंधित रोगों के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाता है। हमें त्वचा से संबंधित विभिन्न प्रकार के रोग अक्सर होते ही रहते है। इसी प्रकार से पिग्मेंटेशन यानि कि झाइयां भी त्वचा में होने वाला एक ऐसा ही प्रमुख रोग है। पिग्मेंटेशन (झाइयां) सामान्य रूप से सिर, गाल एवं आँखों के नीचे होता है। पिग्मेंटेशन के कारण त्वचा का रंग सामान्य से हल्का या गहरा हो जाता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि आप पिंगमेंटेशन (झाइयों) की समस्या का समाधान घरेलू उपचार के रूप में भी अपना सकते हैं।

कई बार झाइयों के कारण प्रभावित व्यक्ति के आत्मविश्वास में भी कमी आ जाती है, लेकिन अब आपको इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। अपने इस लेख में हम आपको पिग्मेंटेशन के उपचार के लिए कुछ घरेलू उपायों के बारे में जानकारी देने जा रहे है, जो कि इसके उपचार में बहुत कारगर सिद्व होते हैं।

असल में पिगमेंटेशन होता क्या है?

                                              

पिगमेंटेशन या झाइयाँ त्वचा में मेलानिन के स्तर के बढ़ने के कारण होता है। मेलानिन नामक तत्व मेलानासाइट्स से बनता है। मेलानिन वह घटक है जो हमारी त्वचा की ऊपरी परत पर मौजूद रहता है। इसका मुख्य कार्य सूर्य की तेज किरणों से आने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से त्वचा की सुरक्षा करना होता है। इस प्रकार यह त्वचा की सुरक्षा के लिए एक कवच के रूप में काम करता है। जब इन मेलानिन तत्वों की मात्रा अधिक हो जाती है तो गहरे रंग की त्वचा (Dark skin) और धब्बेदार त्वचा (Patchy skin) की समस्या हो जाती है।

पिग्मेंटेशन (झाइयां) की समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखी जाती है। महिलाओं में यह रोग विशेषकर 25-50 वर्ष की आयु की अवधि के दौरान होता है। इसका कारण गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन एवं हॉमोनल असंतुलन होता है।

पिगमेंटेशन के कितने प्रकार हैं?

पिग्मेंटेशन की समस्या किसी चोट, घाव या मुहाँसों के बाद (Post inflammatory Hyperpigmentaion or Post inflamnatory Hypopigmentation) भी हो सकती है। जब त्वचा का रंग का सामान्य से गहरा या हल्का हो जाता है। इसे ठीक होने में अधिक समय लगता है।

पिग्मेंटेशन दो प्रकार का होता है-

                                                 

1. हाइपरपिग्मेंटेशन (Hyperpigmentaion)- इसमें त्वचा का रंग सामान्य से गहरा होना। इसमें त्वचा पर झाइयाँ तथा मुहाँसे के बाद होने वाले काले रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। यह मुख्य रूप से सिर एवं गालों वाले हिस्से पर पाए जाते हैं। यह लक्षण नजर आने पर झाइयों का उपचार अवश्य करएं।

2. हाइपोपिग्मेंटेशन (Hypopigmentation)- इस समस्या में त्वचा का रंग सामान्य से हल्का हो जाता है। इसमें त्वचा का रंग कहीं-कहीं पर सामान्य से हल्का होता है। हालांकि, यह गंभीर बीमारी सफेद दाग की भी हो सकती है। तो कई बार यह कोई रोग न होकर बच्चों में सामान्य रूप से भी हो जाता है। यह पेट में कीड़े होने या आहार में पोषक तत्वों की कमी के चलते भी हो सकता है।

पिगमेंटेशन के कारण

पिग्मेंटेशन की समस्या के निम्न कारणों हो सकते हैः-

1. लम्बे समय तक धूप के सम्पर्क में रहने से सूरज की अल्ट्रावायॅलेट किरणें त्वचा को नुकसान पहुँचाती हैं।

2. उचित मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन न करना और इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसके कारण र्पिमेंटेशन की समस्या हो सकती है।

3. तीव्र केमिकल युक्त उत्पादों का त्वचा पर लम्बे समय तक प्रयोग करने से भी यह समस्या हो सकती है।

4. महिलाओं में यह समया सबसे अधिक हॉमोनल असंतुलन के कारण होती है।

5. लम्बे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से झाइयों के रूप में चेहरे पर पिग्मेंटेशन की समस्या हो जाती है।

6. अत्यधिक तनावपूर्ण जीवन जीने के चलते भी पिग्मेंटेशन की समस्या हो जाती है।

7. उम्र बढ़ने के साथ भी चेहरे पर काले धब्बे या झाइयाँ पड़ने की समस्या होने लगती है।

8. कई बार मुहाँसे होने के बाद उनके दाग-धब्बों रह जाने के कारण भी पिग्मेंटेशन की समस्या हो जाती है।

9. महिलाओं में रजोनिवृति (Menopause) के समय (मासिक धर्म बंद होने के पहले) पिग्मेंटेशन की समस्या हो सकती है।

 चेहरे पर होने वाली झाइयों के उपचार के लिए घरेलू उपाय

अपने चेहरे पर झाइयों की समस्या के होने पर इसे अनदेखा नही करना चाहिए और न ही बिना डॉक्टर की सलाह लिए बाजार में मिलने वाली झाइयों की दवा या क्रीम का प्रयोग करना चाहिए। बेहतर होगा कि इसके उपचार के लिए कुछ पहले आप घरेलू उपायों को आजमाएं और अगर इनसे यह समस्या ठीक नहीं होती है तो डॉक्टर के पास जाकर इसका उचित उपचार कराएं। अब हम आपको कुछ प्रमुख घरेलू उपायों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं जो इस प्रकार से हैं-

झाइयों के उपचार में कारगर है गाजर

सबसे पहले आप गाजर को कद्दूकस कर लें। इसके बाद इसमें मुल्तानी मिट्टी मिला लें और साथ ही इसमें एक चम्मच नींबू का रस भी मिलाएँ। इस मिश्रण को त्वचा के प्रभावित भाग पर बीस मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें। ऐसा सप्ताह में एक बार करें।

झाइयों के उपचार में आलू

इसके लिए आप आलू के रस को निकाल कर झाइयों वाली जगह पर लगाएँ, और सूखने पर ठंडे पानी से इसे धो लें। आलू का यह प्रयोग आपको चेहरे की झाइयों से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद करता है।

पिगमेंटेशन की समस्या में तुलसी का प्रयोग

इसके लिए आप 5-7 तुलसी के पत्तों को पीसकर इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएँ। इसे त्वचा प्रभावित स्थान पर लगाएँ और जब यह सूख जाए तो ठण्डे पानी से इसको धो लें। तुलसी और नींबू का यह प्रयोग पिग्मेंटेशन में बहुत लाभदायक सिद्व होता है।

झाइयों के उपचार में जैतून का तेल

जैतून के तेल में चीनी मिलाकर अपनी रंजित त्वचा पर 3-4 मिनट तक रब कऱें और बाद में ठण्डे पानी से इसको धो लें। जैतून के तेल और चीनी का यह उपाय पिग्मेंटेशन की समस्या में आपको काफी लाभ पहुंचाता है।

त्वचा के पिगमेंटेशन (रंजकता) में नींबू का प्रयोग

एक चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच शहद और बादाम का तेल डालकर इन्हें अच्छी तरह से मिक्स कर लें। इसके बाद इस पेस्ट से लगभग 8-10 मिनट तक अपने चेहरे की मालिश करें।

एक चम्मच नींबू का रस व शहद मिलाकर त्वचा के प्रभावित भाग पर लगाएँ तथा इसके सूख जाने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें।

ओटमील से झाइयों का सफल उपचार

इसका प्रयोग करने के लिए आप दो चम्मच ओटमील, दो चम्मच टमाटर का रस और आधा चम्मच दही आदि को एकसाथ अच्छी प्रकार से मिलाएं। इसके बाद इसे त्वचा के प्रभावित भाग पर अच्छी तरह से लगाएं और इसके सूख जाने के बाद धीरे-धीरे पानी के साथ मालिश करते हुए इसे साफ करें।

पिगमेंटेशन की समस्या में प्याज

लाल प्याज का प्रयोग पिग्मेंटेशन की समस्या में बहुत लाभदायक सिद्व होता है। प्याज के एक टुकड़े को काटकर या रस निकालकर झाइयों, और धब्बों वाले स्थान पर लगाएँ। करीब दस मिनट लगाए रखने के बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

झाइयों का घरेलू उपचार सरसों

सरसों और तिल, यवक्षार को एक साथ पीसकर इसका लेप लगाने से भी त्वचा का कालापन दूर हो जाता है। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि बेहतर उपचार के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श करें।

पिग्मेंटेशन की समस्या में एलोवेरा का प्रयोग

एलोवेरा पिग्मेंटेड त्वचा के लिए किसी जादुई औषधि से कम नहीं है। ताजा एलोवेरा का गूदा निकालकर इससे चेहरे की 5-7 मिनट तक मालिश करें और सूखने पर इसे ठण्डे पानी से धो लें।

झाइयों का उपचार हल्दी से

                                                   

एक चम्मच हल्दी पाउडर को नींबू के रस में मिला लें और इसे अपनी त्वचा के प्रभावित भाग पर लगाएँ। 20 मिनट के बाद इसे ठण्डे पानी के साथ धो लें। दिन में एक बार इस क्रिया को करने से लाभ प्राप्त होता है।

मैनशिल, लोध्र, दोनों हल्दी, सरसों को बराबर मात्रा में लेकर पानी में पीसकर इसका एक लेप बना लें। त्वचा के प्रभावित भाग पर लगभग 20 मिनट तक लेप लगा रहने से बाद इसे धो लें। इससे आपकी त्वचा का सांवलापन दूर हो जाता है।

पिग्मेंटेशन के दौरान आपका खान-पान

पिग्मेंटेशन के दौरान आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-

सूखे मेवों का सेवन अधिकता से करें, जिससे कि आपके शरीर को आवश्यक खनिज एवं पोषक तत्व भरपूर मात्रा में प्राप्त हो सके।

जितना अधिक हो सके उतना ही फल एवं सब्जियों का सेवन करें। दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी करने से लाभ प्राप्त होता है।

पोषक तत्वों एवं एन्टीऑक्सीडेंट्स से युक्त आहार (जैसे- ताजी सब्जियाँ, फल विशेषकर हरी पत्तेदार सब्जियाँ एवं मौसमी फल) का अधिक मात्रा में सेवन करें।

साइट्रस (Citrus) फलों (जैसे संतरा, नींबू और आँवला आदि) का अधिक से अधिक सेवन करें। इनमें मौजूद विटामिन सी त्वचा को पिग्मेंटेशन से बचाता है, और आपको युवा भी बनाए रखता है।

पिग्मेंटेशन के दौरान आपकी जीवनशैली

पिग्मेंटेशन (झाइयां) की समस्या के दौरान आपकी जीवनशैली इस प्रकार की होनी चाहिएः-

  • नियमित रूप से प्राणायाम एवं योगासन करने से आपकी त्वचा ग्लोइंग एवं रोग रहित बनी रहती है।
  • लम्बे समय तक धूप में न बैठें। धूप में जाने से पहले उच्च गुणवत्तायुक्त सनक्रीन अपने चेहरे पर लगाएँ।
  • तेज धूप में जाना हो तो हमेशा ही सनक्रीन लगाकर ही घर से बाहर निकलें। त्वचा को सूती कपड़े से ढंक कर रखें।

पिगमेंटेशन के दौरान आवश्यक परहेज

पिग्मेंटेशन की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को इन चीजों से परहेज करना चाहिएः-

  • कभी भी बासी भोजन एवं दूषित जल का सेवन न करें।
  • जंकफूड एवं प्रिजरवेटिव युक्त आहार का सेवन ना करें, अथवा कम से कम करने का प्रयास करे।
  • अधिक मात्रा में चाय और कॉफी आदि का सेवन न करें।
  • सिगरेट या शराब आदि नशीले पदार्थों दूर रहें।
  • अत्यधिक तैलीय एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन का सेवन न करें।
  • त्वचा पर केमिकलयुक्त उत्पादों का प्रयोग बिलकुल न करें। इससे त्वचा में त्वचा में झाइयाँ या धब्बे पड़ सकते हैं और त्वचा का नेचुरल ग्लो खत्म हो जाता है।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।