त्वचा पर लाल चकत्तों से घबराएं नहीं      Publish Date : 18/03/2025

             त्वचा पर लाल चकत्तों से घबराएं नहीं

                                                                                                         डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

"अक्सर त्वचा पर लाल चकत्ते नजर आते हैं। चिकित्सक कहते हैं कि यह ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें घबराने की नहीं, बल्कि इम्यूनिटी को मजबूत करने की जरूरत होती है।"

कई बार त्वचा पर होने वाले हल्के दाने या फिर लाल रंग के धब्बों को हम नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना मुश्किलें खड़ी कर सकता है। हो सकता है कि यह सोरायसिस का शुरुआती लक्षण हो। इसके कई प्रकार हैं, लेकिन इनमें प्लॉक सोरायसिस सबसे आम है। इसमें शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करती है। यह लंबे समय तक भी रह सकती है।

                                                        

प्लाक सोरायसिस वैसे तो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है, लेकिन सामान्य तौर पर यह घुटने, कोहनी, स्कैल्प, हाथों के पंजों और पीठ के निचले हिस्से में होती है। त्वचा पर चकत्ते का रंग स्किन टोन पर निर्भर करता है। हल्की त्वचा पर ये गुलाबी रंग के होते हैं और गहरी त्वचा पर बैंगनी और पीले। प्लॉक सोरायसिस की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। इसलिए अगर आपको त्वचा में लाल रंग के धब्बे नजर आएं तो घबराएं नहीं, बल्कि इम्यूनिटी को मजबूत करें।

लक्षणों की पहचान: त्वचा में सूजन आ सकती है और लाल त्वचा के धब्बे सिल्वर, ढीले स्कैल्प से ढके होते हैं। ये दर्दनाक, खुजलीदार हो सकते हैं और कभी-कभी इनमें दरार हो सकती है और खून भी आ सकता है। नाखूनों और पैर की उंगलियों का रंग बदल सकता है। सोरायसिस के रोगियों के सिर पर स्कैल्प और धब्बे या पपड़ी बन सकती है। यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, लेकिन संक्रामक नहीं है। हालांकि इंफ्लेमेटरी रिएक्शन्स पीड़ित के भीतर ही शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है।

                                                         

क्या है वजह: प्लॉक सोराइसिस के कारणों का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। कई विशेषज्ञ इसे आनुवांशिक कारणों के रूप में देखते हैं तो कुछ का मानना है कि प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से यह बीमारी हो सकती है। नेशनल सोरायसिस फाउंडेशन (एनपीएफ) की रिपोर्ट कहती है कि सोरायसिस से पीड़ित तीन में से एक व्यक्ति को गठिया भी हो सकता है, जो जोड़ों में और उसके आस-पास सूजन, जकड़न तथा दर्द का कारण बनता है।

उपचार: वैसे तो अभी तक सोरायसिस का कोई सटीक और कारगर उपचार नहीं आ सका है, लेकिन चिकित्सकों की सलाह पर इससे राहत के लिए कुछ कारगर कदम उठाए जा सकते हैं। त्वचा पर जहां लाल रंग के चकत्ते हों, वहां आप कोई क्रीम लगा सकती हैं। फोटोथेरैपी का सहारा ले सकती हैं। नमक के पानी और एलोवेरा के साथ स्नान करती हैं। ऐसे में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है और इसके रोगियों को डेयरी प्रॉडक्ट, मांस आदि के सेवन से बचना चाहिए। उसे रोज संतुलित आहार लेना चाहिए।

कुछ घरेलू उपचार: त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार, त्वचा पर मॉइश्चराइजिंग लोशन का नियमित रूप से उपयोग करें। थोड़ी-सी धूप सेहत के लिए अच्छी होती है, क्योंकि इससे शरीर को प्राकृतिक विटामिन डी मिलता है, लेकिन कभीकभी सनबर्न स्थिति को और खराब कर सकती है। इसलिए धूप में बाहर जाने से पहले अपनी त्वचा की उचित देखभाल करें। क्रीम, जेल, लोशन, शैंपू और स्प्रे के रूप में उपलब्ध हैं। त्वचा विशेषज्ञ की देखरेख में इनका उपयोग करें।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।