क्या होती है मैमोग्राफी      Publish Date : 30/05/2025

                        क्या होती है मैमोग्राफी

                                                                                                                                     डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

केंसर के विभिन्न प्रकारों में महिलाएं स्तन कैंसर से सर्वाधिक प्रभावित होती हैं। एक चिकित्सकीय अध्ययन के अनुसार देश में लगभग 1 से 3 प्रतिशत तक महिलाएं स्तन कैंसर से ग्रस्त हैं। इनमें से 50% से भी अधिक महिलाओं की मृत्यु का कारण स्तन कैंसर ही होता है। स्तन कैंसर से बचाव तभी संभव है, जब इसका निदान बीमारी के शुरुआती दौर में ही हो जाए। ऐसा चिकित्सकीय निदान मैमोग्राफी की जांच द्वारा ही संभव है।

विशेषताएं

                                                     

• मैमोग्राफी एक ऐसी तकनीक है, जिसमें एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड द्वारा स्तन की जांच की जाती है।

• मैमोग्राफी की सहायता से स्तन में किसी भी प्रकार की गाँठ को आसानी से पहचाना जा सकता है।

• जब स्तन में गाँठ का पता हाथ से परीक्षण करने पर भी न चले, तब मैमोग्राफी के जरिये ही इस रोग की पहचान की जाती है।

• मैमोग्राफी की सहायता से इस बात की जानकारी मिलती है कि स्तन की गाँठ में कैंसर के गुण हैं या नहीं अथवा कैंसर कितना फैल चुका है।

• मैमोग्राफी की सहायता से स्तन की गाँठ को पहचान कर उस गांठ की 'सुई' द्वारा एफएनएसी बायोप्सी भी सटीक तरीके से की जा सकती है।

कब कराएं

                                                         

• मैमोग्राफी की जांच उन सभी महिलाओं को साल में एक बार अवश्य करानी चाहिए, जिनकी उम्र 40 से अधिक है।

• वे युवा महिलाएं, जिन्हें अपने स्तन में गाँठ होने की शिकायत हो।

• ऐसी महिलाएं, जिनके परिवार की महिलाओं में स्तन कैंसर का इतहिास रहा हो।

• ऐसी महिलाएं जिनकी बच्चेदानी निकाली जा चुकी हो और उन्हें हार्मोनल चिकित्सा (एचआरटी) की आवश्यकता हो।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।