
शारीरिक विकारों की भाषा सीखिए Publish Date : 28/05/2025
शारीरिक विकारों की भाषा सीखिए
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
"शरीर में आने वाले संकेत बता देते हैं कि शरीर में किस चीज की कमी है"
हमें स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी है। आहार की गड़बड़ी के कारण शरीर के अंदर हानिकारक तत्व जमा हो जाते हैं। ये तत्व विभिन्न रूपों में प्रकट होकर शरीर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। जरूरत है इन संकेतों को भाषा समझकर गंभीर शारीरिक विकारों को दूर करने की। ये संकेत यह भी बता देते हैं कि शरीर में किस चीज को कमी या अधिकता है। गौरतलब है कि आहार कम पौष्टिक या कम होना तो खतरनाक है ही, अधिक पौष्टिक व अधिक मात्रा में होने पर भी परेशानी का सबब बन सकता है। जानिए कुछ ऐसे संकेत जो बताएंगे कि आपके खान-पान में क्या गड़बड़ी है और इसे कैसे दूर किया जाए।
कहते हैं कब्ज अनेक रोगों की जड़ है। स्वस्थ रहने के लिए कब्ज से छुटकारा पाना अति आवश्यक है। इसके लिए अपने आहार में रेशेदार पदार्थ शामिल करें। सामान्यतया एक व्यक्ति को कम से कम 25 ग्राम रेशेदार खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए। दलिया, केला, अंकुरित अनाज, ताजे फल व सब्जियां खाने से इसको पूर्ति हो जाती है। इनके नियमित सेवन से आपको कब्ज की शिकायत दूर हो जाएगी। इसके अतिरिक्त चाय व मैदा युक्त पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। यदि कब्ज बहुत हठी है और फिर भी दूर नहीं हो रहा तो एनोमा का प्रयोग किया जा सकता है।
शरीर में प्रोटोन और आयरन की कमी होने से बाल कमजोर हो सकते हैं। इससे बालों की चमक चली जाती है नौर वे बेजान से नजर आते हैं। बालों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे पहले तो आप भरपेट खाना खाएं। यानी यदि आप डाइटिंग कर रहे हैं, तो छोड़ दें। मोटापा घटाने के लिए नियमित रूप से कसरत करें। शाकाहारी व्यक्तियों को अपने आहार में संकुरित अनाज, सब्जियों आदि अवश्व शामिल करनी बाहिए। इनमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है। फूल गोभी, गरोदार फल और सोयाबीन में बायोटीन तत्व पाया जाता है. बालों को मजबूत करने के साथ साथ नाखूनों को भी वस्थ रखता है।
दिल स्थितियों के अनुरूप अपनी गति को घटाता-बढ़ाता रहता है। जैसे व्यायाम करते समय या घबराहट में दिल की धड़कन ज हो जाती है जबकि आराम करते हुए या सोते समय धड़कनें कम हो जाती हैं। इनके पीछे बाकायदा कारण हैं। व्यायाम करते समय शरीर को अधिक ऊर्जा की जरूरत होती जिसके लिए शरीर के विभिन्न अंगों में अधिक मात्रा में रक्त की सावश्यकता पड़ती है। जबकि सोते समय इसका विपरीत होता है। बड़ी तब होती है, जब अकारण ही दिल अपनी धड़कनों को बढ़ा देता है।
यदि दिल की धड़कन बढ़ने के साथ-साथ दर्द भी महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर में संपर्क करें। वैसे मैग्नीशियम या पोटैशियम की कमी होने पर भी दर्द महसूस होता है। केले और आलू में पोटेशियम अधिक प्राया जाता है। इसके अतिरिक्त हरी पत्ती वाली सब्जियां, दाल, बीना, गेंहू और बाजरी इत्यादि को भी अपने भोजन में शामिल करें। इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम दोनों ही प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। काजू, कडू के बीज और सूरजमुखी के बीज में भी मैग्नीशियम मिलता है।
यदि आपको हड्डी दो या अधिक बार टूट चुकी है तो या तो आप बड़े हादसों का शिकार हुए है या फिर आपके शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी है। ढलती उम्र के व्यक्तियों को खासतौर पर कैल्शियम की अतिरिक्त खुराक की जरूरत होती है।
शरीर में कैल्शियम की पूर्ति करने के लिए नाश्ते में एक गिलास दूध अवश्य लें। खाने में दही नियमित रूप से शामिल करें। हरी पत्ती वाली सब्जियां, बीन्स और खड़े चने भी इसमें काफी लाभदायक होते हैं। दिन में नाश्ते या शाम की चाय के साथ तिल के लड्डू खाएं। तिल में काफी मात्रा में कैल्शियम होता है। वैसे वनस्पति के माध्यम से अधिक मात्रा में कैल्शियम नहीं मिल पाता। लेकिन कैल्शियम की बहुत कमी होने पर शरीर वनस्पति के स्रोतों से भी कैल्शियम सोख लेता है।
मसूड़ों में नियमित रूप से सूजन या सड़न रहने का मतलब यह है कि शरीर में एसिडोफायलस बैक्टीरिया को कमी है। विशेषज्ञों का मानना है कि वह लाभकारी बैक्टीरिया मसूड़ों को सड़न से बचाता है। फलस्वरूप मुंह की बदबू से भी एक हद तक छुटकारा मिल जाता है। इसकी पूर्ति के लिए भोजन में एक कप दही अवश्य लें।
यदि आपको भूलने की आदत या बीमारी है तो समझ ले कि आपके शरीर में विटामिन बी की कमी है। विटामिन बी बीन्स व खड़े अनाजों में प्रचुर मात्रा में मिलता है। विटामिन 'बी-12' मांस व समुद्री भोजन में अधिक पाया जाता है।
यदि आपकी त्वचा बारहों महीने सूखी-सूखी रहती है और इसमें खुजलाहट होती रहती है तो इसका अर्थ है कि आपके शरीर में विटामिन ए की कमी है। पालक, शलजम, टमाटर, तरबूज, आम और आलू में प्रचुर मात्रा में बीटा केरोटिन तत्व पाया जाता है, जो शरीर में पहुंचकर विटामिन ए में तब्दील हो जाता है। इसके अलावा दूध, अंडे को जर्दी, पनीर, मछली के तेल का सेवन करके भी सीधे विटामिन ए प्राप्त किया जा सकता है। मगर इनका प्रयोग करते समय सावधान रहें। इनमें वसा व ऊर्जा भी बहुत अधिक होती है, जो शरीर को नुकसात पहुंचा सकती है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए होने से आपकी त्वचा रूखी-सूखी नहीं रहेगी। खुजलाहट भी कम हो जाएगी। यही नहीं, विटामिन ए बढ़ती उम्र में आपको नजर को कमजोर होने से बचाए रखता है। पर ध्यान रखें गोलियों के माध्यम से विटामिन ए का सेवन न करें।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।