
एन्जाइना के द्वारा दिल की सेहत का ख्याल Publish Date : 10/05/2025
एन्जाइना के द्वारा दिल की सेहत का ख्याल
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
एन्जाइना छाती में होने वाला एक प्रकार का दर्द का दबाब है जो अक्सर परिश्रम करने, सीढ़ी चढ़ने, तेज चलने तथा वजन उठाने के बाद होता है तथा आराम करने के कुछ समय बाद ही यह सही भी हो जाता है। यह दर्द केवल छाती की बायीं ओर एवं बाये हाथ में ही नहीं, वरन निचले जबड़े, गर्दन, कंधों एवं पेट के ऊपरी हिस्से में भी हो सकता है। एन्जाइना दो प्रकार का होता है, क्रोनिक स्टेबल तथा अनस्टेबल एन्जाइना।
कारण
दिल की रक्त वाहिनियों में कोलेस्ट्रोल के जमा होने से इनमें रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। ऐसी हालत में विश्राम के समय तो खून का दौरा सही रहता है परन्तु परिश्रम के समय जब हृदय को रक्त की अधिक जरूरत महसूस होती है तो अवरुद्ध नसों द्वारा खून का दौरा समुचित नहीं हो पाता है। इसके कारण ही एन्जाइना होता है।
किसे हो सकता है, एन्जाइना
जिन लोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अधिक वजन तथा दिनचर्या में परिश्रम की कमी होती है, उनको एन्जाइना होने की संभावना प्रबल रहती है। इसके अलावा रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा ज्यादा होने, धूम्रपान के अधिक करने से भी इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है।
बचाव
अपना वजन बढ़ने न दें। यदि आपका वजन अधिक है तो इसे कम करें। वजन कम करने के लिये खाना कम करना आवश्यक है और साथ ही नियमित वॉक भी जरूरी है। यह ध्यान रहे कि उतना ही वॉक करें जिससे छाती पर दबाव न बने।
यदि मधुमेह है तो उसका नियंत्रण करना भी जरूरी है। ब्लडप्रेशर का भी नियंत्रित होना जरूरी है। कम नमक के भोजन का सेवन करना चाहिए। धूम्रपान व तंबाकू का सेवन बंद कर देना चाहिए। खाना खाने के दो घंटे तक शारीरिक परिश्रम ने करें। चलने फिरने व घूमने जाने का काम खाली पेट करें। खाने के बाद दो घंटे तक टहलें नहीं। खाने में वनस्पति घी एवं मक्खन का प्रयोग न करें। खाना पकाने में सरसों का तेल और सन फ्लॉवर आयल बेहतर है। बहुत सर्दी के मौसम में जब थोड़ी धूप निकले तभी घूमने के लिये निकलें। सर्दी से पूरा बचाव भी करें।
ध्यान दें
इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम सही होने का अर्थ कदापि न लगाएं कि आपको एन्जाइना का खतरा नहीं है। एन्जाइना के अधिकतर रोगियों का इसीजी सही होता है। इसीजी यह देखने के लिये की जाती है। कि हृदय को कोई नुकसान तो नहीं है। एन्जाइन के रोगी को समय समय पर डाक्टर के संपर्क करते रहना चाहिए। डाक्टर द्वारा बतायी गई दवाओं का सेवन सही प्रकार से करते रहना चाहिए।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।