विश्व टीकाकरण दिवस पर विशेष      Publish Date : 11/11/2024

                      विश्व टीकाकरण दिवस पर विशेष

                                                                                                                                     डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

टीके बच्चों के जीवन के लिए अहम, टीकाकरण अवश्य कराएं, ऐसे वाक्य या स्लोगन लोागें को टीकारण के लिए प्रेरित करते हैं, क्योंकि टीकाकरण ही एकमात्र ऐसा माध्यम है जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पूरे जीवन सुरक्षा प्रदान करता है। यदि आप अपने बच्चे को पांच वर्ष में केवल सात बार टीके लगवा लेते हैं तो स्वास्थ्य विभाग का यह दावा है कि आपे बच्चे को 12 तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल जाएग।

                                                                  

वैसे फिलहाल मेरठ महानगर में 16 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। मेरठ में अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से जगजागरण हेतु ‘‘नमस्ते वैक्सीन’’ नामक अभियान आरम्भ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत लोगों से अपील की जा रही है कि आप अपने परिचित, मित्रों और सगे सम्बन्धियों से लिने उनके घर जाने के बाद उनसे नमस्ते करने के बाद और जलपान आदि ग्रहण करने से पूर्व उनसे दो प्रश्न अवश्य ही करें।

क्या आपके घर में 16 वर्ष तक की आयु के बच्चे या गर्भवी महिला है। और यदि हैं तो क्या उनका टीकाकरण हो चुका है। इस प्रकार लोग टीकाकरण के प्रति प्रेरित होगें। वर्तमान समय तक जिले में 87 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो चुका है। यहां वर्षभर में एक लाख से अधिक बच्चों का जन्म होता है और वर्तमान दौर में भी टीकाकरण के प्रति लोगों में अपेक्षित जागरूकता की कमी है।

ठसके लिए बर बार प्रयास करके लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जिससे कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं का शत प्रतिशत टीकाकरण किया जा सके।

डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ ने बताया कि अभी तक जिलें में 87 प्रतिशत बच्चों को टीके लगाए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता अधिक देखी गई है। टीकाकरण के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से ही नमस्ते वैक्सीन नामक अभियान आरम्भ किया गया है, और इस अभियान से लोग स्वयं ही जुड़ रहे हैं। इस प्रकार के अभियानों के चलते लोगों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता आती है और लोग स्वयं ही आगे आकर बच्चों का टीकाकरण करा रहे हैं।

किन किन बीमारियों से बचाते हैं टीके

                                                           

टीबी, पीलिया, रोटा वायरस, काली खाँसी, गलघोंटू, टिटनस, हीमोफिलि इंफ्ूएंजा, रतौंधी, जापानी एंसेफेलाइटिस, खसरा-रूबेला, और निमोनिया के जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाते हैं। डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर ने बताया कि

बीसीजी का टीका टीबी की बीमारी से बचाता है तो हैप-बी का टीका पीलिया और लीवर से सम्बन्धित अन्य बीमारियों से बचाता है।

दो बूँद पोलियो की ड्रॉप्स पोलियो नामक खतरनाक बीमारी से बचाती है और यही कारण है कि इसे दो बूँद जिन्दगी की कहा जाता है।

रोटा की टीका दस्त की बीमारी से बचाता है।

पेंटा का टीका गलघोंटू, टिटनस और हीमोफिलिस नामक बीमारी से भी बचाव करता है।

पीसीबी का टीका निमोनिया की बीमारी से प्रभावी बचाव करता है।

खसरा-रूबेला का टीका खसरा और रूबेला की बीमारियों से बचाव करता है।

जपानी एंसेफेलाइटिस का टीका दीमागी बुखार से बचाव करता है।

किस उम्र पर कौन सा टीका

  • बच्चे के जन्म पर बीसीजी, हैपेटाइटिस-बी और पोलियो की जीरो डोज।
  • 1.5 माह की आयु पर पैंटावेलेंट-1, ओपीवी-1, एफ-आइपीवी-1, रोटा-1 एवं पीसीवी-1।
  • 2.5 माह की आयु पर पैंटावेलेंट-2, ओपीवी-2 और रोटा-2।
  • 3.5 माह की आयु होने पर पैंटावलेंट-3, ओपीवी-3, एफ-आइपीवी-2, रोटा-3 और पीसीवी-2।
  • 9.5 माह की आयु पर एमआर और जेई का प्रथम टीका, पीसीवी बूस्टर, एफ-आईपीवी-3 तथा एक डोज विटामिन की।
  • 16 से 24 माह की आयु होने पर एमआर एवं जेई का दूसरा टीका, डीपीटी, ओपीवी और विटामिन ए प्रत्येक 6 महीने पर 5 वर्ष की आयु होने तक।
  • 5 से 6 वर्ष की आयु पर डीपीटी-2 का टीका लगाया जाता है।
  • जिला मेरठ के विश्ष्टि टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत 10  और 16 वर्ष की आयु होने पर टीडी अर्थात टिटनस एवं डिप्थीरिया के टीके भी लगाए जाते हैं। 

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।