कृषि विश्वविद्यालय में हुआ 18वें दीक्षांत समारोह का आयोजन      Publish Date : 22/09/2025

कृषि विश्वविद्यालय में हुआ 18वें दीक्षांत समारोह का आयोजन

दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 400, परास्नातक में 131 एवं पी.एच0डी0 में 52 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की गई।

दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को 26 पदकों से पुरस्कृत किया गया। 13 पदकों को अपने नाम कर विश्वविद्यालय की छात्राएं रही अव्वल। अनुराग पटेल, बी0वी0एस0सी0 एण्ड ए0एच0 ने कुलाधिपति स्वर्ण पदक एवं कुलपति स्वर्ण पदक सहित 02 पदक अपने नाम किए।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 18वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, इस समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा की गयी। इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, श्री सूर्य प्रताप शाही जी, मा0 मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उ0प्र0, मुख्य अतिथि, डा0 पंजाब सिंह, कुलाधिपति, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी थे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 21 छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 26 पदक प्रदान किये। 26 पदको में से 16 पदक छात्राओं और 10 पदक छात्रों ने अपने नाम कर अपने कौशल का परिचय दिया।

दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 400, परास्नातक में 131 एवं पी-एच0डी0 में 52 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की गयी। शैक्षिक उत्कृष्टता के लिए कृषि महाविद्यालय, जैव-प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, उद्यान महाविद्याल, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, डेयरी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, पशु चिकित्सा महाविद्यालय एवं कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के 26 छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति एवं कुलपति स्वर्ण, रजत व कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त चार छात्र-छात्राओं को प्रायोजित पदकों से भी सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर पर ऐकेडमिक एवं को-करिकुलर गतिविधयों में संयुक्त रूप से उत्कृष्ट प्रर्दशन हेतु अनुराग पटेल, बी0वी0एस0सी0 एण्ड ए0एच0 को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए माननीय राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि बेटियॉ इस बार भी पदक में आगे रही। उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरूआत मेरठ के सांस्कृतिक एवं धार्मिक इतिहास को याद करते हुए शुरू किया। उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि आप इस विश्वविद्यालय से प्राप्त शिक्षा एवं कौशल का उपयोग कर देश के सीमान्त एवं मध्य वर्गीय कृषकों को खेती से सम्बन्धित उन्नत तकनीकों द्वारा उनके जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास करे तथा व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों द्वारा विकसित राष्ट्र के निर्माण में सार्थक योगदान दे। उन्होंने कहा कि आप यदि मन लगाकर अपनी बौद्धिक क्षमता एवं तकनीकी ज्ञान का उपयोग करेगे तो राष्ट्र को विकसित होने से कोई नहीं रोक सकेगा।

उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में आप जैसे उर्जावान, सुगठित एवं प्रतिभावान युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। आज हमारा देश टैक्नोलोजी के माध्यम से सभी क्षेत्र कृषि हो, विज्ञान हो, प्रौद्योगिकी हो या शिक्षा का क्षेत्र का हो उत्कृष्ट कार्य कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में ड्रोन आधारित खेती पर ध्यान दिया जा रहा है। ड्रोन दीदी योजना लागू की गई है जिसमें यह योजना महिलाओं को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण देकर कमाई का एक नया माध्यम और आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर देगी। उन्होंने कहा कि जीवन को सुरक्षित रखने के लिए महिलाओं के स्वास्थ तथा शिक्षा पर ध्यान देना होगा। एक सशक्त समाज का निर्माण तभी होगा जब महिलाओं तथा बेटियों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। हमें महिलाओं के पोषण लाभ पर ध्यान देना होगा और हर परिवार को मजबूत आधार मिल सके इसके लिए बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ पर ध्यान देते हुए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि ड्रोन आधारित खेती बायोटैक्नोलोजी का समावेश कर उन्नत शील खेती की जाए। बीजों का उत्पादन किया जाए, जो कम पानी एवं कम लागत में अधिक उत्पादन दे सके। ऐसी तकनीकों का विकास किया जाए जिससे आपदाओं के समय किसान सुरक्षित हो सके। देश में पर्यावरण सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर शोध किया जाना चाहिए। उन्होंने नई और उपयोगी तकनीकों को किसानों तक पहुँचाने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि छात्राओं की पढ़ाई पर ध्यान देना होगा तभी महिलाएं राष्ट्र को सशक्त बनाने में अपना योगदान दे पाएगी। देश के सीमान्त क्षेत्रों के लिए उचित प्रबंधन एवं तकनीकों का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाना होगा तभी वो लोग भी विकसित भारत के निर्माण में भागेदारी दे सकेगे। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से किसानों को फायदा होगा मौसम से सम्बन्धित सटीक जानकारी, रोगों के निदान की उपयोगी तकनीकों को किसान तक समय से पहुँचाने में यह तकनीकी लाभकारी साबित होगी। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का लोग सदुपयोग करे, दुरूपयोग न करें।

विकसित कृषि अभियान में छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक बने भागीदार-

    राज्यपाल आंनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश में विकसित कृषि अभियान-2025 की शुरूआत 03 अक्टूबर, 2025 से की जा रही है और यह अभियान 18 अक्टूबर, 2025 तक चलाया जाएगा। इसमें विश्वविद्यालय के स्नातक, स्नातकोत्तर, पी-एच0डी0, शोध छात्र एवं शिक्षकों को टीम बनाकर गाँवों में जाना है, हर टीम को 03 गाँव में जरूर जाना हैं। उन्होंने कहा कि गाँव में जाकर सरकार की कृषि सम्बन्धी योजनाओं को उन्नतशील तकनीकों मृदा परीक्षण तथा मृदा स्वास्थ्य की जानकारी महिलाओं एवं किसानों के बीच जाकर देनी हैं। उन्होंने कहा कि किसान हमारे लिए पसीना बहाते है, अब हमें उनके लिए पसीना बहाना है और उनको जानकारी देनी हैं।

उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वो अपने जीवन में कृषि के ज्ञान को व्यवहारिकता में लाए तथा सरकार के द्वारा दिए जा रहे स्टार्टअप योजनाओं से जुड़ कर लाभ उठाए। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा छात्रों को इसमें मुख्य भूमिका निभाने का प्रयत्न करना चाहिए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीण स्तर पर किए जा रहे कार्यो की भी सराहना की। इस अवसर पर गाजियाबाद जनपद के 300 आंगनबाड़ी केन्द्रों को किट प्रदान किया।

महामहिम ने आज के युग को विविधीकरण का युग कहा, जहाँ कृषि एवं कृषि से जुड़े व्यवसायों को एक प्लेटफॉर्म पर लाए जाने की  आवश्यकता हैं। महामहिम ने ड्रोन सखी परियोजना को स्वयं-सहायता समूह की महिलाओं के लिए वरदान के रूप में लेकर अपनी आय को बढ़ाने का उत्तम जरिया बताया। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। “डिजिटल एग्रीकल्चर”, “ड्रोन टेक्नोलॉजी”, “सस्टेनेबल फार्मिंग” और “मिलेट्स का प्रचार-प्रसार” जैसे अभियान आज भारत को नई पहचान दिला रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करना है कि वैज्ञानिक शोध प्रयोगशालाओं तक सीमित न रहे, बल्कि किसानों के खेतों तक पहुँचे और उनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाए।

मुख्य अतिथि के रूपमें डा0 पंजाब सिंह, कुलाधिपति, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी ने उपाधि पाने वाले छात्रों को बधाई प्रेषित करते हुए भारत के लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल के चरित्र का अनुसरण करते हुए कृषि शिक्षा में उत्कृष्ट शोध कर भारतीय किसानों को सशक्त करने के लिए वचनबद्ध किया। उन्होंने उन्नत कृषि तकनीकी जैसे प्रिसीजन फार्मिंग, स्मार्ट खेती, सस्टेनेबल कृषि, सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था से किसानों को परिचित कराने पर जोर देते हुए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों व शोध छात्रों को इस परिवर्तनकारी युग में मौसम के अनुसार फसल सम्बंधित सलाह को किसानों तक पहुँचानें की विधियो को विकसित करने पर ध्यान आकर्षित किया। देश में खाद्य तेल की समस्या को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों का आहवान किया। कृषि क्षेत्र चालू मूल्यों पर FYM4 में देश की GDP का लगभग 16 प्रतिशत योगदान देता है और लगभग 46.1 प्रतिशत आबादी को इसका समर्थन प्राप्त है। चुनौतियों के बावजूद, भारत का कृषि क्षेत्र लचीला है और FY17 से FY24 तक सालाना औसतन 5 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर दिखाई है। FY25 के दूसरे तिमाही में, कृषि क्षेत्र में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई, जो अनुकूल मौसम, कृषि पद्धतियों में सुधार और उत्पादकता तथा स्थिरता को बढ़ाने के लिए सरकार की पहलों के कारण है। डा0 पंजाब सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि का महत्व और भी अधिक है, जहां लगभग 60% परिवार अपनी आजीविका के लिए इस क्षेत्र पर निर्भर हैं। भारत ने 2023-24 में 332.3 मिलियन टन अनाज, 24.2 मिलियन टन दालें, 453.2 मिलियन मीट्रिक टन गन्ना, 39.6 मिलियन टन तिलहन, 239.3 मिलियन टन दूध, 142.77 अरब अंडेऔर 10.2 मिलियन टन मांस का उत्पादन किया। यह सब सबूतों पर आधारित नीतियों और कार्यक्रमों, सेवाओं के निर्माण और कृषि-खाद्य प्रणाली में उन्नत तकनीकों के तालमेल के माध्यम से हासिल किया गया है, जिसका उद्देश्य सतत कृषि विकास और किसानों की भलाई है। उन्होंने कहा कि भारत में ग्रामीण महिलाएं आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो कृषि, उद्यमिता और सामुदायिक पहलों को आगे बढ़ाती हैं। भारत में कृषि कार्यबलमें महिलाएं लगभग 80% हैं, जिनमें 33% कृषि श्रमिक और 48% स्व-रोजगार वाली हैं। श्नमोड्रोनदीदी” योजना 15,000 चयनित महिला WHG को ड्रोन देकर महिलाओं को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखती है। डा0 पंजाब सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि लक्षित नीतियां लागू करके और शिक्षा, संसाधनों और समर्थन प्रणाली के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाकर, भारत सतत विकास और लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए उनके आर्थिक योगदान का लाभ उठा सकता है। कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों को पाठ्यक्रम सुधार और कौशल विकास के अवसरों के माध्यम से महिलाओं को तकनीकी कौशल से लैस करने और उनकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए। हम भारतीय कृषि के इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं। हम ऐसे देश हैं जो उपजाऊ भूमि, विविध पारिस्थितिकी तंत्र और समृद्ध कृषि परंपराओं से धन्य हैं। हमें दुनिया में दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक और चावल, गेहूं, कपास, गन्ना और फल-सब्जी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने पर गर्व है। उन्होंनेकहाकिकृषिऔरसंबंधित क्षेत्रोंमेंउल्लेखनीय उपलब्धियांहमारेकिसानों की अथकमेहनत, हमारे कृषिवैज्ञानिकों की कुशलताऔरसरकार की नीतियों का प्रमाणहैं, जैसेकिफसलमेंविविधताको बढ़ावादेना, प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतमसमर्थनमूल्य (डैच्) बढ़ाना, किसानक्रेडिटकार्ड (ज्ञब्ब्) के माध्यम से किसानोंकोबेहतरवित्तीय सुविधा उपलब्ध कराना, कटाई के बादहोनेवालेनुकसानको कम करनाऔरमाइक्रो-इरिगेशनप्रोजेक्टऔरअन्य सहायकगतिविधियों के माध्यम से पानी का बेहतरउपयोग।

विषिश्टअतिथि के रूप मेंश्रीसूर्यप्रताप षाहीजी, मा0 मंत्री, कृशि, कृशिषिक्षा एवंअनुसंधान, उ0प्र0 ने अपनेव्यक्तव्य की षुरूआतभारत के लौहपुरूश सरदारवल्लभभाईपटेलकोनमनकरतेहुयेप्रारम्भ की तथादीक्षांतसमारोहमेंउपाधि तथापदकप्राप्तकरनेवालेसभीछात्रोंको बधाईप्रेशितकी। इस अवसरपरउन्होंनेउपाधि प्राप्तकरनेवालेसभीछात्रों से लौहपुरूश सरदारवल्लभभाईपटेल के आदर्षो का अनुसरणकरतेहुयेअपनेज्ञान का प्रयोगभारतवर्श के किसानों के उत्थानहेतुकरने का आहवानकिया।उन्होंनेकहाकिपष्चिमीउत्तरप्रदेष के उत्थानमें कृशिविष्वविद्यालय की भूमिका की सराहनाकरतेहुए भविश्य की चुनौतियों के अनुरूपकार्यकरने का आहवानकिया।पष्चिमीउत्तरप्रदेषमें एग्रोटूरिज्म की सम्भावनाओंकोतलाषने एवं इसे स्थापितकरने का आहवानकियाताकि स्थानीय युवाओंकोग्रामीणस्तरपररोजगारप्राप्तहोसके।विकसितभारतमेंछात्रों की भूमिका का जिक्रकरतेहुए छात्रोंकोअनुषासितहोकरपढ़ाईकरने एवंकार्यक्षेत्र मेंमेहनत से कार्यकरने का आहवानकिया।उन्होंनेकहाकिटैक्नोलोजी का जामानाहैतकनीक का उपयोगकरकेहमेंउन्नतषीलप्रजातियॉविकसितकरनीहै।सब्जीउत्पादनतथाफलउत्पादन के क्षेत्र मेंओरअधिक ध्यानदेनाहै।इसकेअलावातिलहन एवंदलहनउत्पादनको बढाने का कार्यकरनाहैं।उन्होंनेकहाकि धरतीबीमारहोरहीहैउसकोसुधारने की आवष्यकताहै।हमेंपोशणयुक्तअनाजउत्पादनकैसेहो इस परभी ध्यानदेनाहैं।

कुलपति प्रो0 के0के0 सिंह ने दीक्षांतसमारोह के दौरानविष्वविद्यालय की उपलब्धियोंतथाभविश्य मेंचलायेजानेवालेकार्यक्रमों, परियोजनाओं एवंषिक्षा, षोध एवंप्रसार के बारेमेंविस्तार से बताया।कुलपति प्रो0 के0के0 सिंह ने अपने संबोधनमेंकहाकिशिक्षा का उद्देश्य ऐसेछात्रों एवंछात्राओंकोतैयारऔरप्रशिक्षितकरनाहोताहै, जिससेवेसत्यनिष्ठा, ईमानदारीऔर दृढ़ता के साथ जीवन संघर्ष का सामनाकरसके।उन्होंनेविगत 01 वर्शमेंषिक्षण, षोध औरप्रसारसम्बन्धितउपलब्धियोंको रखा।कृशिविज्ञानकेन्द्रों के माध्यम से 3500 ग्रामीणमहिलाओंकोलघुउद्यमिताविकास का प्रषिक्षणदियागयाजिसमें से 160 महिलाओं ने अपनालघुउद्यम षुरू कियाहैं।विकसित कृशिसंकल्पअभियान (खरीफ) द्वारा कृशिविज्ञानकेन्द्रों के वैज्ञानिकों ने 2295 गाँवोंमेंजाकर 4,59,000 कृषकों से सीधा संवादकर कृषि की नवीनतमतकनीकों का हस्तान्तरणकिया।

इस अवसरपररूचीकुमारी, बी0एससी0 (ऑनर्स) कृषिकोकुलपतिस्वर्णपदक, रषमी सिंह, बी0एससी0 (ऑनर्स) कृषिकोकुलपतिरजतपदक, इषितातोमर, बी0एससी0 (ऑनर्स) कृषिकोकुलपतिकांस्य पदक, अर्षिया षर्मा, बी0एससी0 (ऑनर्स) उद्यानकोकुलपतिस्वर्णपदक, सचिन यादव, बी0एससी0 (ऑनर्स) उद्यानकोकुलपतिरजतपदक, स्वपनिलगुप्ता, बी0एससी0 (ऑनर्स) उद्यानकोकुलपतिकांस्य पदक, हर्शिता सिंह, बी0टैक0 (जैव प्रौद्योगिकी) कोकुलपतिस्वर्णपदक, योग्या सिंह, बी0टैक0 (जैव प्रौद्योगिकी) कोकुलपतिरजतपदक, कीर्ति सिंह, बी0टैक0 (जैव प्रौद्योगिकी) कोकुलपतिकांस्य पदक, आदिति त्रिवेदी, बी0टैक0 (कृशिअभियांत्रिकी) कोकुलपतिस्वर्णपदक, सत्यमतिवारी, बी0टैक0 (कृशिअभियांत्रिकी) कोकुलपतिरजतपदक, रवि यादव, बी0टैक0 (कृशिअभियांत्रिकी) कोकुलपतिकांस्य पदक, सुमितदूबे, बी0टैक0 (खाद्य प्रौद्योगिकी) कोकुलपतिस्वर्णपदक, खुषीत्यागी, बी0टैक0 (खाद्य प्रौद्योगिकी) कोकुलपतिरजतपदक, सिदराजमीर, बी0टैक0 (खाद्य प्रौद्योगिकी) कोकुलपतिकांस्य पदक, रेषूराजपूत, बी0टैक0 (डेयरी प्रौद्योगिकी) कोकुलपतिस्वर्णपदक, पंकजकुमार, बी0टैक0 (डेयरी प्रौद्योगिकी) कोकुलपतिरजतपदक, निधि राजपूत, बी0टैक0 (डेयरी प्रौद्योगिकी) कोकुलपतिकांस्य पदक, अनुरागपटेल, बी0वी0एससी0एण्डए0एच0 कोकुलपतिस्वर्णपदक, अंकितकौषिक, बी0वी0एससी0एण्डए0एच0 कोकुलपतिरजतपदक, श्रेयामिश्रा, बी0वी0एससी0एण्डए0एच0 कोकुलपतिकांस्य पदकप्रदानकियेगये।

इस दीक्षांतसमारोहमें 04 अतिरिक्तप्रायोजितपदकभीप्रदानकियेगये।प्रायोजितमेडलमें बी0एससी0 (ऑनर्स) उद्यान की छात्रा अर्षिया षर्माको श्रीमती जावित्री देवीमेमोरियलस्वर्णपदक, बी0टैक0 (कृषि अभियांत्रिकी) के छात्राआदिति त्रिवेदीको ठा0 षषिपाल सिंह मेमोरियलस्वर्णपदक, बी0टैक0 (खाद्य प्रौद्योगिकी) की छात्र सुमितदूबेकोप्रो0 समषेरस्वर्णपदकतथा बी0टैक0 (डेयरी प्रौद्योगिकी) की छात्रा रेषूराजपूतकोसरितामेमोरियलस्वर्णपदकप्रदानकियागया।

इस अवसरपरहैदराबाद की हार्टफुलसंस्था के निदेषकरामराघवेन्द्रम के साथएम0ओ0यू0 परकुलपति, डा0 के0के0 सिंह ने हस्ताक्षरकिए।इसकेअलावा जय किसानकन्याइण्टरकॉलिज, दुल्हैडा के स्कूलीबच्चों द्वारापर्यावरणगीतप्रस्तुतकियागया।इसकेअलावामहिलासषक्तिकरणपरमानसीचौहान ने अपनीप्रस्तुतिदी। इस दौरान 05 आंगनबाड़ीकार्यकत्रियोंकोभीसम्मानितकियागया।इसकेअलावा मुख्य विकासअधिकारी, गाजियाबादकोराजभवन द्वाराकिताबेंभेंट की गई।

कार्यक्रम के अन्तमेंकुलसचिवडा0रामजीसिंह द्वारा धन्यवादज्ञापितकियागयातथाकार्यक्रम का संचालन डा0 प्रेरणासिकरवार द्वाराकियागया। इस दौरानप्रबंध परिशद के सदस्य, एकेडमिककाउंसिल के सदस्य तथाविभिन्नविभागों के विभागाध्यक्ष भीउपस्थितरहें।राश्ट्रगान के साथकार्यक्रम का समापनहुआ।

राज्यपालमहोदय ने कृशिविष्वविद्यालय की समीक्षा बैठककी।

    सरदारवल्लभाईपटेल कृषि एवंप्रौद्योगिकविष्वविद्यालय, मेरठमेंप्रसारनिदेषालय के सभाकक्ष मेंसमीक्षा बैठक का आयोजनकियागया।इस कार्यक्रम की अध्यक्षतामहामहिमराज्यपाल श्रीमती आनंदीबेनपटेल द्वारा की गई।उन्होंनेहमारी यूनिवर्सिटीनषामुक्त एवंड्रग्समुक्तहो, इसकेअभियानचलानाहोगा।कैम्पसमेंहॉस्टल्सतथा घरोंके आसपास के क्षेत्र की साफसफाई, हॉस्टल्स की साफसफाईपर ध्यानदेने की बातकही।उन्होंनेपरीक्षा के उपरान्तजल्द से जल्दपरिणाम घोशितकरने, अधिक से अधिकफंक्षनल एम0ओ0यू0 तथापेटेन्ट बढाए जाने की बातकही।उन्होंनेनैक की ग्रडिंगअच्छीजाने के लिए अभी से ध्यानदेने की बातकही।उन्होंनेडेयरीतथाहॉस्टल्स के अन्दर व बाहर की स्वच्छतापर ध्यानदेने की बातकही।उन्होंनेपरिसरमेंअधिक से अधिक वृक्षारोपणकरनेतथाछात्रों के खेलकूदको बढावादेने के लिए स्टेडियमकोओरअधिकसुदृढ़ करने की बातकही। इस अवसरपरसूर्यप्रताप षाही, मा0 मंत्री, कृशि, कृशिषिक्षा एवंअनुसंधान, उ0प्र0,कुलपति डा0 के0के0 सिंह, जिलाधिकारी, मेरठ डा0 वी0के0 सिंह, कुलसचिव, डा0 रामजी सिंह, वरिश्ठपुलिस अधीक्षक, डा0 विपिनताड़ातथाविभिन्नमहाविद्यालयोंअधिश्ठाता, निदेषकगणमौजूदरहे।