
कृषि विश्वविद्यालय में कृषि तकनीक नवाचार केंद्र का शुभारंभ Publish Date : 08/07/2025
कृषि विश्वविद्यालय में कृषि तकनीक नवाचार केंद्र का शुभारंभ
कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के समावेश से किसानों की आमदनी में और होगी बढ़ोतरी- केन्द्रीय शिक्षा मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान।
नवाचार केंद्र की स्थापना से छात्रों के लिए नई संभावनाएं और नए द्वार खुलेंगे- केंद्रीय मंत्री, जयंत चौधरी।
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज कृषि तकनीक नवाचार केंद्र का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री भारत सरकार धर्मेंद्र प्रधान एवं अति विशिष्ट अतिथि माननीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार, जयंत चौधरी, विशिष्ट अतिथि कैबिनेट मंत्री कृषि विभाग सूर्य प्रताप शाही एवं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री अनिल कुमार और कृषि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर के. के. सिंह ने गांधी हाल में आयोजित समारोह को दीप प्रज्जित कर प्रारंभ किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा भारत सरकार द्वारा आईआईटी रोपड़ को कृषि के क्षेत्र में नवाचार करने हेतु सहायता प्रदान की गई थी। उनके द्वारा कृषि के क्षेत्र में काफी योगदान किया जा रहा है और उसी क्रम में एक सेंटर सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भी खोला गया है।
उन्होंने कहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के माध्यम से किसान अब कम लागत में भी अधिक पैदावार ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा खेत और खलिहान में बसती है। यह क्षेत्र गंगा जमुना का उपजाऊ क्षेत्र है, यहां पर काफी अच्छी खेती की जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहे हैं कि किसानों की आय को दुगना किया जाना चाहिए और इसके लिए नई तकनीक का इस्तेमाल काफी लाभकारी हो सकता है। उन्होंने बताया कि लगभग 40,000 करोड रुपए का एथेनॉल अभी तक सरकार के द्वारा खरीदा जा चुका है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में ऊर्जा की पूर्ति के लिए गेहूं, चावल और मक्का की पराली आदि से एथेनॉल का प्रोडक्शन प्रारंभ होगा, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सकेगी। सरकार का प्रयास है कि किसान बिना रासायनिक खाद और बिना पेस्टिसाइड के खेती करें, जिससे गुणवत्ता युक्त उत्पाद पैदा हो और किसान के उत्पाद अच्छी कीमत पर बिक सके तो इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
इस अवसर पर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय जयंत चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा की नई तकनीक की पहुंच अब किसानों तक पहुंच रही है। इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े हुए स्टार्टअप की एग्जीबिशन किसानों के लिए काफी प्रेरणादायक है। युवा भारत में युवा और आगे बढ़ सके तथा लैब से गांव तक विज्ञान को पहुंचाने का काम भी तेजी से हो रहा है। किसान भी नवाचार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मेरठ के एक क्रांतिकारी जिला हैं, मेरठ के छात्रों के लिए नई संभावनाएं और कामयाबी के नए द्वार इस कृषि तकनीक नवाचार केंद्र के माध्यम से खुल सकेंगे। उन्होंने कहा कि गन्ने की 0238 प्रजाति काफी अच्छी थी, लेकिन रेड रोज डिजीज के कारण इस प्रजाति का काफी नुकसान हुआ है। आने वाले समय में कृषि वैज्ञानिको द्वारा शोध करके नई गन्ने की प्रजातियां का विकास किया जाएगा और उनका उत्पादन भी अच्छा होगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह इकट्ठे होकर एफपीओ बनाएं, जिससे उनके उत्पादों की और अधिक अच्छी कीमत मिल सके, क्योंकि जब वह स्वयं ही प्रोसेसिंग करेंगे तो उनका उत्पाद और अधिक कीमत पर बिक सकेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार में विज्ञान एवं तकनीक मंत्री अनिल कुमार ने अपने संबोधन में कहा अब जमाना बदल रहा है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल अब खेती में भी तेजी से हो रहा है। इसके लिए ही एग्रीटेक हब की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि देश का किसान स्वावलंबी हो, मजबूत हो यही प्रयास सरकार द्वारा लगातार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि में नई तकनीक का समावेश कर किसान अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपण के निदेशक राजीव आहूजा ने संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत बनाने में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इससे फूड सिक्योरिटी को भी बढ़ावा मिल रहा है, उन्होंने कहा कि आईटी मॉडल को स्टार्ट यूपी के क्षेत्र में और अधिक काम किया जा सकता है। एग्रीकल्चर स्टार्टअप की मांग काफी बढ़ रही है और इस क्षेत्र में युवा काफी संख्या में आगे आ रहे हैं।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के. के. सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपण के संयुक्त सहयोग से स्थापित किया जा रहे किसी तकनीक नवाचार केंद्र की साझेदारी शिक्षा अनुसंधान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक उद्धरण साबित होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र का उद्देश्य पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों और विद्यार्थियों को आधुनिक डाटा संचालित और टिकाऊ कृषि तकनीक से जोड़ना है। यह अब आधुनिक सेंसर क्लाउड तकनीकी और उद्यमिता आधारित प्रणाली से युक्त है, जो कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देगा। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवा ही नहीं एग्रीकल्चर के क्षेत्र में आने वाले सभी लोगों को फायदा होगा और इससे स्वरोजगार एवं रोजगार की संभावनाओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस कार्यक्रम का संचालन ङॉ0 प्रेरणा सिकरवार तथा धन्यवाद प्रस्ताव अधिष्ठाता डॉक्टर जयवीर यादव द्वारा दिया गया। डॉक्टर जयवीर यादव ने बताया कि इस केंद्र के खुल जाने के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश के युवाओं और किसानो के अलावा देश के विभिन्न भागों के युवाओं को भी लाभ प्राप्त होगा।
इस अवसर पर शहर विधायक अमित अग्रवाल, नगर महापौर हरिकांत अहलूवालिया, चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता शुक्ला, सांसद धर्मेंद्र भारद्वाज, जिला अध्यक्ष भाजपा, शिवकुमार राणा, सत्येंद्र सिसोदिया तथा अन्य लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर कृषि के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे 10 प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया गया।