कृषि विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग संगोष्ठी का आयोजन      Publish Date : 08/06/2025

  कृषि विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग संगोष्ठी का आयोजन

योग ने संपूर्ण विश्व को शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का मार्ग दिखाया- डॉक्टर के के सिंह, कुलपति

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज विदेशी संस्थाओं से जुड़कर अंतर्राष्ट्रीय योग संकोशिका सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर के के सिंह ने की। इस संगोष्ठी में देश और विदेश के विख्यात योग विशेषज्ञों द्वारा अपने विचार एवं व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का आयोजन पशु चिकित्सा महाविद्यालय के सभागार में किया गया। इसका शुभारंभ कुलपति डॉ के के सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया।

                                               

कुलपति डॉ के के सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा योग की महत्व वसुदेव कुटुंबकम की भावना को समाहित करते हुए, योग की अंतरराष्ट्रीय परिधि में महत्व को रेखांकित करते हुए और सभी के जीवन को चरितार्थ करते हुए एक उत्तम माध्यम बताया। कुलपति डॉ0 के के सिंह ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम और महानतम देन है, जिसने न केवल भारतीय समाज को बल्कि संपूर्ण विश्व को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का मार्ग दिखाया है। आज योग एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है, जिनकी लोकप्रियता और स्वीकारता विश्व के कोने कोने में देखी जा सकती है। योग ने न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय क्षेत्र में भी गहरा प्रभाव डाला है।

मुख्य वक्ताओं में वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बसंत महेश्वरी ने योग की उपयोगिता तथा उसके महत्व के बारे में बताते हुए कहा इसका प्रभाव वैश्विक स्वास्थ्य और जीवन शैली पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि योग केवल एक व्यायाम प्रणाली ही नहीं है बल्कि यह विश्व को जोड़ने वाला एक सांस्कृतिक सेतु भी है।

मुख्य वक्ता इंडोनेशिया बाली के भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित अगेंस् इंद्र उद्ययन ने अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि योग का दर्शन केवल शरीर और मन तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण के साथ संघर्ष की शिक्षा भी देता है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम में पर्यावरणीय कल्याण और सतत विकास जैसे विषयों को भी जोड़ा गया है। योग अभ्यास ने लोगों को जैविक भोजन, प्राकृतिक चिकित्सा और पोषणीय जीवन शैली की ओर प्रेरित किया है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिला है। उन्होंने योग को स्वास्थ्य एवं दिमाग से जोड़तेे हुए कहा इससे दोनों का विकास होता है।

भारतवर्ष के प्रतिष्ठित योग शिक्षक भारत सिंह गुरुजी ने अपना व्याख्यान देते हुए शरीर में प्रयाणम की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी।

मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए डॉक्टर दुष्यंत कुमार वर्ल्ड योग रिकॉर्ड धारक एवं स्टेट ऑर्गेनाइजिंग कमिश्नर स्काउट एवं गाइड्स ने स्वास्थ्य एवं तनाव मुक्त जीवन के बारे में अपना वचन प्रस्तुत किया, उन्होंने कहा कि योग क्रियाएं कर कर लोग स्वस्थ रह सकते हैं और तनाव से मुक्त भी रह सकते हैं।

इस संगोष्ठी में शुभम सिंह प्रशिक्षण का पतंजलि योगपीठ प्रयागराज ने दैनिक दिनचर्या में योग का समावेश क्यों आवश्यक है विषय पर चर्चा करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किया।

                                                

इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में स्वागत भाषण अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर डी के सिंह तथा स्वागत भाषण कुल सचिव डॉक्टर रामजी सिंह द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ पी के सिंह टेक्नोलॉजी महाविद्यालय द्वारा किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव कुलसचिव डॉक्टर रामजी सिंह ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर निदेशक ट्रेंनिंग प्लेसमेंट प्रोफेसर आर एस सेंगर, निदेशक प्रसार डॉ पी के सिंह, निदेशक शोध डॉ0 कमल खिलाड़ी, अधिष्ठाता कृषि डॉक्टर विवेक धामा, अधिष्ठाता टेक्नोलॉजी डॉ जयवीर यादव, अधिष्ठाता हॉर्टिकल्चर डॉक्टर विजेंद्र सिंह, अधिष्ठाता वेटरनरी डॉ तरूण सरकार, डॉ विजय सिंह, पोस्ट ऑफिस टेक्नोलॉजी के अधिष्ठाता जेनिथा इमानुएल, डॉ पंकज कुमार, डॉक्टर वी के सिंह, डॉक्टर पंकज चौहान और डॉ यू पी शाही आदि शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।