
बिना डंक वाली मधुमक्खियों का शहद एंटीबायोटिक प्रतिरोध से निपटने में मददगार Publish Date : 11/10/2025
बिना डंक वाली मधुमक्खियों का शहद एंटीबायोटिक प्रतिरोध से निपटने में मददगार
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
बिना डंक वाली मधुमक्खियों का शहद एंटीबायोटिक प्रतिरोध से निपटने में मददगार हो सकता है। आस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने पाया कि इन देसी मधुमक्खियों के द्वारा निर्मित शहद में खास एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो एंटीबायोटिक प्रतिरोध के वैश्विक खतरे के विरुद्ध एक नई उम्मीद जगाते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि स्थानीय रूप से शुगर बग के रूप में जाना जाने वाला व आस्ट्रोप्लेबिया आस्ट्रेलिस जैसे तीन प्रजातियों द्वारा निर्मित शहद एंटीमाइक्रोबियल गुण से भरपूर होता है। सिडनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि लंबे समय तक भंडारण के बाद भी इनकी एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि बरकरार रहती है।
यह लचीलापन इसे यूरोपीय मधुमक्खियों द्वारा उत्पादित शहद से अलग करता है। अध्ययन के प्रमुख लेखक केन्या फर्नांडीज ने कहा कि बिना डंक वाली मधुमक्खियों के शहद की एंटीमाइक्रोबियल शक्ति पेरोक्साइड और गैर-पेरोक्साइड तंत्र दोनों पर निर्भर करती है, और यह हाइड्रोजन पेरोक्साइड के बिना भी प्रभावी रहती है। शोध का निष्कर्ष अमेरिकन सोसायटी फार माइक्रोबायोलाजी में प्रकाशित हुआ है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।