स्वास्थ्य में विटामिन बी-7 की कमी के लक्षण, लाभ और हानि      Publish Date : 10/10/2025

   स्वास्थ्य में विटामिन बी-7 की कमी के लक्षण, लाभ और हानि

                                                                                                                                                                               डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

विटामिन बी-7 (बायपोटिन) भोजन को ऊजा में बदलने, स्वस्थ बाल और नाखून को बनाए रखने और तंत्रिका तंत्र की उचित कार्यप्रणाली को बहाल करने में सहायता प्राप्त करने के लिए अति आवश्यक है।

शरीर में इस विटामिन की कमी होने के चलते बालों का पतला होना, त्वचा पर लाल चकत्ते और झुनझुनी के होने के जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। यह विटामिन आमतौर पर सुरक्षित ही होता है, लेकिन कुछ मामलों में इसकी उच्च मात्रा के कारण पेट से सम्बन्धित समस्याएं भी हो सकती हैं, हालांकि यह स्थिति दुर्लभ ही होती है।

विटामिन बी-7 के लाभः

ऊर्जा उत्पादनः

यह विटामिन वसा, कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन्स को तोड़कर हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

त्वचा, बाल और नाखूनों के स्वास्थ्य के लिए प्रभावीः

                                                             

थ्वामिन बी-7 हमारी त्वचा को स्वस्थ बनाएरखने में सहायता करता है, बालों को मजबूती प्रदान करता है और नाखूनों की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।

ब्लड शुगर का नियंत्रणः

विटामिन बी-7 शरीर के ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित करने और ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखने में सहायता करता है।

स्वस्थ तंत्रिका तंत्रः

बयोटिन हमारे तंत्रिका तंत्र के समुचित कार्य करने के लिए भी अति आवश्यक तत्व होता है और इसके साथ ही यह मस्तिष्क के कार्यों को समुचित रूप से कार्य करने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ह्दय के स्वास्थ्य के लिए आवश्यकः

बायोटिन हमारे ह्दय रोगों के जोखिम को कम करने में भी सहायता प्रदान करता है।

विटामिन बी-7 की कमी के लक्षण

                                                              

दुर्लभ कमीः

मानव के शरीर में बायोटिन की कमी होना एक दुर्लभ घटना है।

बायोटिन की कमी के लक्षणः

हमारे शरीर में यदि बायोटिन की कमी हो जाती है तो इससे बालों का झड़ना, त्वचा का शुष्क एवं पपड़ीदार होना, नाखूनों का भंगुर हो जाना और हाथ एवं पैरों में झाुनझाुनी अथवा सुन्नपन होने के लक्षण सामने आ सकते हैं।

पाचन से सम्बन्धित परेशानियाँ:

अधिक मात्रा में बायोटिन सप्लीमेंट्स लेने से पेट दर्द, मितली और दस्त आदि के जैसी समस्याएँ हो सकती है, हालांकि ऐसा होना दुर्लभ होता है।

कच्चे अंड़े का सेवनः

जहाँ तक सम्भव हो कच्चे अंड़े का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि कच्चे अंड़े में एविडिन नामक प्रोटीन उपलब्ध होता है जो कि बायोटिन के अवशोषण को बाधित करता है।

विटामिन बी-7 के स्रोतः

                                                        

  • अंड़े।
  • बीज और मेवे।
  • मक्खन, केले जैसे अन्य खाद्य पदार्थ।
  • लाल मांस आदि।

बायोटिन के उत्तम स्रोत होते हैं।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।