मोबाइल के रेडिएशन से लोगों में बढ़ रहा थायराइड      Publish Date : 01/10/2025

            मोबाइल के रेडिएशन से लोगों में बढ़ रहा थायराइड

                                                                                                                                                                             डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन अब लोगों को थायराइड का मरीज बना रहा है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चूहों पर किए गए एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। मोबाइल के इस रेडिएशन से थायराइड का स्तर न केवल चार गुना तक बढ़ गया. बल्कि ग्लैंड पर भी इसका असर साफ दिखाई देनें लगा है।

यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन हेल्थ साइंस में प्रकाशित किया गया है। यह रिसर्च एनाटॉमी विभाग की शिक्षिका रहीं डॉ0 शालिनी गुप्ता और फार्माकोलॉजी के शिक्षक डॉ0 आर. पी. यादव के द्वारा किया गया है। डॉ0 शालिनी अब देवरिया मेडिकल कालेज में कार्यरत हैं। गौरतलब है कि चूहों और मानव शरीर के उत्तक (टीशू) का व्यवहार लगभग एक जैसा ही होता है। इसी कारण से यह रिसर्च चूहों पर की गई है।

रिसर्च के लिए 62 स्वस्थ चूहों का चयन कर उन्हें दो समूहों में विभाजित किया गया। इन चूहों को रखने के लिए मेडिकल कॉलेज के एनिमल हसबेंड्री में स्पेशल सेल बनाया गया था। सेल के - एक हिस्से में कंट्रोल ग्रुप के 31 चूहे रखे गए। जबकि प्रयोग वाले ग्रुप में रखे गए चूहों के बॉक्स के अंदर कीपैड मोबाइल वाला एक रखा गया था। परीक्षण के दौरान रोजाना तीन घंटे तक चूहों को मोबाइल फोन का एक्स्पोजर दिया जाता था।

दूसरे महीने से असर दिखाता है रेडिएशन

                                                              

शोधकर्ताओं ने बताया कि पहले महीने में रेडिएशन का कोई भी असर चूहों पर नहीं दिखाई दिया था और उनमें थायराइड का स्तर भी सामान्य ही पाया गया। इसके अतिरिक्त थायराइड ग्लैंड में भी कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ था। दूसरे महीने से जांच के परिणाम बदले मिले। दूसरे महीने में टीएसएच में उछाल नोट किया गया, जबकि टी-थ्री की मात्रा कम हो गई थी। इस प्रकार तीसरे महीने में टीएसएच बढ़कर चार गुना के स्तर तक पहुंच चुका था। इसके साथ ही टी-थ्री की मात्रा लगभग आधी ही रह गई थी।

ग्लैंड में भी दिखा स्पष्ट परिवर्तन

                                                                 

रिसर्च के दौरान हर महीने 10 चूहों की सर्जरी कर उनके थायराइड ग्लैंड की भी जांच की गई। दूसरे महीने से थायराइड ग्लैंड के अंदर मौजूद कोलायड में परिवर्तन दिखाई देने लगा और उसका आकार तेजी से बढ़ता हुआ मिला। ज्ञात हो कि यही ग्लैंड कोलायड थायरोक्सिन का स्राव करता है।

कीपैड फोन की अपेक्षा एंड्रॉयड का रेडिएशन अधिक

कीपैड फोन और एंड्रॉयड मोबाइल के स्पेसिफिक ऑब्जर्वेशन रेट (एसएआर) में भी कांफी अंतर होता है। यह शरीर में रेडिएशन ऑब्जर्वेशन की दर को बताता है। रिसर्च में कीपैड फोन का एसएआर 0.38 वाट प्रति किलोग्राम था, जबकि ब्रांडेड एंड्रायड फोन में यह दर 1.6 वाट प्रति किलोग्राम तक की पाई गई है, जो कि कीपैड फोन की तुलना में चार गुना से भी अधिक है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।