
कृत्रिम मिठास वाली गोलियों में बौद्धिक क्षमता में आ सकती है गिरावट Publish Date : 15/09/2025
कृत्रिम मिठास वाली गोलियों में बौद्धिक क्षमता में आ सकती है गिरावट
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
किसी मीठी चीज का सेवन करना जीवन में बेहद महत्व होता है, हालांकि, हममें से कई लोग ऐसे होते हैं जो मीठा खाने का बहाना ढूंढते ही रहते हैं। लेकिन अगर किसी को डायबिटीज हो जाए तो डॉक्टर मीठा छोड़ने की सलाह देते हैं। फिर भी वह इसका लोभ नहीं छोड़ पाते हैं। इसके बिना सुबह की चाय हो कॉफी या कुछ अन्य सभी का स्वाद फीका लगता है।
इसकी जगह कई व्यक्ति मिठास का प्रयोग करते हैं। आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रयोग करने का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने से सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ता है। लेकिन एक शोध में सामने आया है कि लंबे समय तक इसके सेवन से बौद्धिक क्षमता में गिरावट आ सकती है।
ब्राजील के साओ पाउलो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 12000 ऐसे मरीजों का विश्लेषण किया जो एस्पार्टेम, सैकरीन, जाइलिटोल, एरिथ्रिटोल, सर्बिटोल, टैगैटोज और एसेसल्फेम जैसे कृत्रिम मिठास का सेवन करते हैं।
न्यूरोलॉजी जनरल में प्रकाशित परिणाम में पाया गया है कि जिन लोगों ने अधिक मात्रा में इसका सेवन किया, उनकी बौद्धिक क्षमता और याददाश्त में सबसे अधिक गिरावट देखी गई। इसलिए आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रयोग भी समझ कर और कम मात्रा में ही करना चाहिए।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।