
मस्तिष्क की एक प्रक्रिया पार्किंसन से ट्रिमर विकार को करती है अलग Publish Date : 05/09/2025
मस्तिष्क की एक प्रक्रिया पार्किंसन से ट्रिमर विकार को करती है अलग
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
वर्तमान समय में हमारे देश में पार्किंसन से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में हाल ही में पर्किंसन को लेकर शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क की एक ऐसी प्रक्रिया की पहचान की है, जो इसे ट्रिमर विकार से अलग करती है।
इस शोध में मस्तिष्क में डोपामाइन और सेरोटोनिन रसायनों से संबंधित एक प्रक्रिया की पहचान की गई है जो कि पर्किंसन रोग के हिस्सों के रूप में अनुभव किए जाने वाले ट्रिमर विकार को अलग करने में मदद कर सकती है।
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट में शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि डोपामिन उत्पन्न करने वाली प्रक्रियाएं, जिन्हें आमतौर पर प्रका़शन रूप में प्रभावी माना जाता है संभवत यह इसकी एकमात्र प्रक्रिया नहीं है।
हाथों का काटना, ट्रिमर विकार का सबसे प्रमुख लक्षण होता है। इस अध्ययन से पता चलता है की उम्र से संबंधित न्यूरोलॉजिस्ट विकार परमिशन में मस्तिष्क की डोपामिन उत्पन्न करने वाली प्रक्रियाएं प्रभावित होती है, जिसके परिणाम स्वरुप प्रेरणा और आनंद महसूस करने के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले रसायन के स्तर में कमी आती है।
हालांकि अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि सेरोटोनिन और डोपामिन के स्तर में उतार-चढ़ाव की कमी परमिशन और ट्रिमर के बीच सबसे स्पष्ट अंतर साबित हुआ है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।