
वर्तमान में इको फ्रेंडली खिलौनों की अच्छी डिमांड Publish Date : 27/08/2025
वर्तमान में इको फ्रेंडली खिलौनों की अच्छी डिमांड
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
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आजकल लकड़ी और मेटल से बने टॉयज से खेलना पसंद कर रहे हैं बच्चे
अपने बच्चों को वर्चुअल दुनिया से बाहर निकालने के लिए अब माता-पिता बच्चों को शारीरिक गतिविधियों और खेल खिलौनों की ओर भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। क्योंकि वर्चुअल दुनिया बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में भी अब बाधक बन रही है। केवल यही नहीं, बच्चों और पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए पेरेंट्स अब सस्टेनेबल और इको फ्रेंडली टॉयज के उपयोग को ही अधिक प्राथमिकता प्रदान कर रहे हैं।
अक्सर छोटे बच्चे खिलौनों को अपने मुंह में लेते हैं, जिससे उनके शरीर के अंदर माइक्रोप्लास्टिक के कण चले जाते हैं और इससे बच्चों में बीमारियां होने का डर बना रहता है। बाजार में खिलौनों के दुकानदारों के अनुसार इको फ्रेंडली खिलौना की डिमांड पिछले दो से तीन वर्षों के दौरान लगभग 40 प्रतिशत तक बढ़ी है।
हालांकि वर्तमान समय में लोग अपनी पसंद के अनुसार खिलौनों को कस्टमाइज भी करवा रहे है। इस समय बाजार में सबसे अधिक वुड और मेटल के खिलौने बड़ी संख्या में बिक रहे हैं।
कलर भी इको फ्रेंडली
आजकल खिलौने को तैयार किए जाने में जिस कलर का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह कलर भी इको-फ्रेंडली ही होता है। इसके साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि यदि यूजर 1 व 2 वर्ष के बच्चे अगर उन खिलौने को मुंह में भी लगा लेते हैं तो यह उन्हें नुकसान न पहुंचाए।
कई ऐसे खिलौने भी बाजार में उपलब्ध हैं, जो बच्चों को कंसंट्रेशन बढ़ाने के लिए भी मदद रहे हैं, जिसमें कप, बॉल खिलौना है। पुंगी पाई टॉय, झुनझुना जैसे खिलौने छोटे बच्चों के लिए होते हैं, जबकि 5 वर्ष से बड़े बच्चों के लिए लकड़ी से बने पिज्जल क्यूब स्नैक क्यूब, तीर कमान और अन्य बड़े खिलौने शामिल होते है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।