
प्राकृतिक उपचार और योग से पाएं डायबिटीज पर काबू Publish Date : 22/08/2025
प्राकृतिक उपचार और योग से पाएं डायबिटीज पर काबू
प्राकृतिक चिकित्सा और योग पर आधारित उपचार के साथ जीवनशैली में कुछ आवश्यक बदलाव डायबिटीज की समस्या से ग्रस्त लोगों में ब्लड शुगर के स्तर में तो सुधार करता ही है, साथ ही हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करता है। इससे बचाव के बारे में जानकारी देता हमारा आज का आलेख।
हमारे देश में 6 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं। इसकी एक बड़ी वजह पर्यावरण और जीवनशैली में बदलाव है। आधुनिक चिकित्सा डायबिटीज के लक्षणों को दूर करने और नियंत्रित करने का काम करती है, वहीं प्राकृतिक चिकित्सा इसके मूल कारणों को समझकर और शरीर को पर्यावरण के साथ अपने प्राकृतिक व्यवहार दुरुस्त करने में मदद प्रदान करने की क्षमता रखती है, जिससे इस व्याधि को संतुलित करना आसान और कम खर्चीला होता है।
कई बीमारियों का घर है डायबिटीज
डायबिटीज इस समय का एक प्रमुख रोग है और यह उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय रोग का भी खतरा पैदा करता है। डायबिटीज के इलाज में प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग हृदय रोग के जोखिम को कम करते हुए रोगियों को उनके ब्लड शुगर के स्तर में सुधार करने में मदद कर सकता है। हाल ही में किए गए एक शोध में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि कैसे नेचुरोपैथी और योग डायबिटीज के रोगियों को उनके लक्षणों में काफी हद तक सुधार करने में सहायता प्रदान कर सकता है।
शोध के नतीजे रहे उत्साहजनक
शोधकर्ताओं के द्वारा किए गए इस अध्ययन में 21 दिनों तक आवासीय प्राकृतिक चिकित्सा और योग आधारित जीवनशैली के कार्यक्रम के माध्यम से गहन अध्ययन किया गया, ताकि रोग की गतिविधि को नियंत्रित करने में इसकी उपयोगिता का पता लगाया जा सके। जिन रोगों का नेचुरोपैथी के जरिये उपचार हुआ, उनमें मसाज थेरेपी, थर्मल बाथ, हाइड्रो थेरेपी, मड थेरेपी और योग के साथ-साथ कई जीवनशैली से संबंधित तरीके शामिल थे।
वजन कम करने के लिए लोगों को कम वसा और उच्च फाइबर युक्त आहार दिये गये। रक्तचाप, शारीरिक संरचना विश्लेषण, सीरम लिपिड्स, उपवास और पोस्ट प्रॉडियल ग्लूकोज जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों के आधार पर 10वें दिन और बाद की गतिविधियों को मापा गया।
डायबिटीज पर काबू संभव
अध्ययन के परिणाम सकारात्मक थे, क्योंकि उन्होंने संकेत दिया कि डायबिटीज के खिलाफ हमारी लड़ाई में प्राकृतिक दवा-मुक्त दृष्टिकोण एक महत्वपूर्ण तरीका हो सकता है। शोध में पाया गया कि मरीजों को उपवास में ग्लूकोज के स्तर में कमी के साथ-साथ दो घंटे के बाद उनके ब्लड शुगर के स्तर में कमी देखी गई। बॉडी मास इंडेक्स, फैट मॉस, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप, टोटल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन में सांख्यिकीय रूप से कमी देखी गई।
इसी तरह एचडीएल या अच्छे कोलेस्ट्रॉल के मूल्यों में साख्यिकीय रूप महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि प्राकृतिक चिकित्सा और योग आधारित जीवनशैली को अपनाने से डायबिटीज रोगियों में हृदय जोखिम कारकों को कम करने के लिए एक वैकल्पिक उपचार के रूप में गहन विचार करने की आवश्यकता है।
बिना दवा उपचार
पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए एक व्यापक प्राकृतिक दृष्टिकोण में रोगियों के आहार में से सभी संसाधित खाद्य पदार्थों को निकालना और उन्हें कम कैलरी वाले आहार पर रखना शामिल है। कैलरी की मात्रा कम करना और फाइबर का पर्याप्त मात्रा में सेवन ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में बहुत लाभकारी है। दूसरी ओर, बहुत सारे फल, सब्जियों सहित पौधा आधारित आहार रोगियों को एंटी ऑक्सिडेंट की उच्च खुराक प्रदान करते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से लड़ने में मदद करते हैं।
योग और व्यायाम के साथ यह दृष्टिकोण शरीर और मस्तिष्क में आवश्यक जीवन शक्ति को पुनस्थापित करता है। एक नॉन-फार्माकोलॉजिकल दृष्टिकोण इसीलिए अत्यधिक सुरक्षित और टिकाऊ है और रोगियों को उनके लक्षणों को बेहतर तरीके से प्रबंधित करके उनकी दवा की खुराक को कम करने की अनुमति देता है।