महिलाओं को ओमेगा 3 फैटी एसिड अल्जाइमर से बचाता है      Publish Date : 22/08/2025

  महिलाओं को ओमेगा 3 फैटी एसिड अल्जाइमर से बचाता है

                                                                                                                                डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है और हाल ही में किए गए एक शोध में सामने आया है कि इसका उपयोग करना महिलाओं को अल्जाइमर रोग से बचाने में सहायक सिद्व हो सकता है। ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज लंदन और क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी लंदन के वैज्ञानिाकें ने लिपिड का विशेषण किया पाया कि स्वस्थ महिलाओं की तुलना में अल्जाइमर से ग्रस्त महिलाओं के खून में ओमेगा फैटी एसिड युक्त संतृप्त वसा की मात्रा में उल्लेखनीय कमी देखी गई है।

                                                

शोधकर्ताओं ने स्वास्थ्य पुरुषों की तुलना में अल्जाइमर रोग से ग्रस्त पुरुषों में समान लिक्विड अणु की संरचना में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया। इससे पता चलता है कि लिंग के अनुसार रोग में उन लिपिड की भूमिका अलग-अलग होती है। यह अध्ययन अल्जाइमर और डिमेंशिया जनरल ऑफ़ द अल्जाइमर संगठन के द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह अध्ययन महिला और पुरुषों के बीच अल्जाइमर के जोखिम में लिपिड की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने के बारे में अपनी तरह का पहला अध्ययन है।

इसलिए जो महिलाएं अपने सेहत को और अल्जाइमर रोग से बचने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड का उपयोग करती हैं तो इससे वह अल्जाइमर रोग से बची रह सकती है।

इस नए शोध में पाया गया है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड महिलाओं को अल्जाइमर से बचाने में मददगार हो सकता है। वैज्ञानिकों ने खून में लिपिड का अध्ययन किया और पाया कि अल्जाइमर से पीड़ित महिलाओं में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा कम थी जबकि पुरुषों में इसका कोई खास अंतर नहीं था।

                                                         

सेहतमंद रहने के लएि जरूरी है कि हम डाइट में ऐसी चीजों को शामलि करें कि हमें भरपूर पोषण मिले। शरीर को सही ढंग से काम करने के लएि सभी विटिामिन्स और मिनिरल्स की आवश्यकता होती है। इन्हीं में से एक है ओमेगा-3 फैटी एसिड। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।

पुरुषों में नहीं दिखा कोई खास अंतर

वहीं, पुरुषों में ऐसा कोई खास अंतर नहीं देखा गया। इससे पता चलता है कि अल्जाइमर में लिपिड की भूमिका महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग हो सकती है। अल्जाइमर्स और डिमेंशियाः द जर्नल ऑफ द अल्जाइमर्स एसोसिएशन में प्रकाशित किया गया है। यह पहला शोध है जिसने पुरुष और महिला के बीच अल्जाइमर के खतरे में लिपिड की भूमिका को उजागर किया है।

80 साल की उम्र के बाद बढ़ती है यह बीमारी

शोधकर्ता क्रिस्टीना लेगिडो-क्विगली ने बताया कि महिलाएं अल्जाइमर से अधिक प्रभावित होती हैं और 80 साल की उम्र के बाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी अधिक देखी जाती है। सबसे खास बात यह रही कि स्वस्थ और कम बौद्धिक क्षमता वाले पुरुषों में लिपिड में कोई अंतर नहीं था, लेकिन महिलाओं के मामले में यह तस्वीर बिल्कुल अलग थी।

841 लोगों पर किया गया अध्ययन

आपको बता दें कि इस शोध में 841 लोगों को शामिल किया गया था। रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने उनके खून में मौजूद लगभग 700 अलग-अलग लिपिड्स का विश्लेषण करने के लिए मास स्पेक्ट्रोमेट्री तकनीक का उपयोग किया था।

क्या हैं अल्जाइमर रोग के शुरुआती लक्षण?

                                                  

  • याददाश्त में कमी होना।
  • अपनी भाषा को बोलने या समझने में दिक्कत होना।
  • काम करने में कठिनाई होना।
  • तर्क-वितर्क करने की क्षमता का कम हो जाना।
  • व्यवहार में बदलाव आ जाना।
  • किसी भी चीज को गलत जगह पर रखना।
  • समय और स्थान के के बारे में भ्रमित होना।
  • कोई भी फैसला लेने में कठिनाई होना।
  • चीजों को गलत जगह पर रखना।
  • लोगों से दूरी बना लेना।

कैसे करें अल्जाइमर से बचाव?

                                                     

  • अपनी डाइट में फलों और हरी सब्जियों को शामिल करें। इनमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो ब्रेन सेल्स को नुकसान से बचाते हैं।
  • साबुत अनाज की मात्रा बढ़ाएं।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर चीजें लें।
  • रोजाना मेडिटेशन करें।
  • अच्छी नींद लें।
  • शराब न पिएं।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।