
फिटनेस का लक्ष्य कैसे हो शुरुआत Publish Date : 15/08/2025
फिटनेस का लक्ष्य कैसे हो शुरुआत
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
ज्यादातर निष्क्रियता से भरी जिंदगी में एक किलोमीटर की मैराथन दौड़ में भाग लेना आपके लिए एक शानदार अनुभव हो सकत है। कभी किसी पहाडी क्षेत्र में ट्रेकिंग करने के बाद आपकी खुशी की अनुभूति हो सकती है कि आप बिल्कुल फिट हैं, पर यदि अगले कुछ दिनों में आप एथलेटिक्स को दिनचर्या में शामिल करने वाले हैं तो यह जरूरी है कि आप इसकी पूरी तैयारी पहले से ही कर लें। दरअसल, कुछ लोग थोड़ी दूर भागने वाले लोग भी एथलेटिक्स ही हैं, परन्तु जब आप प्रतिदिन ऐसी एरोबिक गतिविधियां करते हैं, जिनमें आपकी सांसें तेज होती है और ऊर्जा की खपत अधिक होती है, तब वहां एक आपको पहले से ही तैयार होना चाहिए।
यदि पहले से इसके लिए आपका शरीर तैयार नहीं है और सुनियोजित प्रशिक्षण का अभाव है तो वह गंभीर जोखिम भी उत्पन्न कर सकता है।
उम्र का फैक्टर कितना सही
यदि आपको जागिन या दौड़ना पसंद है, परन्तु आप इसे नियमित रूप से शुरू करने से करना चाहते हैं तो संभव है कि इसमें आप अपनी उम्र की बाधक मान रहे हों, पर ऐसा सोचना सही तार्किकता नहीं है। यह सही है कि 20-30 की उम्र में दौड़ के अभ्यास को शुरुआत करने से आपके शरीर को एक निश्चित स्वरूप में ढालने में अपेक्षाकृत कम मेहनत लगती है, पर एक प्रक्रिया के अंतर्गत आगे बढ़े व इसके लिए निश्चित रणनीति हो तो आप 40-50 की उम्र में भी दौड़ने का मैराथन का अभ्यास शुरू कर सकते हैं।
धीमी शुरुआत से बनेगी बात
कई किलोमीटर वाली मैराथन में भाग लेने के पूर्व इसके तकनीकी पहलुओं के बारे में भी आपको जानना बेहद जरूरी है। इसके लिए आप प्रशिक्षक की मदद ले तो तैयारी बेहतर हो सकेगी। नियमित दौड़ चुनते है तो आपको पहले धीमी गति से वाक/जागिंग करते हुए दौड़ने की शुरुआत करें। इसके लिए समय तय करें। प्रत्येक गतिविधि के लिए अलग प्रशिक्षण व प्रक्रिया होती है। इससे चोट आदि जोखिम की आशंका कम हो जाती है। रोज अभ्यास करें।
इन बातों का रहे ध्यान
कम से कम माह में शरीर दौड या मैराथन अथवा किसी एरोबिक क्रिया के लिए तैयार हो सकता है। यह दिन आपकी क्षमता और प्रतिबद्धता पर निर्भर करते है। सुनिश्चित करें कि हर बार गतिविधि शुरू करने से पहले अचछी तरह से अपने आपको वार्मअप और स्ट्रेचिंग कर है। इसके बाद शरीर को सामान्य करें। दौडने या किसी ऐसी गतिविधि के दौरान पेट, घुटना या एडी आदि दर्द कर रहे है तो संकेत सकता है दोहराव का। किसी दिन दौड़ने का मन नहीं करता तो आराम करें। निर्धारित समय में अपेक्षित लक्ष्य न पा सकें तो परेशान या हत्तोसाहित न हो। तैयारी को बेहतर करने के लिए असफलताएं जरूरी हिस्सा होती हैं।
जागिंग, सीमित दूरी की दौड़ या मैराथन
यदि आप इन गतिविधियों में रुचि रखते हैं तो यह स्वस्थ रहने का एक सरल तरीका हो सकता है। यदि आप इस राह में आगे जाते है तो संभावित जोखिमों से बचाव के लिए कुछ जरूरी जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए।
इसकी शुरुआत कैसे करें
इसके लिए बेहतर राह क्या हो सकती है। इसके लिए आपको नियमित रूप से अभ्यास करना होगा। निरंतरता बनाने से आपका शरीर इसके अनुकूल हो जाएगा और आप आसानी से किसी मैराथन में भाग ले सकते हैं।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।