
वृद्व लोगों में कैंसर का प्रबन्धन Publish Date : 14/08/2025
वृद्व लोगों में कैंसर का प्रबन्धन
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
यदि आम लोगों से पूछा जाए कि कैंसर किस कारण से होता है, तो शायद अधिकतर लोग अपने जवाब में इसके लिए धूम्रपान, शराब पीने, सूरज की किरणों एवं बालों को रंगने वाली डाई जैसी चीजों को ही जिम्मेदार ठहराएंगे। परन्तु कैंसर के लिए सबसे अधिक जोखिम कारक होता है उम्र का बढ़ना या बुढ़ापा आना यानी एजिंग फेक्टर। यह बात सही है कि कैंसर से जुड़ा सबसे बड़ा कारक अपरिहार्य है और यह एक ऐसी स्थिति है जिसका अनुभव हम सभी लोग करते हैं या फिर करने वाले हैं।
यह स्थिति इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? दुनियाभर में सबसे अधिक तेजी से बढ़ती आबादी वृद्व लोगों की है। वर्ष 2068 तक, लगभग 29 प्रतिशत कनाडाई लोग 65 वर्ष से अधिक आयु के होंगे। दुनिया की वृद्व आबादी में कैंसर की बीमारी सबसे आम बीमारियों में से एक है, इसका अर्थ यह है कि अब हमें वृद्व लोगों के लिए सबसे अच्छी कैंसर देखभाल प्रदान करने के उपायों के बारे में गम्भीरता से सोचना होगा।
जनसांख्यिकीय बदलावः
जब हम सोचते हैं कि अब तक हम किस प्रकार से काम कर रहे हैं तो इसका स्पष्ट जवाब होगा कि कोई बहुत अच्छे तरीके से नहीं। हालांकि यह आश्चर्यजनक हो सकता है, परन्तु हमारे पास कैंसर की देखभाल के मामले में इस जनसांख्यिाकीय बदलाव के लिए कुछ नया करने और इसकी तैयारी करने का एक अभिनव अवसर भी उपलब्ध है।
अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल ऑन्कोलॉजी के दिशा-निर्देश के सहित अन्य अन्तर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देश बताते हैं कि समस्त वृद्व लोगों को अपने कैंसर उपचार के सम्बन्ध में निर्णय लेने से पूर्व बुढ़ापे का (जरिएट्रिक) मूल्यांकन करवाना बहुत आवश्यक है।
किसी वृद्व के लिए जेकरयाट्रिसियन से परामर्श ऑन्कोलॉजिस्ट और वृद्व को जानकारी के साथ ही कैंसर उपचार के बारे में बातचीत करने की अनुमति प्रदान करता है। उपचार उनके संज्ञान, उनके कार्य, उनकी मौजूदा बीमारियों (जो कि अधिकांश वृद्व व्यक्तियों में कैंसर का निदान होने के बाद होती हैं) और उनके जीवन के शेष वर्षों को किस प्रकार से प्रभावित कर सकता है।
महत्वपूर्ण रूप से, जेरियाट्रिसियन अपने पूर्व मूल्यांकन को इस बात पर केन्द्रित करते हैं कि रोगियों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्या है। यह दृष्टिकोण वृद्व लोगों की इच्छाओं और उनकी समर्थन प्रणाली के इर्द-गिर्द कैंसर के सम्बन्ध में कोई भी निर्णय लेने में सहायक होगा। जब कैंसर का निदान किया जाता है, तो व्यस्कों को विभिन्न परीक्षणों एवं उपायों से होकर गुजरना पड़ता है, परन्तु साक्ष्य इस बात का समर्थन करते हैं कि इन समस्याओं की पहचान करने के लिए जेरियाट्रिक मूल्यांकन के जितना सटीक नही है जो सतह के नीचे यानि कि वह अप्रकट भी हो सकती हैं।
कनाडा में देखभालः
कनाडा में, वर्तमान समय में केवल गिनती के विशेष जेरियाट्रिक ऑन्कोलॉजी क्लीनिक कार्य कर रहे हैं। इनमें सबसे पुराना क्लिनिक मॉन्ट्रियल में यहूदी जनरल अस्पताल में हैं, इसके बाद टोरंटो में प्रिंसेस मार्गरेट कैंसर सेंटर में ओल्डर एडल्ट विद कैंसर क्लीनिक है।
शोध्कर्ताओं के रूप में, हम ओंटारियो और अल्बर्टा स्थित विभिन्न क्लीनिकों के सम्पर्क में हैं, जिन्होने उन्हें बताया कि उनके पास जेरिएट्रिक ऑन्कोलॉजी सेवाओं को विकसित किया जा रहा है, अतः शीघ्र ही हमें नए कार्यक्रम भी दिखाई देने की आशा है।
उक्त क्लीनिक केवल मरीजों के लिए ही अच्छे नहीं हैं। वास्तव में किए गए एक अध्ययन में इन क्लीनिकों में देखे जाने वाले प्रत्येक वृद्व व्यक्ति के खर्च में लगभग 7,000 डॉलर की बचत होने की बात का भी पता चला है।
यदि हम इसे प्रति वर्ष कनाडा में कैंसर से ग्रस्त होने वाले वृद्व लोगों की संख्या से मिलाते हैं तो यह हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक बड़ी लागत में बचत को दर्शाता है।
ब्रिटिश कोलंबिया में वर्तमान में कैंसर से पीड़ित वृद्व लोगों के लिए कोई विशेष सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। गत पांच वर्षों में, क्रिस्टन हासे, जो कि इस लेख की लेखिका भी हैं- अपने सहकर्मियों के साथ यह समझाने के लिए कार्य कर रही हैं कि क्या उन्हें इन सेवाओं की आवश्यकता है और वह बी.सी. में कैंसर से पीड़ित वृद्व व्यक्तियों की किस प्रकार से सहायता कर सकती हैं।
इस अनुसंधान दल ने कैंसर का उपचार करा रहे वृद्व लोगों से बातचीत की, जिन्हें कभी-कभी कैंसर के उपचार के लिए किसी दूसरे स्थान पर जाना पड़ता था। इसके सम्बन्ध में दल ने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों से भी बात की जिनमें कैंसर रोग विशेषज्ञ, नर्स, फिजियोथेरेपिस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल रहे।
कैंसर की देखभाल में बाधाएं:
अब हम कहां स्टैंड करते हैं और हमारे पास पूरे कनाडा में इस प्रकार की सेवाएं क्यों नहीं है? हालांकि लागत भी स्पष्ट रूप से किसी भी स्वास्थ्य देखभाल सेवा के लिए एक बड़ी बाधा है।
ऑन्कोलॉजी में हमारी नैदानिक देखभाल मॉडल जीन दशक से भी अधिक समय से संचालित हो रही हैं। यह मुख्य रूप से एक चिकित्सक द्वारा संचालित किए जाने वाला एक मॉडल है। हालांकि कैंसर के लिए आधुनिक उपचार बहुत तेजी से उभर कर सामने आ रहे है और इन्हें क्लीनिक में अपनाया जा रहा है, लेकिन देखभाल के मॉडल को बदलना बहुत कठिन है, रणनीतिक रूप से विशेष रूप से।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।