ब्लड शुगर को नियमित करने के लिए करें नौकासन      Publish Date : 11/08/2025

      ब्लड शुगर को नियमित करने के लिए करें "नौकासन"

वर्तमान समय की इस भागदौड़़ से भरी जिंदगी में लोग अपने शरीर और सेहत को अक्सर नजरअंदाज ही करते हैं। जंक फूड, देर रात तक जगना और तनाव से परिपूर्ण दिनचर्या में अक्सर बीमारियां घर करने लगती हैं। ऐसे में योग इन सबका एक प्राकृतिक समाधान है, जो न केवल हमारे शरीर को संतुलित करता है, बल्कि यह हमारे मन को भी शांती प्रदान करता है। नौकासन एक ऐसा योगासन है, जिसका प्रतिदिन कुछ मिनट तक अभ्यास करने से हमारा शरीर चुस्त-दुरूस्त बना रहता है।

                                                             

नौकासन, संस्कृत के दो शब्दों ‘‘नौका’’ जिसका अर्थ है ‘नाव’ और दूसरा ‘आसन’ का अर्थ ‘मुद्रा’ से मिलकर बना है। इस आसन में आपको अपने शरीर की मुद्रा नाव की आकृति की बनानी होती है। पेट पर जमा चर्बी को कम करने से लेकर रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने तक इस योगासन के अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। आयुष मंत्रालय के अनुसार, नौकासन एक प्रभावी योगासन है, जो हमारे शरीर को मजबूत और संतुलित बनाने में सहायता प्रदान करता है।

इस योगासन को करते समय पेट, पीठ और जांघों की मांसपेशियाँ सीधेतौर पर प्रभावित होती हैं, और इससे हमारे शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम हो जाती है। केवल इतना ही नहीं, यह हमारी रीढ़ की हड्डी को भी मजबूत बनाता है। यह योगासन न केवल हमारे शरीर की शक्ति को बढ़ाता है, बल्कि हमारी मानसिक एकाग्रता और संतुलन को बनाए रखने में भी सहायता करता है।

  • नौकासन का अभ्यास करने से हमारी रीढ़ की हड्ड़ी मजबूत होती है।

  • नौकासन मधुमेह के जैसी खतरनाक बीमारी से भी लड़ने में सहायक होता है। 

नौकासन का अभ्यास करने से हमारा पाचन तंत्र भी सक्रिय होता है। यह योगासन हमारे पेट की मांसपेशियों पर बल डालता है, जिससे हमारे पाचन अंगों पर भी हल्का दबाव पड़ता है और वह सक्रिय हो जाते हैं। इस योगासन को करने से खाना ठीक से पचता है और गैस एवं कब्ज के जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं। जब हमारी पाचन क्रिया बेहतर होती है तो हमारे शरीर में ऊर्जा का स्तर भी बढ़ने लगता है। यह योगासन हमारी स्थिरता को बढ़ाने में भी सहायता करता है।

                                                               

इस योगासन को करते समय हमें अपने पूरे शरीर को नाव की आकृति में संतुलित करना होता है, जिससे शरीर की पकड़ और नियंत्रण बेहतर हो जाता है। इस योगासन का अभ्यास हमारी एकाग्रता को भी बढ़ता है, क्योंकि स दौरान हमें अपने शरीर को कुछ देर उसी अवस्था में रखना होता है। इस योगासन का अभ्यास प्रतिदिन करने से न केवल हमारा शरीर मजबूत होता है, बल्कि इससे मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास में भी सुधार आता है।