पीसीओएस महिलाओं की दिमाग पर भी डालता है प्रभाव      Publish Date : 04/08/2025

    पीसीओएस महिलाओं की दिमाग पर भी डालता है प्रभाव

                                                                                                                                               डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

  • अक्सर तनाव-ग्रस्त रहती हैं पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं।
  • अध्ययन में पीसीओएस से पीड़ित 101 महिला शामिल किया गया।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस महिलाओं की एक आम बीमारी है जो महिलाओं के हॉर्मोन को प्रभावित करती है। यह सिर्फ शरीर पर ही नहीं, बल्कि दिमाग पर भी असर डाल सकता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने नए अध्ययन में पाया कि पीसीओएस महिलाओं की ध्यान केंद्रित करने और सोचने-समझने की क्षमता को भी कमजोर कर सकता है। पीसीओएस में आमतौर पर अनियमित पीरियड्स, ओवरी में छोटी-छोटी रसौलियों व गांठों का बनना, पुरुष हॉर्मोन (एंड्रोजन) के बढ़ने की शिकायत की जाती है।

                                                      

पहले हुए कुछ शोध में पाया गया था कि पीसीओएस पीड़ित महिलाएं अधिकतर तनावग्रस्त रहती हैं, वहीं इस नए अध्ययन ने ‘ध्यान केंद्रित’ करने की जरूरी मानसिक अवस्था के बारे में पता लगाया है। अध्ययन में पाया गया कि पीसीओएस से जूझ रही महिलाएं ध्यान केंद्रित करने में काफी संघर्ष करती हैं। ध्यान की कमी से उनकी सोचने, समझने और किसी भी जानकारी को याद रखने की क्षमता पर भी गलत असर पड़ सकता है।

आईआईटी बॉम्बे के साइकोफिजियोलॉजी प्रयोगशाला में काम करने वाली मैत्रेयी रेडकर और प्रोफेसर अजीजुद्दीन खान ने महिलाओं के दो समूहों का अध्ययन किया। इसमें पीसीओएस से पीड़ित 101 महिलाओं और पूरी तरह से स्वस्थ 72 महिलाओं को शामिल किया गया था।

                                                         

टीम ने अध्ययन शुरू करने से पहले दोनों समूहों की महिलाओं के हॉर्मोन की जांच की। इसके बाद उन्होंने सभी महिलाओं से ‘ध्यान केंद्रित करने से जुड़ी कुछ गतिविधियां करवाई। इस दौरान उन्होंने पाया कि पीसीओएस पीड़ित महिलाएं स्वस्थ महिलाओं की तुलना में देर से रिएक्ट कर रही थीं। उनका ध्यान जल्दी भटक जाता था।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।