
हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप): समय पर इलाज क्यों जरूरी है? Publish Date : 10/07/2025
हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप): समय पर इलाज क्यों जरूरी है?
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
आज के आधुनिक, तनावपूर्ण और भागदौड़ भरे जीवन में हाइपरटेंशन, जिसे आम भाषा में उच्च रक्तचाप की समस्या कहा जाता है, एक सामान्य लेकिन खतरनाक बीमारी बन चुकी है। यह एक ‘साइलेंट किलर’ (मौन हत्यारा) है क्योंकि अधिकतर मामलों में इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन यह धीरे-धीरे शरीर के प्रमुख अंगों को नुकसान पहुंचाता है।
हाइपरटेंशन क्या है?
हाइपरटेंशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव लगातार सामान्य से अधिक बना रहता है। सामान्य रक्तचाप लगभग 120/80 mmHg होता है। यदि यह बार-बार या लगातार 140/90 mmHg या उससे ऊपर आता है, तो इसे हाइपरटेंशन की स्थिति माना जाता है।
भारत में हाइपरटेंशन की स्थिति
भारत में लगभग प्रत्येक तीसरा वयस्क उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित है। शहरी क्षेत्रों में यह समस्या अधिक देखी जाती है, लेकिन आजकल देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह तेजी से फैल रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, वर्तमान समय में 15 वर्ष से ऊपर के हर चौथे पुरुष और हर पाँचवीं महिला को हाई बीपी की समस्या है। लेकिन इनमें से बहुत कम लोगों को ही इसके बारे में पता होता है या वे इसका समय पर इलाज लेते हैं।
हाइपरटेंशन क्यों खतरनाक है?
हाई बीपी से हृदय, मस्तिष्क, किडनी और आंखों की रक्त नलिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इसके कारण होने वाली प्रमुख बीमारियाँ निम्न प्रकार से हैं:
- हृदयाघात (Heart Attack)।
- मस्तिष्काघात (Brain Stroke)।
- गुर्दा फेल होना (Kidney Failure)।
- दृष्टि दोष या अंधापन।
- हृदय की विफलता (Heart Failure)।
WHO के अनुसार, विश्व भर में हर साल 76 लाख मौतें उच्च रक्तचाप और उससे जुड़ी बीमारियों के चलते होती हैं। भारत में 50 प्रतिशत हृदय रोग और 60 प्रतिशत स्ट्रोक के मामलों में हाइपरटेंशन प्रमुख कारण होता है।
हाइपरटेंशन का इलाज क्यों जरूरी है?
जटिलताओं से बचावः यदि समय रहते ही हाइपरटेंशन का पता लगाकर उसका इलाज किया जाए, तो हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी फेल जैसी जटिलताओं से बचा जा सकता है।
जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती हैः नियंत्रित बीपी होने से सिर दर्द, थकान, चक्कर और अनिद्रा जैसी समस्याएँ कम होती हैं।
स्वस्थ और लंबा जीवनः रक्तचाप की नियमित निगरानी और इसका इलाज कराने से जीवन प्रत्याशा में वृद्धि होती है।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कैसे करें?
- नमक का सेवन कम करें (दिन में 5 ग्राम से कम)।
- वजन नियंत्रित रखें।
- हर दिन कम से कम 30 मिनट तेज चलना या व्यायाम करें।
- धूम्रपान और शराब से परहेज करें।
- तनाव कम करें योग, ध्यान करें और अच्छी नींद लें।
- दवाएं नियमित लें और बीपी की निगरानी करें।
निष्कर्षः हाइपरटेंशन एक गंभीर लेकिन पूरी तरह नियंत्रण योग्य बीमारी है। अतः इसे नजरअंदाज करना जानलेवा भी हो सकता है। यदि समय रहते इसका इलाज शुरू किया जाए और जीवनशैली में उचित बदलाव किए जाएं, तो व्यक्ति स्वस्थ, सक्रिय और लंबा जीवन जी सकता है।
बीपी पर नियंत्रण, जीवन की सुरक्षा। अतः उत्तम स्वास्थ्य के लिए आज ही आवश्यक कदम उठाएं!’
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।