
धूम्रपान से हो सकता है फेफड़ों का कैंसर Publish Date : 03/07/2025
धूम्रपान से हो सकता है फेफड़ों का कैंसर
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
आजकल युवा पीढ़ी ही नहीं कई लोग धूम्रपान करने में रुचि लेने लगे हैं, यह सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक है। लंबे समय तक बीड़ी, सिगरेट, हुक्का यज्ञ चिलम आदि का सेवन करने से तंबाकू खतरनाक निकोटिन और दूसरे कार्सिनोजेंस के कारण से जानलेवा रसायन फेफड़ों के संपर्क में आते हैं। इससे डीएनए में बदलाव भी हो सकता है और यही आगे चलकर फेफड़े का कैंसर का कारण भी बनता है। शुरुआती स्टेज में अगर इसका पता लग जाए और समय से सफल इलाज किया जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
लेकिन आखिरी स्टेज में कैंसर सेल का प्रकार और उसकी स्टेज महत्वपूर्ण हो जाती है ज्यादातर मरीज आखिरी स्टेज अर्थात चौथी स्टेज में डॉक्टर के पास दिखाने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसे मरीजों को कीमोथेरेपी देकर ठीक करने का प्रयास किया जाता है।
हमारे एलोपैथिक चिकित्सक डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर ने बताया अगर लंबे समय से खांसी है बलगम के साथ खून भी आ रहा है, तो सावधान हो जाएं। आमतौर पर तो इसे टीबी की बीमारी माना जाता है मगर यह फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है। इसलिए टीबी के साथ-साथ कैंसर की जांच भी कर लेनी चाहिए। चिकित्सक फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान और प्रदूषण को ही मानते हैं।
मेडिकल कॉलेज, मेरठ में हर माह वापसी जांच के लिए लगभग 50 से ज्यादा केस आ रहे हैं, जबकि टीबी के 16000 से ज्यादा मरीज का इलाज चल रहा है। लोगों को फेफड़े के कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल एक अगस्त को विश्व लंच कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसमें जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को सचेत किया जाता है कि वह धूम्रपान से दूर रहे।
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण
- लगातार खांसी वजन में कमी और भूख में कमी होना।
- सीने में दर्द रहना गहरी सांस लेने या खांसी होने पर बढ़ जाता है।
- मुंह से खांसी के साथ खून का आना या खून के साथ बलगम का निकलना।
- सांस लेने में दिक्कत होती है तथा भूख कम लगने लगती है।
- धीरे-धीरे आवाज का बैठना बिना कारण वजन कम होना।
सावधान रहकर समय पर इलाज कारण
प्रायः देखा गया है कि सांस एवं छाती रोग के मामले में जब तक कोई बड़ी दिक्कत लोगों को नहीं होती तब तक डॉक्टर की सलाह लेने के लिए नहीं जाते हैं। लोगों में टीबी के धोखे में कैंसर शरीर के फेफड़ों में फैला रहता है अगर समय पर इसकी पहचान ना हो तो पूरे फेफड़ों को अपनी चपेट में ले लेता है और उस समय इलाज करने में काफी दिक्कतें आती है।
इसलिए समय पर चिकित्सक से कोई लक्षण दिखाई देने पर सलाह लें और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें तभी आपकी सेहत ठीक रहेगी।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।