अब डायबिटीज टाइप-1 का पता लगाने में सहायता करेगा नया एआई टूल      Publish Date : 08/06/2025

अब डायबिटीज टाइप-1 का पता लगाने में सहायता करेगा नया एआई टूल

                                                                                                                                                     डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा  

ऑस्ट्रलिया के शोधकर्ताओं ने टाइप-2 डायबिटीज (टी-1 डी) के विकसित होने के जोखिम का आकलन करने और इसके उपचार के प्रति प्रतिक्रियाओं की भविष्यवाणी करने के लिए एआई संचालित एक नए टूल का आविष्कार किया है। इस टूल की सहायता से रोग के निदान एवं इसका प्रबन्धन करने के तरीके में सम्भावित रूप से परिवर्तन करने के प्रति आशा है। माइक्रोआरएनए, (रक्त से मापे गए छोटे आरएनए अणु) पर आधारित यह जोखिम स्कोर टी-1 डी के बदलते जोखिम का सटीक रूप से पता लगाने में सहायता कर सकता है।

अध्ययन में उपयोग किए गए माइक्रोआरएनए मार्कर कुछ उपचारों, जैसे सेल थेरेपी, टी-1 डी के लिए ड्रग थेरेपी के प्रति आरत्भिक प्रतिक्रिया का सटीकता से अनुमान लगाने भी सक्षम है।

अध्ययन के परिणाम नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, हॉंगकॉंग, भारत, न्यूजीलैंड और अमेरिका के प्रतिभागियों से प्राप्त किए गए 5,983 अध्ययन के नमूनों के डाटा का विश्लेषण किया था, जिससे कि एक ऐसा जोखिम स्कोर (डीआरएस4सी) का विकास किया जा सके, जो यह वर्गीकृत करने में सक्ष्म हो कि कौन से मरीज टी-1 डी से ग्रसित हैं और कौन से नहीं।

एआई की सहायता से माइक्रोआरएनए के मॉडल ने टी-1 डी उपचार के लिए उपयोग की जा रही दवा के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों की भी पहचान की है। टी-1 डी जोखिम और उपयोग की गई दवा की प्रभावकारिता की भविश्यवाणी के अतिरिक्त, इस जोखिम स्कोर की एक और ताकत टी-1 डी से पृथक करना भी इसकी क्षमताओं में शामिल है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।