
पेट में दर्द अनेक रोगों का लक्षण Publish Date : 13/05/2025
पेट में दर्द अनेक रोगों का लक्षण
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
पेट में दर्द एक आम शिकायत है, पर यह समस्या किसी खास उदर रोग का सूचक भी हो सकती है। वस्तुतः पेट दर्द को रोग कहना उचित नहीं है, क्योंकि यह एक संकेत है, जो यह बताता है कि शरीर में खासकर पेट में कोई रोग पनप रहा है। पेट दर्द के अनेक कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-
पेट में कीड़े
उदर में कृमियों (कीड़ों) का होना एक सामान्य समस्या है। इस कारण पूरे पेट में दर्द होता है। मरीज का जी मिचलाता है। पेट में कीड़े होने की स्थिति में अक्सर चेहरे पर भी पीलापन आ जाता है। इस शिकायत में कभी-कभी मल के साथ कीड़े भी निकलते हैं। इस मर्ज से बचाव के लिये संक्रमित भोजन से बचें और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। रोग का निदान करने के लिए मरीज के मल की जांच की जाती है। चिकित्सक से परामर्श कर औषधि का सेवन करें।
अमीबिक कोलाइटिस
इस रोग में होने वाला दर्द अधिकांशतः पेट के बीच में या फिर दोनों तरफ होता है। इस तकलीफ में दर्द के साथ पेट में ऐंठन व मरोड़ भी उठती है। मरीज को दिन में 4 से 5 बार मरोड़ के साथ पखाना होता है और आँव भी गिरती है। इस रोग के निदान के लिए भी मल (स्टूल) की जांच की जाती है। वैसे इस मर्ज के उपचार के लिए अब अनेक अच्छी दवाएं उपलब्ध हैं।
अल्सर
अल्सर का अर्थ है घाव होना। इस शिकायत में पेट के ऊपरी भाग में दर्द होता है। दर्द के साथ जलन भी होती है। यह मर्ज दो प्रकार का होता है पहला गेस्ट्रिक अल्सर और दूसरा ड्यूडिनल अल्सर। इस मर्ज में रोगी को मिर्च-मसालेयुक्त आहार से पूरी तरह परहेज करना पड़ता है, क्योंकि इनके खाने से पेट में दर्द होने लगता है। कभी-कभी पेट का एसिड मुँह तक आ जाता है। अक्सर दर्द रात को खाने के दो घंटे बाद शुरू होता है। कभी-कभी आंतों में दर्द भी होता है। इस मर्ज का निदान इंडोस्कोपी से होता है। उपचार के लिए अनेक औषधियां उपलब्ध हैं।
लिवर एब्सिस
यह रोग एन्टेमिबा हिस्टोलाइटिका नामक परजीवी के कारण पैदा होता है। इस परजीवी को पेट की तकलीफ के लिये काफी हद तक जिम्मेदार माना जाता है। यही कारण है कि जिन लोगों को पेचिश या कोलाइटिस की शिकायत होती है, उन्हें अमीबिक लिवर एब्सिस होने का खतरा कुछ ज्यादा ही होता है। इस तकलीफ में लिवर (यकृत) के दाहिनी ओर के भाग (लोब) में एक 'कैविटी' बन जाती है। इस कारण पेट में दाहिनी ओर दर्द बना रहता है। इस मर्ज का निदान अल्ट्रासाउंड से किया जाता है। उपचार के लिए अनेक औषधियां उपलब्ध हैं।
पित्त की थैली की पथरी
इस रोग में पेट में उठा दर्द दायीं ओर से ऊपर की तरफ जाता है। यह मर्ज पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होता है। इस मर्ज का एकमात्र इलाज आपरेशन ही है। आपरेशन में देरी करने पर मरीज को कैंसर होने का खतरा रहता है। हालांकि, अब इस समस्या का उपचार होम्योपैथी चिकित्सा पद्वति के माध्यम से बिना ऑपरेशन के भी सम्भव है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।