डिहाईड्रेशन की समस्या से बचाव      Publish Date : 11/05/2025

                  डिहाईड्रेशन की समस्या से बचाव

                                                                                                                                  डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

आजकल गर्मी के लगातार बढ़ने से डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल, मेरठ के डॉ0 दिव्यांशु सेंगर के अनुसार ‘‘डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स यानी खून में मौजूद मिनरल्स और बॉडी फ्लूड का संतुलन बिगड़ जाता है, जो पसीने के माध्यम से शरीर से तरल पदार्थ और खनिजों के निकलने के कारण होता है और इसके चलते शरीर की विभिन्न क्रियाएं प्रभावित होने लगती हैं। गंभीर अवस्था में किडनी या लीवर में समस्याएं भी आनी प्रारंभ हो जाती है और इससे दिल की धड़कन भी अनियंत्रित हो सकती है।

ब्लड की पीएच वैल्यू, ब्लड सर्कुलेशन और मांसपेशियों के कार्य करने के लिए कुछ खनिज की आवश्यकता होती है और सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड, मैग्निशियम, फास्फेट और कैल्शियम जैसे तत्व इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखते हैं। एक स्वस्थ शरीर में सोडियम की मात्रा 135 से 145 मिली इक्विवेलेंट प्रति लीटर पोटैशियम 35 से 55 मिली इक्विवेलेंट प्रति लीटर और क्लोराइड 96 से 106, मिली इक्विवेलेंट प्रति लीटर होती है।

क्या होते हैं डिहाइड्रेशन के लक्षण

                                              

  • शरीर में थकान और मांसपेशियों में ऐंठन।
  • त्वचा का सुखा होना।
  • चक्कर का आना या बेहोश हो जाना।
  • बार-बार अत्यधिक प्यास लगना और सर दर्द रहना।
  • मुंह और गले का सूखना।

डिहाइड्रेशन होने पर कैसे करें बचाव

  • दिन भर में लगभग डेढ़ से 2 लीटर पानी को अवश्य पिए।
  • नमक और चीनी का सेवन कम करें।
  • नारियल पानी नींबू पानी छाछ फलों के रस आदि का भरपूर सेवन करें।
  • 1 लीटर पानी में ओआरएस का एक पाउच मिलकर पीते रहे।
  • हल्के और ढीले कपड़े पहने।
  • धूप वाले स्थान से दूर रहे छाया वाले स्थान पर आराम करें।
  • खीरा खरबूजा तरबूज और अंगूर का सेवन अधिक करें।

डेढ़ से 2 लीटर पानी दिन भर में पीना जरूरी है, क्योंकि गर्मी में रहने से शरीर में पानी की मांग बढ़ जाती है। थकान, मांसपेशियों में ऐंठन होने की शिकायत हो सकती है, बेहोश होने पर ब्लड टेस्ट अवश्य करें।

                                                 

ऐसी अवस्था में इलेक्ट्रोलाइट की जांच जरूरी हो जाती है। खानपान में हरी सब्जियां, फल और जूस का सेवन करते रहे। डिहाइड्रेशन से इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ जाता है। गंभीर स्थिति जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए गर्मी में तरल पदार्थ का सेवन अधिक मात्रा में करते रहना चाहिए।

शरीर में पर्याप्त पानी बनाए रखने की आवश्यकता होती है। धूप से ज्यादा देर रहने या बाहर का खाना खाने के चलते लोग डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे हैं, अतः इससे बचने की आवश्यकता है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।