अब डिमेशिया का पता ब्लड टेस्ट से      Publish Date : 08/05/2025

               अब डिमेशिया का पता ब्लड टेस्ट से

हाल ही में किए गए एक अध्ययन के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि इडियोपैथिक आरईएम स्लीप बिहेवियर डिसआर्डर (आईआरबीडी) से पीड़ित लोगों की खून की जांच से डिमेशिया की भविष्यवाणी की जा सकती है। यह नींद से रिलेटिड एक विकार है, जिसके अन्तर्गत प्रभावित व्यक्ति की नींद की अवस्था के दौरान आवाज, हाथ और पैरों हरकतों को देखा जाता है। इस बीमारी को स्वप्न-अभिनय व्यवहार के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त यह बीमारी पार्किन्संस और लेवी बॉडीज सबन्धित स्थितियों के उच्च स्तरीय जोखिमों के साथ भी जुड़ा हुआ होता है।

                                      

लेवी बॉडीज डिमेशिया का ही एक प्रकार है, जो अक्सर स्मृति एवं संज्ञानात्मक हानि के साथ ही साथ पार्किन्संस के समान ही मतिभ्रम का कारण भी बनता है। अध्ययन के दौरान मैकगिल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि रक्त परीक्षण, जिसका विकास मूलरूप से अल्जाइमर रोग का पता लगाने के लिए किया गया था, इसके माध्यम से यह भी पहचाना जा सकता है कि आईआरबीडी नींद विकार से जूझ रहें किन रोगियों में लेवी बॉडीज डिमेशिया के विकसित होने की आशंका सबसे अधिक है।

                                  

इस रक्त परीक्षण के दौरान रक्त में मौजूद दो प्रोटीन्स का विश्लेषण किया जाता है। मैकगिल विवि के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और ‘द न्यूरो क्लीनिकल’ के शोधकर्ता डॉ0 रोनाल्ड पोस्टुमा ने बताया कि डिमेशिया के जोखिम का जल्दी पता लगने से डॉक्टरों के लिए मरीजों को मार्गदर्शन देने, भविष्य के लिए योजना बनाने और सम्भावित रूप से मरीज को अधिक व्यक्तिगत और प्रभावी उपचार देने के तरीकों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।