
आखिर क्यों होते हैं शरीर के अंग सुन्न Publish Date : 21/03/2025
आखिर क्यों होते हैं शरीर के अंग सुन्न
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
कभी-कभी लगातार देर तक बैठे रहने के बाद अचानक से उठने पर महसूस होता है कि जैसे पर में कोई संवेदना ही नहीं रही है। इस दौरान एक अजीब तरह की झनझनाहट सी शरीर में होती है और कोई च्योंटि भी काट लो तो कोई असर नहीं होता है। ऐसा कभी ना कभी हम सभी के साथ होता है। इसी प्रकार की झनझनाहट या कहें कि सुन्न होने की स्थिति हमारे हाथों और चेहरे पर भी होती है। सामान्य रक्त संचार के बाधित होने से मेरुदंड की किसी नस के दब जाने, विटामिन B6 की कमी और शरीर में पानी की कमी होने आदि के जैसे विभिन्न कारणों से शरीर के अंगों के सुन्न होने की स्थिति बन जाती है।
हालांकि यह ऐसी कोई बीमारी नहीं है, यदि यह झनझनाहट या अंगों का सुन्न होना कम स्तर पर बगैर किसी दर्द के हो रहा है और कुछ देर बाद ही अपने आप सही हो जाता है, तो यह नुकसानदेह नहीं होता है। लेकिन अगर इस स्थिति में दर्द भी हो रहा है तो फिर आपको किसी प्रोफेशनल सलाह की आवश्यकता होती है। हमारे भोजन से शरीर की आवश्यकता के अनुसार विटामिन B6 मिल ही जाता है, लेकिन कुछ लोगों में इसकी कमी हो जाती है। अधिकांशतः व्यस्त लोगों में विटामिन B6 की कमी होने से उनके हाथों, पैरों और चेहरे पर भी झनझनाहट का अनुभव होने लगता है।
ऐसे में डॉक्टर की सलाह से विटामिन B6 लेना उचित रहता है। चेहरे पर हो रही इस तरह की झनझनाहट को रोकने के लिए कुछ प्राकृतिक तरीकों को भी अपनाया जा सकता है। जैसे ध्यान के अभ्यास से ध्यान के अभ्यास के साथ आप अपना ध्यान वर्तमान में लगा पाएंगे और यह आपकी चेतना के दरवाजों को भी खोल देगा। इस तरह से आपका दिमाग शांत रह पाएगा और तनाव से बेहतर तरीके से मुकाबला कर पाएगा। इससे शरीर को राहत महसूस होगी इसके साथ ही रक्त संचार को सही रखने के लिए साइकलिंग, जॉगिंग या नियमित छोटे-छोटे व्यायाम करते रहे तो इस समस्या से निदान पाया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त हल्दी का दूध पीने से भी इस स्थिति में लाभ प्राप्त होता है। इसलिए यदि आपका कोई अंग लगातार सुन्न पड़ रहा हो तो आप इसके प्रति सतर्क रहें और छोटे-छोटे व्यायाम करके इस समस्या से अपना बचाव कर सकते हैं।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।