
हार्ट की नसें ब्लॉक होने से 10 दिन पहले दिखने लगते हैं यह लक्षण Publish Date : 11/08/2024
हार्ट की नसें ब्लॉक होने से 10 दिन पहले दिखने लगते हैं यह लक्षण
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मां
हार्ट को ब्लड पहुंचाने वाली नसें यदि संकरी हो जाती हैं या उनमें ब्लॉकेज आने लगती है तो इसे कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज (Coronary Artery Blockage) की समस्या कहते हैं। आज हमारे डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर आपको इसके लक्षणों से लेकर इसके कारणों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
जब दिल के पास रक्त की आपूर्तिं करने वाली नसें, जिन्हें कोरोनरी धमनियां भी कहा जाता है, वह संकरी होने लगती हैं या उनमें किसी कारण से रुकावट आने लग जाती है तो कोरोनरी आर्टरी ब्लॉक हो सकती है और इसी को कोरोनरी आर्टरी की समस्या कहा जाता है। अगर किसी व्यक्ति के दिल के मेडिकल टेस्ट में आता है कि हार्ट की कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज हो रही है तो इसे बहुत गंभीरता से लेकर समय पर इलाज शुरु किया जाना चाहिए, क्योंकि ये आगे चलकर भयंकर हार्ट की बीमारी और अन्य समस्याओं का कारण भी सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल के जमा होने के कारण हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां संकरी या अवरुद्ध हो सकती हैं, जिससे ब्लड सप्लाई कम हो सकती है और दिल का दौरा पड़ सकता है। एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अभिजीत बोरसे कहते हैं कि कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज के लक्षणों को समय पर समझना बहुत जरूरी है ताकि समय पर इसका इलाज शुरू किया जाए और बचाव के तरीके अपनाएं जा सके।
क्या होता है कोरोनरी आर्टरी का ब्लॉक हो जाना? (Understanding Coronary Artery Blockages)
कोरोनरी आर्टरी डिजीज तब होती है जब कोरोनरी आर्टरी एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के कारण संकरी या ब्लॉक होने लगती है। एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिनमें कोलेस्ट्रॉल, फैटी जमा होना या कोरोनरी आर्टरी में या उसके आसपस अन्य पदार्थ जमा होने लगते हैं। इस संकुचन के कारण हार्ट की मसल्स तक ऑक्सीजन से लैस ब्लड के पहुंचने में दिक्कतें आती हैं, जिससे संभावित रूप से सीने में दर्द (एनजाइना) या दिल का दौरा पड़ सकता है।
कोरोनरी ब्लॉकेज के शुरुआती संकेत कैसे होते हैं? (Initial Warning Signs of Coronary Artery Blockages)
कोरोनरी धमनी में रुकावट के शुरुआती लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग दिख सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य शुरुआती संकेत निम्न हो सकते हैं-
सीने में दर्द या बेचौनी- कोरोनरी धमनी में रुकावट के सबसे आम लक्षणों में से एक सीने में दर्द या बेचैनी होना है। यह दर्द छाती के मध्य या बाईं ओर दबाव, निचोड़ने या परिपूर्णता जैसा महसूस हो सकता है। यह कंधे, गर्दन या जबड़े तक भी फैल सकता है।
सांस की तकलीफ- जब व्यक्ति कोई शारीरिक काम करे या उसे बिस्तर पर लेटते समय सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ हो। ये लक्षण हृदय में रक्त के प्रवाह की कमी का संकेत हो सकता है। यह लक्षण सीने में दर्द के साथ या अपने आप हो सकता है।
थकान- अगर रोजमर्रा के काम करने के बाद या फिर अचानक से बहुत अधिक थकान महसूस होने लगे तो यह भी आर्टरी में ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है। थकान के चलते शारीरिक क्षमता में कमी और कमजोरी महसूस हो सकती है।
चक्कर आना या सिर घूमना- बेहोशी, चक्कर आना या सिर घूमना हृदय में रक्त के प्रवाह में कमी का संकेत हो सकता है। यह अचानक हो सकता है और इसके साथ सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है।
मतली या अपच- कुछ व्यक्तियों को ऊपरी पेट में मतली, अपच या असुविधा का अनुभव हो सकता है, जिसे कभी-कभी हृदय से संबंधित लक्षणों के बजाय गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का लक्षण समझ लिया जाता है।
ठंडा पसीना- बिना किसी स्पष्ट कारण के ठंडा पसीना आना हृदय संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है। इस लक्षण के साथ सीने में दर्द या बेचौनी जैसे अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।
शरीर के अन्य अंगों में दर्द- सीने में दर्द के अलावा, कुछ लोगों को शरीर के अन्य हिस्सों जैसे पीठ, हाथ, गर्दन या जबड़े में भी दर्द महसूस हो सकता है और असुविधा का अनुभव हो सकता है।
किन कारणों से हो सकती है कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज? (Causes of Blockage in Coronary Artery)
कुछ ऐसे कारण हैं जो कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज का कारण बन सकते हैं। इन जोखिम कारकों के बारे में जागरूक रहने से इस बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सकता है। जोखिम कारक निम्न हैं-
आयु- उम्र के साथ इस बीमारी का जोखिम बढ़ता है। 45 से अधिक उम्र के पुरुषों और 55 से अधिक उम्र की महिलाओं में इस बीमारी के होने का ज्यादा खतरा रहता है।
पारिवारिक इतिहास- हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास कोरोनरी धमनी में रुकावट के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है। अगर किसी की फैमिली हिस्ट्री में ये बीमारी रही तो आपको समय पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
धूम्रपान- तंबाकू के सेवन से भी कोरोनरी आर्टरी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
उच्च रक्तचाप- जिन लोगों का ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है उनकी धमनी में ब्लड की रुकावट हो सकती है। इसलिए समय समय पर अपना बीपी चेक कराते रहें।
उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर- एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के ऊंचे स्तर से धमनियों में प्लाक का खतरा हो सकता है।
मधुमेह- मधुमेह प्लाक के निर्माण को तेज करके कोरोनरी धमनी रोग के खतरे को बढ़ाता है।
मोटापा और गतिहीन जीवनशैली- अधिक वजन और शारीरिक गतिविधि की कमी सीएडी के जोखिम में योगदान करती है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? (When should go to the doctor in Coronary artery blockage)
यदि आप ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, खासकर यदि वे लगातार बने रहते हैं या समय के साथ बिगड़ते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और जो जो लक्षण आप महसूस कर रहे हैं उन्हें विस्तार से बताना चाहिए। डॉक्टर को हर बात स्पष्ट बताएं, अगर उस वक्त आपको वो सारे लक्षण याद नहीं आ रहे हैं जो आप महसूस करते हैं तो डॉक्टर से कहें कि आप उन्हें कुछ समय बात फोन पर बता देंगे। जल्दी इलाज और उपचार कोरोनरी धमनी रोग की प्रगति को रोक सकता है और गंभीर जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकता है।
कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज की जांच कैसे होती है? (How is coronary artery blockage diagnosed)
कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए डॉक्टर निम्न जांच करते हैं-
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)- असामान्यताओं का पता लगाने के लिए हृदय की विद्युत गतिविधि को मापता है।
तनाव परीक्षण- यह आकलन करता है कि शारीरिक तनाव के तहत हृदय कैसा प्रदर्शन करता है।
कोरोनरी एंजियोग्राफी- कोरोनरी धमनियों के माध्यम से रक्त प्रवाह को देखने के लिए इमेजिंग का उपयोग करता है।
रक्त परीक्षण- हृदय क्षति और समग्र हृदय स्वास्थ्य के मार्करों का मूल्यांकन।
हृदय स्वास्थ्य के समय पर हस्तक्षेप और प्रभावी प्रबंधन के लिए कोरोनरी धमनी रुकावटों के शुरुआती चेतावनी संकेतों को पहचानना बहुत आवश्यक है। लक्षणों के बारे में जागरूक रहने, जोखिम कारकों को समझने और शीघ्र चिकित्सा सहायता लेने से परिणामों में काफी सुधार हो सकता है और हृदय संबंधी गंभीर घटनाओं को रोका जा सकता है। यदि आपको संदेह है कि आपको कोरोनरी धमनी में रुकावट हो सकती है, तो उसके मूल्यांकन और उचित देखभाल के लिए किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करने में संकोच न करें।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।