सफलता की कहानीः करोड़ों का पैकेज ठुकराया, दो बार असफल भी हुईं      Publish Date : 19/08/2025

सफलता की कहानीः करोड़ों का पैकेज ठुकराया, दो बार असफल भी हुईं

                                                                                                                                                              प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

लेकिन इसके बाद फिर बनाया एक सफल ब्रांड और हुई कामयाब-

अगर आपके अंदर कभी न थकने का साहस और असफलताओं के बावजूद हार न मानने का जज्बा है, तो आप अपने सपने को एक न एक दिन जरूर पूरा कर लेंगे। दुनिया में ऐसे कई लोगों की कहानियां हैं, जिन्होंने विषम परिस्थितियों के बावजूद भी हार नहीं मानी और अपने धैर्य, साहस और समर्पण से सफलता की एक नई कहानी लिखी। ऐसी ही एक शख्सियत हैं शुगर कॉस्मेटिक्स की संस्थापक विनीता सिंह।

करोड़ों का पैकेज ठुकराया

एक बार उन्होंने आईआईएम, अहमदाबाद में प्लेसमेंट के दौरान इनवेस्टमेंट बैंकर के लिए अप्लाई किया। उन्हें एक करोड़ रुपये का पैकेज भी ऑफर किया गया, लेकिन वह तो एक आंत्रप्रेन्योर बनना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने मात्र 23 साल की आयु में ही इस बेहतरीन ऑफर को ठुकरा दिया था। दरअसल, एक बार उनके प्रोफेसर से उनसे पूछा था कि तुम आगे चलकर क्या बनना चाहती हो। इस पर विनीता का जवाब था कि वह अमीर बनना चाहती हैं, इस पर उनके प्रोफेसर ने उन्हें आंत्रप्रेन्योर बनने का सुझाव दिया। बस तभी से विनीता अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती थी।

युवाओं को सीख

  • जीवन में असफलताएं बार-बार आएंगी, लेकिन आपके पास उनको परास्त करने का जज्बा भी होना चाहिए।
  • यदि आप एक बार किसी भी चीज को हासिल करने का मन बना लें, तो फिर आप अपने हर सपने को पूरा कर सकते हैं।
  • जीवन में सफलता पाने के लिए आपको दिन-रात कड़ी मेहनत भी करनी होगी।
  • यदि आप अपने बड़े सपनों को पूरा करना चाहते हैं, तो आपके अंदर जोखिम लेने का हौसला होना चाहिए।

हर जगह असफलता ही मिली

सबसे पहले विनीता सिंह ने महिलाओं के लिए एक लॉन्जरी ब्रांड बनाने वाली कंपनी की शुरुआत की। लेकिन निवेशकों की कमी के कारण इस व्यवसाय में उन्हें असफलता ही मिली। इसके बाद उन्होंने रिक्रूटमेंट सर्विस कंपनी में डायरेक्टर के रूप में नई शुरुआत की। करोड़ों रुपये का पैकेज छोड़ने के बाद इस कंपनी में उन्हें महज दस हजार रुपये ही मिलते थे। ऐसे में गुजारा करना उनके लिए बेहद ही मुश्किल था। विनीता ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर अपने पति कौशिक मुखर्जी के साथ मिलकर वर्ष 2015 में कॉस्मेटिक उत्पाद बनाने वाली कंपनी शुगर की शुरुआत की। आज उनकी कंपनी की विदेश में भी अपनी पहचान बना चुकी है।

विनीता सिंह ने अपने सपने को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया और शुरुआती असफलताओं से सबक लेकर एक ऐसी कंपनी खड़ी की, जो आज भारत की सबसे लोकप्रिय कॉस्मेटिक ब्रांड बन चुकी है। आज उनकी कंपनी शुगर कॉस्मेटिक्स लगभग 4,000 करोड़ रुपये की हो चुकी है। हालांकि, इस मुकाम पर पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था, क्योंकि निवेशक महिलाओं पर कम भरोसा कर पाते हैं। ऐसे में विनीता सिंह को स्टार्टअप के लिए निवेशक मिल पाना चुनौतियों से भरा था। बावजूद इसके उन्होंने शुगर कॉस्मेटिक्स को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की है। इसी का परिणाम है कि आज विनीता उन सभी महिलाओं के लिए एक उदाहरण हैं, जो व्यवसाय की दुनिया में कदम रखना चाहती हैं।

विनीता सिंह का बचपन गुजरात में बीता और उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की। विनीता का जन्म गुजरात के एक छोटे-से गांव आनंद में हुआ था। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। दोनों ही पीएचडी डॉक्टर हैं। विनीता का ज्यादातर बचपन भावनगर में उनकी नानी के साथ ननिहाल में बीता। हालांकि, पिता की नौकरी एम्स, दिल्ली में लगने के बाद पूरा परिवार दिल्ली जाकर बस गया। वहीं के दिल्ली पब्लिक स्कूल से विनीता ने अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की। वह हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रही हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने आईआईटी, मद्रास और आईआईएम, अहमदाबाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थाओं से भी शिक्षा प्राप्त की है।

दस साल की उम्र में शुरू की एक मैगजीन

विनीता में बचपन से ही कुछ बड़ा करने की चाह थी। यही कारण है कि वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद व अन्य गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया करती थीं। बिजनेस को लेकर उनका अलग हा जुनून था कि महज दस साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी एक दोस्त के साथ मिलकर एक मैगजीन की शुरुआत की। वह अपनी दोस्त के साथ इस मैगजीन को घर-घर जाकर बेचा करती थीं, जिसकी कीमत उस समय तीन रुपये थी। हालांकि, लोगों को मैगजीन की कीमत काफी ज्यादा लगी। इसी कारण कुछ लोग इसे खरीदने से इन्कार तक कर देते थे, लेकिन इस अनुभव से विनीता ने जीवन में पैसों की कद्र करना सीखा और उसकी अहमियत को भी बारीकी से जाना।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।