
फसल ने नहीं, बीज ने बनाया करोड़पति Publish Date : 14/08/2025
फसल ने नहीं, बीज ने बनाया करोड़पति
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 शालिनी गुप्ता
पारंपरिक खेती के बजाय बीज उत्पादन को गोंडा निवासी किसान कुलदीप मिश्रा ने बनाया मुनाफे का आधार। खेती में क्या रखा है? इसका जवाब गोंडा के किसान कुलदीप मिश्रा के पास मिल जाएगा। सालभर में लाखों की नहीं, करोड़ों की कमाई का उनका मूलमंत्र है।
बिना किसी मैनेजमेंट कोर्स के-
खेती से कुलदीप की आमदनी सुनकर आप दंग रह जाएंगे क्योंकि ये सालाना दो सौ करोड़ के पार पहुंच चुकी है। बारहवीं पास गोंडा के बेलसर ब्लॉक क्षेत्र के लौव्या टेंपरा निवासी कुलदीप मिश्रा का मूलमंत्र फसल नहीं, बल्कि बीज से कमाई का है। पारंपरिक खेती के बजाय बीज का उत्पादन उनके मुनाफे का आधार है। कुलदीप ने वर्ष 2020 में करीब पांच लाख रुपये से बीज उत्पादन शुरू किया। लीक से हटकर चलना आसान नहीं था। परेशानियों ने रोड़े अटकाए। ताने भी सुनने को मिले। कुलदीप ने किसी की परवाह नहीं की। गेहूं बीज से शुरू हुआ काम आज धान और मक्का तक पहुंच गया है और किसानों की उपज को कुलदीप खुद खरीदकर तत्काल भुगतान करते हैं।
यहां से शुरू होती है पेंडिंग के रूप में बीज तैयार करने की अहम प्रक्रिया। इसके बाद बीज शोधन होता है। पैकिंग और फिर लेबलिंग। प्लांट की क्षमता 10 क्विवंटल बीज प्रतिदिन तैयार करने की है। तैयार बीज वह पीसीएफ व बीज विकास निगम को बेचते हैं।
एफपीओ से समृद्ध हो रहे किसान
किसानों को एफपीओ से जोड़कर समृद्ध बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अत्याधुनिक कृषि यंत्र, खाद, बीज व कृषि से जुड़े उपकरणों के अनुदान पर मुहैया कराने में एफपीओ को प्राथमिकता दी जाती है। किसानों की उपज घर से ही खरीदकर आईटीसी व अन्य बड़ी कंपनियों में अच्छे मूल्य पर बिकवाते हैं। एफपीओ में न्यूनतम 10 किसान अपना समूह बनाकर कंपनी एक्ट में पंजीकरण करवा सकते हैं। इसके बाद उप कृषि निदेशक कार्यालय में भी पंजीकरण होगा।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।