
ग्रीन पम्प जो धरती पर हरियाली फैलाएगा Publish Date : 11/08/2025
ग्रीन पम्प जो धरती पर हरियाली फैलाएगा
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
उत्तर प्रदेश, गोरखपुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के दो छात्र शशांक और शिवेश ने मिलकर एक ऐसा अनोखा पम्प बनाया है, जो हरियाली फैलाने के लिए जाना जाएगा। इसीलिए इस पम्प का नाम भी ग्रीन पम्प ही रखा गया है। लगभग 5 फीट लंबा और 25 किलो वजन का यह पम्प अपने अंदर आम, नीम और अमरुद जैसे पेड़ों के साथ-साथ औषधि पौधों के हजारों बीज भरा होता है। इन बीजों को विशेष बायो न्यूट्रिशन कैप्सूल में रखा गया है, जिससे वह जमीन पर गिरते ही अंकुरित होने लगते हैं।
जब इस बीज को ड्रोन या हवाई जहाज की सहायता से किसी क्षेत्र में गिराया जाता है तो यह हवा में उड़ते ही बीजों की वर्षा करता है और कुछ ही समय में क्षेत्र में पेड़ पौधों की हरियाली नजर आने लगती है।
इस ग्रीन पम्प की खासियत केवल बीजों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आधुनिक तकनीक का भी बेहतरीन उपयोग किया गया है। इसको मोबाइल नेटवर्क, ग्रीन लाइट सिगनल और इंटरनेट से नियंत्रित प्रणाली जैसे फीचर्स अधिक स्मार्ट और उपयोगी बनाते हैं। इस पम्प को बनाने में इन छात्रों को 2 साल का समय लगा और कल 1.25 लाख रुपए की लागत आई।
कॉलेज के शिक्षण तकनीक विशेषज्ञ और निर्देशक इस परियोजना से बेहद खुश नजर आए। उनका मानना है कि यह ग्रीन पम्प पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है और आने वाली पीढ़ियो के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो सकता है। छात्र शशांक और शिवेश का उद्देश्य युद्ध के लिए कोई हथियार बनाना नहीं था बल्कि ऐसा यंत्र तैयार करना था जो प्रकृति के लिए एक संजीवनी की तरह से काम करें।
उनका उनका मानना है की सच्ची देशभक्ति वही है जो जीवन दे और विनाश न दे। यह ग्रीन पम्प एक संदेश भी देता है यदि युवा चाहे तो वह आधुनिक तकनीक का उपयोग जीवन आसान बनाने में कर सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।