कम संसाधन, बड़ा सपना, लॉकडाउन में जीरो बजट से खड़ा किया बिजनेस      Publish Date : 28/07/2025

कम संसाधन, बड़ा सपना, लॉकडाउन में जीरो बजट से खड़ा किया बिजनेस

                                                                                                                                                           प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

यदि आप अपने दिल की सुनते हैं और मेहनत करते हैं, तो दुनिया की कोई ताकत आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने से रोक नहीं सकती। यही साबित किया है टेक्सटाइल डिजाइनर प्रीति खंडेलवाल ने। उन्होनें वर्ष 2013 में टेक्सटाइल डिजाइनिंग में मास्टर करने के बाद हैदराबाद और जयपुर की कई कंपनियों में काम किया। इसी दौरान लॉकडाउन के चलते उनकी चुनौतियां बढ़ीं, और उन्होंने सीमित संसाधनों के साथ ‘बस्ट आउट ऑफ वेस्ट’ बिजनेस की शुरुआत की। घर में वेस्ट फैब्रिक से ज्वैलरी बनाने का विचार उनके मन में आया, जिसमें उन्होनें नए प्रयोग किए।

अपने काम की शुरुआत उन्होनें मास्क बनाने से की और जब काम बढ़ा, तो आसपास की 8-10 महिलाओं को भी उसमें शामिल किया और स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप भी दी। उनका पूरा बिजनेस महिलाओं द्वारा ही संचालित किया जाता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के काम महिलाएं ही संभालती हैं। उनकी फैब्रिक ज्वैलरी भारत के साथ-साथ स्पेन, फ्रांस समेत अन्य कई देशों में काफी पसंद की जा रही है।

वेस्ट फैब्रिक्स से बनाती हैं ज्वैलरी

इनके अधिकांश उत्पाद ईको-फ्रेंडली होते हैं। वेस्ट फैब्रिक से बनारसी, रेशम, सिल्क, जॉर्जेट, प्रिंटेड कॉटन, जूट, शिफॉन, टिशू, ऑर्गेजा जैसी सामग्री से ज्वैलरी बनाई जाती है। इससे नेकलेस, नेकलेस, डे ईयररिंग्स, बैंगल्स, हेयर पिन, पर्स, बलर खिलौने, होम डेकोर के आइटम्स और गिफ्ट्स तैयार किए जाते हैं। उनके यहां कस्टमाइज ज्वैलरी भी उपलब्ध है, जिसे ऑनलाइन, ऑफलाइन और एग्जीबिशन में भी बेचा जाता है

जो महिलाएं घर से नहीं निकलती, उन्हें भी आत्मनिर्भर बनाया

प्रीति का कहना है कि उनके द्वारा बनाई गई ज्वैलरी पूरी तरह से हैंडमेड होती हैं और इसमें मशीन का उपयोग नहीं किया जाता है। इससे वेस्ट कम करने में मदद मिलती है। कोविड के दौरान कई ऐसी महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ा, जो घर से बाहर नहीं जा सकती थीं, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। फैब्रिक ज्वैलरी हल्की होती है लेकिन डिजाइन ऐसा कि वह देखने में भारी दिखाई देती है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।