
समस्याओं का सामना करने ही प्राप्त होता है लक्ष्य Publish Date : 03/05/2025
समस्याओं का सामना करने ही प्राप्त होता है लक्ष्य
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
हम जब भी किसी नए काम की शुरुआत करते हैं, तो जाहिर है कि उसको पूरा करने में मुश्किलें तो आती ही हैं। अब हमारी खूबी इस बात में है कि हम कैसे उन समस्याओं का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं। लेकिन आमतौर पर होता यह है कि लोग समस्याओं से घबरा जाते हैं और वह कभी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते। यहां केवल अपने मन को मजबूत बनाने की बात है। मन को मजबूत करने के बाद ही आप काम में आने वाली समस्याओं से लड़कर अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।
आप इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। 25 सितंबर, 2000 की बात है, फिलीपींस के जम्बोंगा सिटी में 11 वर्षीय एक गरीब लड़की मैरिकेल ऐप्टैन अपने चाचा के साथ कहीं जा रही थी। रास्ते में चार-पांच गुंडों ने उन पर हथियारों से हमला बोल दिया। उसने भागने की कोशिश की, पर पकड़ी गई। एक गुंडे ने उसके गले पर चाकू से वार किया और वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया, तो उसने देखा कि चाचा की हत्या हो चुकी है और उसकी दोनों हथेलियां भी कट चुकी हैं और हाथ से लटक रही हैं। गर्दन से भी खून बह रहा है। वह अपने घर की ओर भागी।
अस्पताल में 5 घंटे के लम्बे ऑपरेशन के बाद उसकी जान तो बच गई, पर डॉक्टर उसका हाथ नहीं बचा पाए। उन लोगों पर संपत्ति विवाद के चलते यह हमला किया गया था। इस बीच बदमाशों ने उसका घर भी लूटकर जला दिया था।
उस बहादुर लड़की ने इन कठिन हालात में भी ईश्वर और खुद पर भरोसा नहीं छोड़ा। मैरिकेल ने हाई स्कूल करने के बाद बिना हाथों के वर्ष 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूरा किया और खाना बनाने के शौक के कारण वह एक मशहूर शेफ बन गई। हाथों से मजबूर होने के बावजूद उसके जीवन में आगे बढ़ने के जज्बे को देखते हुए वह चर्चा में आई। होटल के उसके सहयोगी उससे बहुत प्रभावित हैं। हम जीवन में आने वाली छोटी-मोटी परेशानियों से घबरा कर आत्मविश्वास गंवा बैठते हैं, ऐसे में हमें इस महिला शेफ से सफलता का सबक जरूर लेना चाहिए।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।