कविताः संवेदनाओं का एक मधुरिम प्रवाह      Publish Date : 09/04/2025

            कविताः संवेदनाओं का एक मधुरिम प्रवाह

                                                                                                              श्रीमति सरिता सेंगर एवं शीतल शर्मा

आज पतिदेव किसी बात को लेकर नाराज थे। उनकी नाराजगी सहन भी नहीं हो रही थी। मैंने एक कविता लिख कर उनके सुबह उठने से पहले सिरहाने रख दी। जैसे ही उन्होंने उसे पढ़ा, नाराजगी हवा में घुल गई। छोटे चिंटू को अपनी पुस्तकों में कविता की पुस्तक सबसे प्यारी है, इसलिए मैं भी उसे अधिकतर बातें उसी की मनपसंद कविताओं के माध्यम से ही सिखाती हूं।

‘सुबह उठके सबको प्रणाम करो फिर शुरू आज के काम करो और वो दौड़कर सबको प्रणाम करके आता है’।

बाबू जी और मां को पौराणिक ग्रंथों की कलिष्ठ भाषा समझ नहीं आती, इसलिए सरल व सरस कविताएं ढूंढकर उन्हें सुनाती हूं। बेटा कभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुकूल परिणाम नहीं मिलने पर हताश हो जाता है तो मैं उसे समझाती हूं ‘‘नर हो ना निराश करो मन को। बस मुट्ठी भर शब्दों से कविता अनगिनत भावों को व्यक्त कर देती है।

‘कविता नाम सुनते ही लगता है जैसे शब्दों के नूपुर कानों में खनखना रहे हों। कविता भावनाओं का वह प्रवाह है जो चित्त और चिंतन को उसी दिशा में बहा कर ले जाती है जिस दिशा में वो स्वयं बहना चाहती है। आयु और लिंग के भेद से परे, सामाजिक बंधन से परे, कविता हर किसी के मन के तल को छूने की क्षमता रखती है। नव जीवन की किलकारी से जीवन के अंत तक के क्रंदन तक कविता हमारे साथ-साथ ही चलती है। प्रेम और भाव अगर केवल मन में रखे जाएं। उन्हें शब्दों के माध्यम से बाहर का खुला वातावरण न दिया जाए तो वो भी मुरझा जाते हैं, सुस्त पड़ जाते हैं। इसलिए कभी किसी परिजन के लिए शुभ दिन आए तो कुछ पंक्तियों में लपेट कर शुभकामनाएं और बधाई के साथ अपना प्रेम भी उन्हें भेज दीजिए।

प्रेरणा का स्रोत

कविता केवल भावनाओं को प्रकट करने का ही साधन नहीं, बल्कि यह प्रेरणा का स्रोत भी होता है। कविता शोर में मौन को सुन सकती है और साथ ही मौन के शोर को भी सुन सकती है, इसलिए कविता कई बार अनकहे संदेश भी परस्पर पहुंचा कर परिवार को करीब भी लेकर आती है। मनमुटाव भी इन मधुर शब्दों के स्पर्श मात्र से ही घुल जाते है।, जिन्हे यूं तो सुलझाना जरा कठिन होता है। कविता कथ्य का श्रृंगार है।

लेखकः सरिता सेंगर, एक डायटीशियन एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं।