उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर का होम्योपैथिक प्रबन्धन      Publish Date : 12/10/2025

                उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर का होम्योपैथिक प्रबन्धन

                                                                                                                                                                 डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

धमनियों में प्लाक जमा होने पर उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर का कारण बनकर आपके हृदय को खतरे में डाल सकता है, जिसके चलते हृदयाघात, स्ट्रोक और एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।

जहाँ पारंपरिक उपचार अक्सर ऐसी दवाओं पर केंद्रित होते हैं जिनके कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, वहीं होम्योपैथी कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एक प्राकृतिक और समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है और इसके कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं। आज के अपने इस विस्तृत लेख के माध्यम से, हम गहराई से जानेंगे कि होम्योपैथी इस समस्या में कैसे आपकी मदद कर सकती है। इसके साथ ही हम कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लिए सर्वाेत्तम होम्योपैथिक दवाओं के बारे में भी जानेंगे, और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जीवनशैली संबंधी सुझाव पर भी विचार करेंगे।

क्या हैं कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स?

                                                                 

कोलेस्ट्रॉल आपके रक्त में पाया जाने वाला एक प्रकार की वसा होती है, जो आपके यकृत द्वारा निर्मित होती है और मांस, डेयरी उत्पाद और तेल जैसे खाद्य पदार्थों के माध्यम से अवशोषित होती है। आपके शरीर को कोशिकाओं के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन इसकी अधिकता स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। कोलेस्ट्रॉल दो मुख्य रूप से प्रकारों में विभाजित किया जाता हैः

एलडीएल (कम घनत्व वाला लिपोप्रोटीन): एलडीएल, जिसे अक्सर ‘खराब’ बेड़ कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, धमनियों में वसा का निर्माण कर सकता है, जिससे हृदय और मस्तिष्क तक रक्त का प्रवाह बाधित होने लगता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।

एचडीएल (उच्च घनत्व वाला लिपोप्रोटीन): इस प्रकार के कोलेस्ट्रॉल को ‘अच्छा’ गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। एचडीएल रक्तप्रवाह से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने में भी मदद करता है।

ट्राइग्लिसराइड्स भी आपके रक्त में पाई जाने वाली एक प्रकार की वसा ही होती है। जब आप वसा युक्त सामग्री खाते हैं, तो आपका शरीर अनावश्यक कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है, जो वसा कोशिकाओं में जमा हो जाते हैं। ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर, विशेषरूप से उच्च कोलेस्ट्रॉल के साथ मिलकर, हृदय रोग के जोखिम को अधिक बढ़ा देता है।

कोलेस्ट्रॉल प्रबंधन में होम्योपैथी की भूमिका

होम्योपैथिक चिकित्सा उपचार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का पालन करती है, जो केवल लक्षणों का ही उपचार करने के स्थान पर उच्च कोलेस्ट्रॉल के मूल कारणों को लक्षित करती है। होम्योपैथिक उपचारों का उद्देश्य प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करके और तनाव, आहार और चयापचय जैसे जीवनशैली कारकों को लक्षित कर शरीर को प्राकृतिक रूप से संतुलित करने का होता है।

यह प्राकृतिक उपचार स्टैटिन और अन्य पारंपरिक दवाओं का एक सुरक्षित, दुष्प्रभाव-मुक्त विकल्प प्रदान करते हैं। होम्योपैथी भी भावनात्मक कल्याण, मानसिक स्वास्थ्य और जीवनशैली के विकल्पों को इष्टतम कोलेस्ट्रॉल स्तर बनाए रखने के प्रमुख कारकों के रूप में मानती है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथिक दवाएं

                                                                

हालांकि, उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के लिए कई प्रभावी होम्योपैथिक दवाएँ उपलब्ध हैं। यह दवाएँ लिपिड मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करने, हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाने और धमनियों में प्लाक के जमाव को रोकने और उसे घोलने में मदद कर सकती हैं। प्रस्तुत लेख में होम्योपैथी की कुछ सबसे प्रभावी दवाईयाँ दी जा रही हैं, जिनका उपयोग लक्षणों के आधार पर सर्वाधिक किया जाता है।

क्रेटेगस ऑक्सीकैंथाः हृदय स्वास्थ्य पर अपने उल्लेखनीय प्रभावों के लिए जानी जाने वाली, क्रेटेगस ऑक्सीकैंथा उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने, रक्त परिसंचरण में सुधार करने और धमनियों में जमा वसा को घोलने में मदद करती है। हृदय रोग और उच्च रक्तचाप के इतिहास वाले रोगियों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।

ऑरम मेटालिकमः ऑरम मेटालिकम उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के समाधान के लिए सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवाओं में से एक है, विशेष रूप से हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रस्त रोगियों के लिए। यह न केवल एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है, बल्कि तनाव, क्रोध और भावनात्मक अस्थिरता को भी दूर करने में मदद करती है, जो अक्सर हृदय संबंधी समस्याओं से जुड़े होते हैं।

कोलेस्टेरिनमः होम्योपैथी की यह दवा सीधे कोलेस्ट्रॉल के जमाव को लक्षित करती है, एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करती है और एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को संतुलित करती है। कोलेस्टेरिनम ऐसे रोगियों के लिए अत्यधिक अनुशंसित दवा है, जिनका कोलेस्ट्रॉल स्तर खतरनाक रूप से उच्च है या जिन्हें दिल के दौरा पड़ने का खतरा बना रहता है।

कैल्केरिया कार्बोनिका: खराब खान-पान या वज़न बढ़ने के कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे रोगियों के लिए, कैल्केरिया कार्बोनिका कोलेस्ट्रॉल की सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवाओं में से एक है। यह ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करने में भी मदद करती है, जिसके चलते यह अधिक वज़न वाले या चयापचय संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है।

लाइकोपोडियम क्लैवाटमः होम्योपैथी की यह दवाई कोलेस्ट्रॉल कम करने में बेहद कारगर सिद्व होती है, विशेष रूप से जब उच्च कोलेस्ट्रॉल पाचन समस्याओं, लिवर की समस्याओं या पेट फूलने की समस्या से जुड़ा हो। लाइकोपोडियम क्लैवाटम लिवर की कार्यप्रणाली में सुधार और तनाव से संबंधित खान-पान संबंधी विकारों के उपचार में भी मदद करती है।

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें। अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी एवं उपचार के लिए फोन नं0 9897702775 पर सम्पर्क करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।