बाल समय से पहले सफेद होने पर कारगर होम्योपैथिक उपचार      Publish Date : 02/10/2025

    बाल समय से पहले सफेद होने पर कारगर होम्योपैथिक उपचार

                                                                                                                                                                              डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

हमारे बाल ही हमारे व्यक्तित्व की पहचान होते हैं। भले ही यह बात थोड़ी अटपटी लगे, लेकिन बालों का समय से पहले सफ़ेद होना कुछ लोगों के लिए बहुत परेशान करने वाला हो सकता है। आमतौर पर 35 वर्ष की उम्र से पहले बालों का सफ़ेद होना, बालों का समय से पहले सफ़ेद हो जाना कहलाता है।

                                                                

पिछले कुछ सालों में इस समस्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है, और इसके मुख्य कारण तनाव या चिंता, अनुचित आहार, शैंपू और कंडीशनर आदि का आवश्यकता से अधिक उपयोग अथवा यह आपके जीन में भी हो सकता है। 8-10 साल की उम्र के बच्चों में भी बाल सफ़ेद होने के मामले सामने आ रहे हैं।

ऐसे में होम्योपैथिक दवाओं से बालों के समय से पहले सफ़ेद होने का सफलतापूर्वक उपचार किया जा सकता है। बालों के समय से पहले सफ़ेद होने के होम्योपैथिक उपचार प्राकृतिक तत्वों से निर्मित होते हैं और इसके कारण इनका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है। होम्योपैथिक दवाएं बालों के सफ़ेद होने की प्रक्रिया को रोकने के लिए सबसे कोमल और प्राकृतिक तरीके से काम करती हैं।

समय से पहले बालों के सफेद होने के लिए शीर्ष होम्योपैथिक दवाएं

                                                                           

समय से पहले बालों के सफेद होने की होम्योपैथिकी की कुछ प्रमुख दवाओं में फॉस्फोरिक एसिड, लाइकोपोडियम, नेट्रम म्यूर, फॉस्फोरस, सिलिसिया और विंका माइनर आदि शामिल हैं।

फॉस्फोरिक एसिडः समय से पहले बालों के सफेद होने की सबसे अच्छी दवाई

फॉस्फोरिक एसिड दुःख और अवसाद के कारण समय से पहले सफ़ेद हो रहे बालों के उपचार के लिए एक सर्वोत्तम प्राकृतिक औषधि है। इसके साथ ही आपके बाल पतले या झड़ भी सकते हैं। रोगी अपने आपको बहुत अधिक निराश और उदास महसूस करता है और जीवन के सभी पहलुओं के प्रति उदासीन हो जाता है। इस होम्योपैथिक दवा की आवश्यकता वाले सभी रोगिों में अत्यधिक थकावट और कमजोरी के लक्षण भी दिखाई देते हैं।

यह कमजोरी शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर देखी जाती है। फॉस्फोरिक एसिड रोगी को दुःख से उबरने और दुःख के प्रभाव से नष्ट हुए बालों के रंगद्रव्य को पुनः प्राप्त करने में मदद करता है।

लाइकोपोडियमः समय से पहले सफेद होते बालों के लिए एक उत्तम विकल्प

लाइकोपोडियम बालों के सफ़ेद होने की प्रक्रिया को रोकने के लिए एक बेहतरीन होम्योपैथी का उपाय है, विशेषरूप से जब बालों का रंग धब्बों में कम हो जाता है। लाइकोपोडियम बालों के सफ़ेद होने को रोकने के लिए सबसे प्राकृतिक और हानिरहित तरीके से काम करने वाली औषधि है। इस दवा के मरीज को मिठाई और गर्म पेय पदार्थों की तलब अधिक हो सकती है। जिन मरीजों के लिए लाइकोपोडियम बहुत मददगार हो सकता है, वे आमतौर पर कब्ज और पेट में गैस जैसी पेट की समस्याओं से भी पीड़ित रहते हैं।

नैट्रम म्यूरः एनीमिया या कमजोर मरीजों के बालों के सफेद होने में लाभकारी

नैट्रम म्यूर एक प्राकृतिक औषधि है जो विशेष रूप से कमज़ोर और रक्तहीन (रक्त की कमी) मरीजों में सफ़ेद बालों के उपचार में बहुत मददगार रहती है। यह होम्योपैथिक दवा रोगी के सामान्य स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और बालों के सफ़ेद होने की समस्या से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है। जिन मरीजों को नैट्रम म्यूर से लाभ हो सकता है, उन्हें तेज़ सिरदर्द भी हो सकता है, जो धूप में और भी बदतर हो जाता है। साथ ही, उन्हें अधिक नमक खाने की असामान्य इच्छा भी हो सकती है।

फॉस्फोरसः सफेद हो रहे बालों के लिए बेहतर

फॉस्फोरस सफ़ेद बालों के उपचार के लिए एक होम्योपैथी का एक बेहतरीन उपाय है। यह दवा बालों को और सफ़ेद होने से रोकने का अद्भुत रूप से काम करती है। बालों के सफ़ेद होने के साथ-साथ बालों का झड़ना या रूसी भी हो सकती है। इस दवाई के लक्षणों में सिर में खुजली होती है। कोल्ड ड्रिंक, जूस और आइसक्रीम जैसी खाने की अजीबोगरीब लालसाओं की रोकथाम के लिए इस होम्योपैथिक दवा का उपयोग किया जा सकता है।

सिलिकियाः अनुचित पाचन के साथ समय से पहले सफेद हुए बालों के लिए बेहतरीन उपाय

पाचन शक्ति, मुख्यतः आँतों की अवशोषण शक्ति, अपर्याप्त और कमज़ोर होने पर, सफ़ेद बालों के इलाज के लिए सिलिसिया एक अत्यंत लाभकारी प्राकृतिक औषधि है। कमज़ोर अवशोषण के कारण, भोजन से पोषक तत्व ठीक से अवशोषित और उपयोग नहीं हो पाते। पोषक तत्वों की कमी से कई परेशानियाँ होती हैं और बालों का सफ़ेद होना भी इसी का एक परिणाम होता है।

सिलिसिया आँतों की अवशोषण क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है। परिणामस्वरूप, बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने के लिए पोषक तत्व उचित मात्रा में उपलब्ध होते हैं। सिलिसिया की आवश्यकता वाले मरीजों को आमतौर पर सिर पर पसीना अधिक आता है। ऐसे मरीजों के पैरों में भी दुर्गंध के साथ पसीना आ सकता है।

ठंडी हवा के प्रति संवेदनशीलता का होना इस दवाई का एक महत्वपूर्ण लक्षण है जो सफ़ेद बालों के लिए इस होम्योपैथिक दवा के उपयोग की पुष्टि करता है।

विंका माइनरः बालों का धब्बों में सफेद होने के लिए उपयुक्त

विंका माइनर बालों का सफ़ेद होना रोकने में बेहद मददगार एक प्राकृतिक औषधि है। यह दवा उन मामलों में सबसे अच्छा उपाय होती है जहाँ बाल जगह-जगह झड़ गए हों उस स्थान पर धब्बे बन गए हों और उनकी जगह सफ़ेद बाल आ गए हों। विंका माइनर बिना किसी दुष्प्रभाव के ऐसे बालों को प्राकृतिक रूप से रंग देता है। इस दवा का उपयोग खोपड़ी पर होने वाले दाने और स्राव के कारण बालों के आपस में चिपक जाने के इलाज के लिए भी किया जाता है।

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें। अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी एवं उपचार के लिए फोन नं0 9897702775 पर सम्पर्क करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।